यह कहानी मेरी और मेरी एक क्लासमेट ही है जिसका नाम आरती था, कैसे हम ने स्कूल के एनुअल फंक्शन वाले दिन गर्ल्स टॉयलेट में छुप कर पहला सेक्स किया यह एक सच्ची कहानी है तो आइए अब स्टोरी पर चलते हैं.
बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं में था और मुझे सेक्स के बारे में पूरी नॉलेज थी, बस कभी मौका नहीं मिल रहा था, तो अपने हाथ से काम चला रहा था. वैसे मैं क्लास के हरामी लोंडो में से एक था. सबसे भकचोदी करना ही मेरा काम था.
सभी लड़कियों से मेरी अच्छी दोस्ती थी, कुछ कुछ से तो काफी अच्छी थी. मैं उनसे सब चीजों के बारे में बात कर लेता था, उन में से एक आरती भी थी, वह बहुत सुंदर दिखती थी, क्लास के हर लड़के की नजर उस पर ही रहती थी. लेकिन वह भी कम हरामी नहीं थी, सबसे मजे लेती थी. मेरी उससे अच्छी दोस्ती थी हम सब बातें खुल कर किया करते थे.
मजाक मजाक में उसे मैंने सेक्स के बारे में भी बात कर ली थी, वह हस जाती थी मेरे मन तो बस यही था कि हंसी तो फंसी. मैं उसको चोदना चाहता था फिर एक दिन क्लास में कम बच्चे आए थे, मैं उसके पीछे वाली सीट पर बैठा था. उसको पीछे से छेड़ रहा था, कभी उसके बालों को पकड़ता तो कभी उसकी चुन्नी खींच देता, वह भी मजे ले रही थी.
जब क्लास खत्म हुई तो मैं आगे जा रहा था इतने में वह मेरे सामने से आ गई मेरा एक हाथ उसके चूची पर लग गया, मेरा हाल बेहाल हो गया. मेरे तो पेंट में तंबू बन गया था, मुझे डर भी लग रहा था कि वह क्या कहेगी? लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. मेरा दिल तो गार्डन गार्डन हो गया, यारो क्या बताऊं उसके चूचो के बारे में, मुझे साइज़ तो नहीं पता लेकिन इतने बड़े और सॉफ्ट थे की मजा ही आ गया.
फिर तो मुझे खुली छूट मिल गई थी, मैं जब भी मौका मिलता उसके यहां वहां हाथ लगा देता, काफी दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैं उसके लिए दीवाना हुआ जा रहा था, उसके नाम का मुठ मार रहा था, मुझे बस वह चाहिए थी हर कीमत पर.
फिर एक दिन स्कूल में एनुअल फंक्शन का नोटिस आया, उसे डांस का शौक था इसलिए उसने डांस में ले लिया, और इसी चक्कर में मैंने ड्रामा में ले लिया. फिर डेली हमारा प्रैक्टिस चालू हो गई, मैं उसे खूब बातें करता. फिर फाइनली एनुअल डे आ गया मुझे नहीं पता था कि आज मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ होने वाला है? मेरा सपना पूरा होने वाला हे, उस दिन की स्टार्टिंग तो नॉर्मल ही थी, लेकिन एंडिंग में कभी नहीं भूलूंगा.
वह हर दिन बस के स्कूल जाया करती थी, और मैं अपनी एक्टिवा से, तो उस दिन बस नहीं आनी थी, तो मैंने मौका का फायदा उठाते हुए कहा कि मेरे साथ चलना. तो पहले तो उसने मना कर दिया, फिर बाद में मैंने फ़ोर्स किया तो उसने हां कर दिया.
फिर अगली सुबह मैं उसके घर गया उसको पिक करने, यारों क्या बताऊं क्या कमाल की लग रही थी, ३६-२४-३६ बिल्कुल परफेक्ट शेप. मेरा तो हाल बेहाल हो गया, वह मेरे पीछे आ कर बैठी, उसके चूचे मेरी पीठ से छू रहे थे, में तो सातवें आसमान पर था.
फिर मैंने रास्ते में कई बार टाइट ब्रेक मारे, उसने कहा कि तू कभी नहीं सुधरेगा. वह बातें सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरा तो मन कर रहा था कि स्कूल नहि जाने का, फिर हम स्कूल पहुंचे वह उतर गई और जाते जाते एक फ़्लाइंग कीस दी, मैं तो बस वही मर गया.
फिर सब लोग तैयारी में लगे हुए थे, सब कोश्चुम पहन के आ रहे थे, मैं उसके रूम के बाहर खड़ा था और खिड़की में झांकने की कोशिश कर रहा था, इतने में वह बाहर आ गई, मेरी थोड़ी फटी लेकिन उसके पूछा क्या देख रहा था? मैंने कहा अब तू समझ जा क्या देखना चाह रहा था? उसने कहा अगर तेरा नसीब अच्छा हो तो शायद मौका मिल जाए, मेरे लिए यह हरी जंडी थी, मैं तो बस अब यह सोच रहा था कि कैसे मौका मिले.
फिर थोड़ी देर बाद वह गर्ल्स टॉयलेट में गई, मैं भी उसके पीछे चल दिया पता नहीं तब इतनी हिम्मत कहां से आ गई? वह अंदर घुसी थोड़ी देर बाद में भी घुस गया. पहले तो वह थोड़ी शॉक हो गई, फिर उसने कहा तू कैसे आ गया यहां? मैंने कहा मौके की तलाश में. वह हंस पड़ी और अपना मेकअप करने लगी, मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया बिल्कुल चिपक कर.
उसने कुछ नहीं कहा, फिर मैं धीरे धीरे उससे कान के पास किस करने लगा और पर वो दूर करने की कोशिश कर रही थी, पर ज्यादा नहीं. मैं तो खुशी से पागल हुआ जा रहा था, मेरा पेंट का तंबू उसके गांड में घुसने जा रहा था. फिर मैंने धीरे से एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, और उसने हटा दिया. मैंने फिर कोशिश की उसने फिर से रोक दिया.
इस बार मैंने और हिम्मत की और दोनों हाथ उसके बूब्स पर ले गया, एक हाथ से उसके हाथ को पकड़ा और दूसरे से बूब्स दबाने लगा, उसने अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन मैंने नहीं छोड़े. मैं उसकी गर्दन पर किस कर रहा था, वह विरोध तो कर रही थी, लेकिन इतना नहीं.. शायद उसके मन में भी वहीं था जो मेरे में था.
मैंने उसे हग कर लिया और किस करना स्टार्ट कर दिया, मैं तो पागल हो गया था उसके गुलाबी ओठ, मन कर रहा था इन्हें चूसता रहूं. पहले तो छुड़ाने की कोशिश कर रही थी फिर थोड़ी देर बाद वो भी साथ देने लगी, फिर क्या था? अब तो मेरी जिंदगी सफल होने जा रही थी.
फिर मैंने उसके बूब्स दबाने स्टार्ट किया वह धीरे धीरे मोन कर रही थी, मैं उसे किस किए जा रहा था. फिर मैंने पीछे से उसके टॉप की जीप खोल दी, और फिर ब्रा के हुक भी. अब तो वह भी पूरे जोश में मुझे किस कर रही थी, मैंने फिर धीरे धीरे उसका टॉप उतार दिया और जो देखा फिर तो मैं पागल हो गया.
बड़े बड़े चूचे और बिल्कुल पिंक निप्पल्स. मैंने तो चूसना चालू किया और बस चुसे ही जा रहा था. फिर धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाला, उसने इसे रोक दिया. मैंने फिर से डाला उसने मुझे कहा कि कुछ होगा तो नहीं? मैंने कहा कुछ नहीं होगा.
फिर उसने नहीं रोका, मैंने धीरे से हाथ अंदर डाला और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से रब करने लगा. वह मोन किए जा रही थी. फिर उसने अपना हाथ मेरे लंड की ओर बढ़ाया और उस को बाहर निकाला और वह देखकर उसकी फट गई. मैंने उसे किस करते हुए कहा कुछ नहीं होगा, टेंशन मत ले.
फिर मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा किया और नीचे बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा वह बिल्कुल गीली हो चुकी थी, मैंने उसकी पैंटी भी उतार दीया और चाटने लगा बहुत अच्छा स्वाद था.
वह मोन करे जा रही थी, उसको भी एक नशा चढ़ रहा था. २ मिनट में ही वह जड़ गई, मैं खड़ा हो गया और वह घुटनों पर बैठ गई. और मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. और कहा कि इसे सक करो. लेकिन उसने करने से मना कर दिया, फिर मैंने फ़ोर्स किया तो वह किस करने लगी, फिर उसको भी मजा आने लगा और वह धीरे धीरे चूसने लगी. मेरी तो हालत खराब हो गई थी, मैं तो ३-४ मिनट में ही झड़ गया उसके मुंह में ही, उसने सारा माल निकाल दिया और मुंह धो दिया.
फिर मैंने उसको वाशबेसिन की स्लेप पर बैठाया और उसके पैर चौडे किये और किस करने लगा, और फिर धीरे से अपना लंड का टोपा उसके बिल्कुल चूत के मुंह पर रख दिया. उसने आंखें बंद कर ली. मेरा भी पहली टाइम था, तो गांड तो मेरी फट रही थी लेकिन उस टाइम बहुत जोश आ गया था.
मैंने धीरे से एक शॉट लगाया लेकिन लंड फिसल गया मैंने, फिर सेट किया और एक शॉट लगाया. तो थोड़ा सा लंड घुस गया, उसकी आंखें बड़ी हो गई थी, उसके मुंह से आवाज नहीं निकली लेकिन उसकी आंखें सब बता रही थी. मैंने उसे किस किया और थोड़ी देर बाद वह नॉर्मल हुई तो १-२ शॉट धीरे धीरे लगाए.
फिर एक तेज शॉट दिया तो फिर से उसकी चीख निकल गई, मुझे भी थोड़ा दर्द हो रहा था. मैंने उसके बूब्स चूसना शुरू किया, वह मुझे धक्का दे रही थी. और मैं उसे समजा रहा था कि कुछ नहीं होगा, बाद में मजा आएगा. लेकिन उस टाइम उसे बहुत दर्द हो रहा था.
थोड़ी देर बाद वह नॉर्मल हुई, मैंने धीरे धीरे लंड आगे पीछे किया. फिर उसे मजा आया, फिर धीरे धीरे करता रहा. थोड़ी देर बाद वह भी साथ देने लगी, और आह्ह ओह हहह उऔ उहः यस्स ह्ह्ह्स हहा हहो हांऊऊ करने लगी, उसे मुज़े और जोश चढ़ा फिर मैंने थोड़ी स्पीड बढ़ाई और हमारी चुदाई का सिलसिला १०-१५ मिनट तक चला, उसके बाद हम दोनों बहुत थक गए थे और दोनों ही जड़ चुके थे, फिर मैंने उसे किस किया और हम ने हाथ मुंह धोया.
उसे चला नहीं जा रहा था और थोड़ी देर में उसका पर्फॉर्मेंस भी था.