हेलो दोस्तों, में मिथुन एक नई कहानी लेकर आया हूं. यह कहानी मेरे मौसी के परिवार और मेरे बीच जो घटना घटी उसके बारे में है, मेरी मौसी के परिवार में मौसा जी मौसी और उनके दो बच्चे एक लड़का और एक लड़की है, भाई बहन से छोटा था.
बात तब की है जब गर्मी की छुट्टियां चल रही थी, मैं फाइनल ईयर में था और मेरे मौसी का लड़के का नाम ध्रुव था. मैं २१ साल का था और वह १८ साल का था, मैंने तो पहले ही सेक्स का अनुभव कर दिया था अपनी टीचर के साथ, मैं स्ट्रेट हूं पर एक बार ध्रुव ने कुछ ऐसा किया जिस से मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया.
एक सुबह को हम लेट उठे, उस दिन घर पर दोनों परिवार थे मौसा जी के अलावा. हमारा एक फार्म हाउस है और वहां एक स्विमिंग पूल भी है, गर्मी के टाइम पर हम रोज वहां जाते हैं, एक शाम को स्विमिंग करते वक्त मेरे पैर में मोच आ गई और मैं बहुत ज्यादा दर्द में था.
अब मुझे तो वापस चल कर घर भी जाना था. ध्रुव भी गाड़ी चला लेता है, तो वह सब को ले जा सकता था, मैं थोड़ा मोटा हूं इसलिए मुझे उठाना थोड़ा मुश्किल था इसलिए मैंने सोचा मैं फार्म हाउस पर ही रुक जाता हूं, मौसी ने बोला कि आज रात यहीं रुक जाओ, ध्रुव एक घंटे में आ जाएगा खाना लेकर, फिर अगली सुबह हम दोनों वापस आ जाये.
ध्रुव सबको लेकर गया, मैं गिला ही बाहर बरामदे पर बैठा था, मैं अपनी पतलून भी नही बदल सकता था क्योंकि मुझे पैर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.
मैंने ध्रुव का इंतजार वहीं पर किया, थोड़ी देर बाद वह खाना लेकर आया और गाड़ी पार्क कर दी, उसने मुझे देख कर बोला कि भैया अभी तक आप यही पर बैठे हो?
मैंने कहा हां यार पैर मुड नहीं रहा तो मैं कैसे चल सकता हूं. फिर वह टिफिन अंदर रख कर आया और मुझे धीरे धीरे बाथरूम तक ले गया, फिर मैंने जैसे तैसे कर के अपने कपड़े बदले और खाना खाया.
रात हो गई थी और बिजली भी चली गई थी, ऐसे कई बार होता है कि बिजली चली जाती है, वह एक ही डबल बेड था और ध्रुव ने बिस्तर जमाया और हम दोनों साथ में सो गए.
मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था इसलिए मुझे नींद नहीं आ रही थी पर मैं सोने का नाटक कर रहा था क्या पता नींद आ जाए.
थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कुछ मेरे पेट के ऊपर रेंग रहा है, वह धीरे धीरे नीचे बढ़ रहा है मेरी तोंद बड़ी मुलायम थी, मैंने धीरे से देखा तो ध्रुव का हाथ था मेरे पेट के ऊपर, मुझे लगा नींद में है इसलिए कुछ नहीं किया, वह लंड के पास जाकर रुक गया, मुझे उसके इरादे मालूम नहीं थे.
थोड़ी देर बाद उसने हाथ मेरी छाती पर लाया, मोटापे के कारण मेरी छाती छोटे स्तन जैसे हो गई, वह इसको भी महसूस कर रहा था, अब मेरा लंड ना जाने क्यों टाइट होने लगा था?
मैंने शर्म के मारे अपनी पिठ उसकी और मोड ली, थोड़ी देर बाद अब वह मेरी गांड को महसूस करने लगा था, पहले उसने अपनी उंगली मेरे गांड के छेद पर घुसेडने की कोशिश कर रहा था, उसके बाद उसने अपना लंड मेरी गांड पर घिसना शुरु कर दिया. यह सब गलत लग रहा था पर वाकई में मजा भी दुगना आ रहा था, वह सो गया था शायद पर मुझे मजा आने लगा था फिर मैं भी सो गया था.
सुबह काफी देर से हम दोनों उठे, वह नॉर्मल ही बिहेव कर रहा था, जैसे कुछ हुआ नहीं. मैंने भी नार्मल ही बिहेव करना शुरू कर दिया, उसको पूल में नहाना अच्छा लगता था.
उसकी इच्छा तो हो गई थी नहांने की पर चेंज करने के लिए कपड़े नहीं थे, उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर मुझसे रहा नहीं गया मैंने कहा तू शाम को नहा लेना वापस अभी घर चलते हैं, उसको खुराफाती आयडिया आया.
ध्रुव ने बोला भैया क्यों न बिना कपड़ों के ही नहाए? मैं शॉक रह गया, मैंने कहा ऐसा गलत होगा, तो उसने समझाया कि कोई आने वाला नहीं है और कोई पूछने कहने वाला भी नहीं है. मैंने कहा ठीक है, मगर घर पर किसी को यह कहना मत. वह मान गया और बिना टाइम वेस्ट किये ही वो पूरा नंगा हो गया, उसका लंड पहले से ही टाइट हो गया था.
उसका लंड मेरे से छोटा था ४ इंच का, मगर वह देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया जैसे मुझे उसका लंड चूसना था, मैं उसके लंड को ताक के देख रहा था और वह बोला कि क्या हुआ क्या ऐसे क्यों देख रहे हो? मैंने कहा पहली बार तुजे नंगा देख रहा हूं इसलिए, वह हंस पड़ा और बोला कि आपकी आ जाओ, वह जाता है वह निकल गया.
मेरा पैर तो वैसे ठीक हो गया था पर मैं उसको अपने ६ इंच के लंड का दर्शन करवाना चाहता था, मैंने उस को बीच से ही वापस बुलाया, उसने पूछा क्या हुआ भैया? मैंने कहा मेरा पैर अकड़ गया है तू मेरी पेंट उतारने में मदद कर, वह तुरंत मान गया बिना कुछ कहे मेरी लोवर हटा दी और मेरा लंड उसके नाक से टकराने लगा, वह हंस पड़ा और हम दोनो नहा लिए पूल में, हम अब वापस आ रहे थे, उसने मेरी गांड पर मस्ती से पिंच मारी.
फिर रुम पर आकर उसने वापस मेरी छाती को महसूस करना शुरू कर दिया और वह जोर जोर से दबा रहा था मुझे किस करना चाहता था, पर मैंने मना कर दिया. मैंने कहा कि यह सब बहुत गलत है यह सुन कर रुक गया और हम तैयार होकर घर चले गए.
फिर मौसी वापस चली गई, अब मेरे फाइनेंस खत्म हो चुके थे, में जो हुआ था उसको पूरी तरह भूल चुका था, ठंड का मौसम आ गया था, मुझे एक महीने की छुट्टियां मिली थी, मैंने सोचा मौसी के वहां चला जाऊंगा. टिकट निकाल के मैं तुरंत निकल गया. काफी टाइम तक मैंने सेक्स नहीं किया था, मेरे अंदर की वासना अपनी सीमा पर थी. पर कोई रास्ता नहीं मिल रहा था.
में वहां पहुंचा तो स्टेशन पर मौसाजी और मौसी वहीं पर थे, मौसी ने कहा मौसा जी की तिन हक्तों के लिए आउट ऑफ कंट्री जा रहे हैं, उनको ड्राप करके हम लोग घर जाते हैं, मौसा जी की ट्रेन निकल गई.
मौसी एक होटल के वहा पर ले गयी वहां से पार्सल लेकर घर वापस जाना था, उन्होंने स्वेटर पहन रखा था और उनका पर्स स्वेटर के अंदर था तो उन्होंने जब स्वेटर का बटन खोला तो उनके निप्पल एकदम तने हुए थे.
यह देख कर मेरा भी धीरे धीरे लंड खड़ा हो गया, पूरे रास्ते यही सोच रहा था, शायद मैंने अंदर ही जड़ दिया था. घर पर पहुच कर मैंने अपने कपड़े बदल लिया, खाना खा कर सोने की तैयारी कर रहे थे, मौसी और बहन उन के कमरे में सोने चले गए और मैं और ध्रुव उस के कमरे में. अब मुझे फार्म हाउस वाली वह रात याद आ गई थी.
ध्रुवे के दिमाग में क्या था मुझे पता नहीं था, मुझे नहीं पता था की वह सो रहा है कि नहीं, पर मेरी वासना मेरे सर पर चढ़ी हुई थी, मुझे आज सेक्स चाहिए ही था किसी भी हालत में, मैंने उस के लोवर के अंदर हाथ तुरंत डाल दिया तो वह उठ गया.
वह पहले थोड़ा शॉक में था मगर उसको भी वासना चढ़ गई, वह मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा, हमने बहुत रोमांटिक लिप किस किया. मैंने पहली बार किसी लड़की को किस किया था, मुझे अंदाज से ज्यादा मजा आ रहा था, मैंने उस को पकड़ रखा था. हम ऐसे किस कर रहे थे जैसे की बरसो के प्यासे हो और मुझे अब बहोत मजा आ रहा था. मजा तो ध्रुव को भी आ रहा था और वह मेरे होठो को अपने ओठो के बिच में ले कर चूस रहा था और मजे ले रहा था.
उस ने मेरी टी शर्ट निकाल दी और मेरी छाती को दबाने लगा, मुझे सच में बहुत मजा आ रहा था, मैंने उसे अपने निपल चूस ने को कहा, वह उस को प्यार से काट रहा था, वह फीलिंग बहुत ही अलग थी, उस ने भरपूर मजा दिलाया. वह मेरे निपल को अपने मुह में ले कर उस पर अपनी जीभ फेर रहा था और तब मेरे मुह से अहह आयी अह्ह्ह औऊ हहह अम्म की अवजे निकलने लगी थी और में आसमान में उड़ने की फिलिंग कर रहा था.
फिर थोड़ी देर के बाद वह खड़ा हुआ और उस ने अपनी पैंट निकाल कर बोला भैया मेरे लंड को चूसोगे ना? मैंने तुरंत ही उसका लंड मुंह में ले लिया, उसका लंड थोड़ा नमकिन था, वह अपनी गांड आगे पीछे कर रहा था ताकि वह माउथ सेक्स कर सके. वह जड गया, फिर भी मैंने उसका लंड मेरे मुह में चूसना चालू रखा और उस का सारा का सारा पानी पी गया. फिर उस ने मेरा लोवर निकाला, मुझे को उस ने अपने पेट के बल लेट जाने को कहा.
फिर में अपने पेट के बल लेट गया. उस ने मेरी गांड को हाथ से दबाने लगा. फिर थोड़ा खेलने के बाद उस ने मेरी गांड के छेद के साथ खेलने लगा, वह अपनी जीभ को पास लाया और मेरी गांड के छेद को चाटने लगा, मुझे और मजा आने लगा था.
फिर उस ने थोड़ी देर किया और फिर अपने उंगली से मेरे छेद को चोडी करने लगा. मुझे दर्द तो हुआ मगर आज तक जितनी लड़कियों की सील तोड़ी, उस का दर्द और मजा दोनों महसूस कर रहा था. वह बोला कि भैया मैं आप की गांड मारना चाहता हूं.
मैं तुरंत ही वापस पीठ के बल सो गया और अपने दोनों मोटे पैर ऊपर कर लिया. मुझे पता था कि मुझे बहुत दर्द होने वाला है क्योंकि मेने पहले कभी अपनी गांड को नहीं मरवाया था. मगर मजा भी बहुत आ रहा था उस ने फटक से अपना लंड हाथ में लिया और उसे सहलाने लगा और फिर उसने अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और फिर उस ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया और मैं थोड़ा घबरा गया क्यों कि अगर में चिल्ला देता तो मौसी आवाज को सुन कर चली आती और हम रंगे हाथो पकड़े जाते.
अब दर्द को सहन कर के मैंने उस को और जोर से मारने को कहा, वह मारता चला गया और मुझे मजा आता गया, साथ ही साथ वह मेरी चूची को भी चूसता चला गया. उस ने मेरे छेद में ही जड़ दिया, मगर उस का लंड अभी तक टाइट था तो उसने कंटिन्यू रखा और वह मुझे जोर जोर से मार रहा था अब मेरे मुह से अहः अय्य्य अय्यर और अहह हआऊअ उअर मरो और मारो और वह मुझे लंड से पेल रहा था और तीन बार जड ने के बाद वह थक गया और बिस्तर पर लेट गया, मैंने उस को सोने के पहले फिर किस किया.
सुबह को सब नॉर्मल हो चुका था, में फ्रेश होकर होल में आया तो मेने देखा की मेरी मौसी जी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी, फिर थोड़ी देर के बाद नाश्ता किया और फिर ध्रुव और उस की बहन नेहा दोनों स्कूल को चले गए. नेहा १२वीं में पढ़ रही थी और ध्रुव १० वी में पढ़ रहा था. फिर मेने सोचा की थोड़ा लेट नहाता हूं ठंडी का मौसम है इसलिए. मौसी जी नहाने को गई हो मुझे बोला कि टॉवल पहन ले और कपड़े बाल्टी में भिगो दें उन के और मेरे. मैंने वही किया, एक प्रॉब्लम थी की मौसी के घर जो टॉवेल था वह थोड़ा छोटा था तो मेरा लंड के आगे का हिस्सा टावेल के बाहर दिख रहा था. मैंने एडजस्ट किया मगर हुआ नहीं, मौसी नहा कर निकली और बोली की पानी गैस पर गरम हो रहा है तू उधर ही रहना.
कुछ देर के बाद मेरा नहाने के लिए पानी तैयार हो गया था और मैं उस पतीले को ले कर बाथ रूम जा रहा था कि रास्ते में मेरा टॉवेल गिर गया, मैं पूरा नंगा था. मौसी वही तैयार हो रही थी और मेरा लंड अब तना हुआ था, तो उस को देख कर हंस रही थी मैं भी मुस्कुराया और कहा क्या मौसी आप भी ना..
अब मैंने फैसला कर लिया था की मौसी और नेहा दोनों को चोद के ही रहूंगा, ध्रुव तो रात का इंतजार कर रहा था, मैंने एक हट के प्लान बनाया, जिस से मेरी और ध्रुव दोनों की वासना पूरी हो जाए. मैं कभी कभार नींद की गोलियां लिया करता था, अपने दादा जी की चिट्ठी से नींद की गोलीया ले कर आता था अपने लिए, आज वह काम आ सकती है.
ध्रुव को क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए क्लब जाना पड़ता था, उस को लाने के लिए शाम को मौसा जी जाते थे. मैंने सोचा आज मैं चला जाता हूं वहां मैं जल्दी पहुंच गया. ध्रुव की प्रेक्टिस भी जल्दी खत्म हो गई थी, वह वहा पर फ्री बैठा था, मैंने उस को बाहर बुला लिया. वह सब पेक कर के बाहर आ गया.
मेने उस को पीछे बैठाया और एक पास के गार्डन में ले गया, मैंने कहा मुझे मौसी और नेहा दोनों को चोदना है, वह पहले यह सुन कर हिचकिचाया मगर मान गया. मैंने उसे ६ गोली दे दी. हमने प्लान बनाया की आइसक्रीम में मिक्स कर के दे देंगे फिर काम निपटा लेंगे. वैसे भी सैटरडे था इसलिए सुबह जल्दी उठने का जल्दी नहीं थी.
प्लान के मुताबिक मेने ध्रुव को आइसक्रीम लाने को कहा और रस्ते में उस ने नींद की गोलियां मिक्स कर दी उन दोनों की आइसक्रीम में. आइसक्रीम खाने के १० मिनट बाद मौसी और नेहा गहरी नींद में थे. ध्रुव ने नेहा के और मैंने मौसी के कपड़े उतारे. नेहा की उम्र के हिसाब से उस के बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और कोमल और नीपल एकदम गुलाबी रंग के थे. वह थोड़ा शरमा रहा था मगर उस को देख कर ऐसा लग रहा था कि वह सिर्फ मेरी गांड मारना चाहता था. मैंने उसे बोला कि मैं पहले इन दोनों को जम के चोद लू फिर तू मेरी गांड मार लेना, तो वह मान गया.
पहले मैंने मौसी को अपनी हवस का शिकार बनाया. उन का फिगर तो मेंटेन था मगर निप्पल कुछ ज्यादा ही बड़े थे, तो चूसने में और आनंद आया. मोसी के बाद अब नेहा की बारी थी, नेहा के अंदर जैसे ही अपना लंड डाला मुझे पीछे से झटका महसूस हुआ मेने देखा तो ध्रुव ने मेरी गांड मारना चालू कर दिया था, मैं भी नहीं रुका और वह भी नहीं रुका, एक तरफ मैं नेहा की चूत को बजा रहा था तो दूसरी तरफ उसका भाई मेरी बजा रहा था. २ घंटे तक मौसी और नेहा की बजाने के बाद में थक चुका था. मैंने उनको कपड़े पहना कर उनके रूम में लेटा दिया और मैं और ध्रुव अपने कमरे में आ गए. ध्रुव एक आखरी बार मारना चाहता था तो मैंने अपने पैर फैलाए और अपनी गांड मरवाई.
अब मौसी और नेहा के प्रति मेरी हवस कमजोर हो चुकी थी, मगर ध्रुव के साथ एक मौका नहीं छोड़ता था अपनी गांड मरवाने का. वह २१ दिन हमने बहुत ही आनंद से गुजारे.