सभी दोस्तों को मेरा प्यार! मैं कविता हूँ और मेरी उम्र 26 साल की हे. मेरा फिगर 36b, 28, 34 हे और रंग एकदम गोरा हे. मेरी लम्बाई 5 फिट 6 इंच की हे. लम्बे बाल हे और ओवरआल आप मुझे एक सेक्सी औरत कह सकते हो. वैसे मैं इंडिया से हूँ पंजाब से लेकिन पिछले कुछ टाइम से मैं यहाँ सिडनी, ऑस्ट्रलिया में रह रही हूँ अपने हसबंड और ननंद के साथ में.
ज्यादा टाइम लेते ना हुए मैं सीधे ही स्टोरी के ऊपर आती हूँ. मेरे बर्थ-डे के दिन मैंने अपने मकानमालिक से चुदवा लिया. मेरा ये चक्कर इस घर में शिफ्ट होने के बाद से ही चल रहा हे. वो भी किसी की तलाश में था और मैं भी लंड की जरूरत में लगी थी. तो हम दोनों एक दुसरे की जरूरत से बन गए. चुदवा के उठी तो देखा की मेरा मकानमालिक सुरेश बिस्तर के ऊपर नहीं था. मैंने सोचा की शायद वो बाथरूम में गया होगा.
थोड़ी देर तक सुरेश जी नहीं आये तो मैं उठी. मैं अभी नंगी ही थी. पति और ननंद घर में नहीं होते हे तो मैं ऊपर के मजले में ऐसे नंगी ही होती हूँ. हम लोग निचे रहते हे और सुरेश जी सेम मकान में ऊपर के मजले में रहते हे. वही पर अक्सर मेरी चुदाई होती हे. सुरेश जी कही दिखाए नहीं दिए तो मुझे गुस्सा आया की साला ये हरामी बूढा चूत चोदने के बाद कहाँ भाग गया. मुझे खर्चे के लिए उस से पैसे भी लेने थे! मैंने अपने नंगे बदन के ऊपर सिर्फ एक चुन्नी लपेट ली और घर में घुमने लगी.
फिर मैं वैसे ही फ्रेश होने लगी. फिर बहार आई तो सामान बिखरा पड़ा हुआ था. सामान साफ़ किया और अपने लिए चाय बनाने के लिए चली गई. मैंने सब काम खत्म किया और फिर नहाने के लिए चली गई. चूत में चिपके हुए वीर्य के सूखे अवशेषों को मैंने धो लिया और नाहा के बहार आ गई.
फिर अपने कपडे निकाले और मैं जींस और शर्ट पहन के मैं अपने बाल सीधे करने लगी कंगी से. तभी निचे डोरबेल बजी. मैंने सोचा की अभी पति और ननंद का तो ऑफिस से आने का टाइम नहीं हुआ हे. मैंने निचे जा के दरवाजा खोला तो सामने मकानमालिक सुरेश ही खड़ा हुआ था. वो जैसे ही अन्दर घुसा मैंने उसके हाथ में एक पेकेट देखा. मैंने दरवाजे को बंद किया. वो पेकेट मुझे देते हुए बोला, चलो नास्ता करते हे भूख लग रही हे.
मैंने पेकेट को खोल के नास्ते की प्लेट लगाईं. मैंने पूछा की कहा चले ये थे. तो उसने कहा की मेरी वाइफ का कॉल आ गया था उसको छोड़ने के लिए गया था. उसकी वाइफ उसके साथ नहीं रहती हे. वो सामने की लाइन में रहती हे. वैसे दोनों का डिवोर्स नहीं हुआ हे पर वो साथ में भी नहीं रहते हे. सुरेश की बदन की जरूरत के लिए मेरी चूत ही रगड़ी जाती हे! उसने कहा आज ऑफिस जाओगी या नहीं? मैंने कहा नहीं मैंने छुट्टी ले रखी हे. वो बोला मुझे की शायद हाफ डे लिया हे. मैंने कहा नहीं तो वो बड़ा खुश हो गया.
फिर वो उठकर मेरे पास आया और मुझे खड़ा कर दिए. और मुझे मेरे रूम में ले गया. उसने वहां मुझे जाकर बेड पर बिठा दिया और वो वहां पर खड़ा था. वो बोला की चलो घूमकर आते हे. मैंने कहा नहीं तो वो बोला की वो सब अरेंज कर लेगा.
मैंने मना किया और वो मुझे मना रहा था. फिर वो मेरे पास आया और मुझे हलकी सी किस की. मेरे लिप्स चूम के बोला चलो ना जानू. मैंने कहा नहीं और फिर उसने मुझे जोर जोर से स्मूच करना चालू कर दिया. मैं भी उसे पूरा रिस्पोंस दे रही थी.
फिर वो दुबारा से खड़ा हो गया और अपनी केप्री और अंडरवेर को उसने उतार दिया और अपना खड़ा लंड उसने मेरे मुहं की तरफ कर दिया. मैंने हाथ से उसका लंड पकड़ा पहले और उसे थोडा सहलाया. फिर उसको मुहं में डाल के चूसने लगी. वो मोअन कर रहा था. फिर उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और ब्रा के ऊपर से इम्रे बूब्स प्रेस करने लगा. फिर वो मेरी शर्ट उतारने लगा और मेरी पीठ को अपने हाथ से सहलाने लगा. मेरी ब्रा की हुक्स को खोल दी उसने और मेरे बूब्स हवा में जैसे डोलने लगे थे. फिर सुरेश ने मुझे लिटा दिया और खुद पूरा नंगा हो गया और उसने मुझे भी एकदम न्यूड कर दिया. फिर मेरी टांगो को उसने एकदम से फैला दिया और मेरी चूत को वो अपने गरम होंठो से लिक करने लगा. और हलके हलके से वो अपने दांतों से चूत को काट भी रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको ऊपर खिंच लिया उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. मैं मजे से चुदवा रही थी. मैंने अपनी टांगो को उसकी कमर पर फोल्ड कर ली थी. हम इसी पोज में सेक्स कर रहे थे.
4 5 मिनिट के बाद मेरा और उसका काम एकसाथ हो गया और हम रिलेस्क हो गए. फिर हम साथ लेटे रहे. वो सीधा लेटा हुआ था और मैंने उसके कंधे के ऊपर अपने सर को रखा हुआ था और एक टांग को फोल्ड कर के उसकी टांग के ऊपर रखी हुई थी. और एक हाथ मैंने उसके पेट के ऊपर रखा हुआ था.
इतने मेर मेरी ननंद का कॉल आया. वो बोली की भाभी शाम को थोडा लेट होगा मुझे ओवर टाइम हे. मैंने सुरेश को फोन कट कर के कहा. लगता हे शालू आज फिर बॉस का लंड लेने जा रही हे. वो हंस के बोला तुम्हे कैसे पता. वो बोली, शालू का बॉस ठरकी हे अपना देसी ही हे. वो यहाँ आया था एक बार डिनर पर. मैंने चुपके से किचन में निचे बैठ के देखा था. वो डाइनिंग टेबल के निचे शालू की चूत में ऊँगली कर रहा था!
रमेश बोला, वैसे शालू भी बड़ी सेक्सी हे उसको भी चोदने का मन करता हे मेरा!
मैंने कहा, शट अप मैं हूँ ना!
और फिर सुरेश बोला जाओ किचन से आयल ले आओ.
मैंने कहा गांड के लिए?
वो बोला, तो तुम्हे क्या लगा मैं बिस्तर में खाना पकाऊंगा.
मैं एक कटोरी में थोडा सा तेल ले आई.
सुरेश ने मुझे बिस्तर में घोड़ी बना के मेरे निचे दो बड़े तकिये लगा दिए. फिर वो मेरी गांड के होल के ऊपर तेल लगाने लगा. उसने गांड को फुल चिकना बना दिया. और फिर अपने लंड के ऊपर मेरे से तेल लगवाया. मैंने उसके लंड को पूरा चमका दिया. फिर उसने कहा चलो मेरी जान अपनी गांड खोलो मेरे .
मैंने हाथ पीछे कर के अपने बम्स को दोनों हाथ से फैला दिया. सुरेश ने अपने लंड को मेरी एसहोल पर रख के थोडा सा धकेला. आह्ह्ह्ह की आवाज निकल गई मेरे मुहं से. उसका लंड चिकनाहट की वजह से मेरी में गांड में फिसल सा गया. मैं तकियों के ऊपर वेट डाल के अपनी गांड को पीछे किये हुए थी. सुरेश ने मेरे बूब्स को पकड़ के और एक धक्का दे दिया. उसका लंड पूरा मेरी गांड में घुस गया और मैं आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म अह्ह्ह करने लगी.
वो मेरे बूब्स को मसलते हुए मेरी गांड की चुदाई करता गया.
उसका लंड छिल रहा था मेरी एनाल केनाल को. लेकिन दो मिनिट के अन्दर मुझे भी एकदम से मजा आने लगा.. मैं भी अपनी गांड को ऊपर उछाल के चुदवा रही थी.
सुरेश ने 10 मिनिट मेरी मारी और अपना माल अन्दर छोड़ दिया. फिर वो मेरे ऊपर ही लेट गया उसका लंड मेरी गांड में ही रख के!
एक घंटे के बाद मैं उठी और बोली, चलो मैं निचे जाती हूँ मेरे हसबंड के आने का टाइम हो गया हे. वो बोला, कल आओगी ऊपर?
मैंने कहा, देखती हूँ टाइम मिला तो.
वो बोला टाइम निकाल लेना मेरे लिए. साला तुम्हे देख के लंड खड़ा की खड़ा ही रहता हे!