नमस्ते मेरी प्यारी भाभीयो और आंटीयो. मैं ध्रुव हूं बरोड़ा गुजरात से, मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ना बहुत पसंद है. यह मेरी पहली कहानी है तो मुझसे कोई भूल हो जाए तो मुझे माफ कर देना.
मैं एक सोसाइटी में रहता हूं, मेरे पास में ही एक मकान बंद पड़ा था, उसका कोई किराएदार नहीं था. कुछ दिनों बाद वहां एक भैया और भाभी रहने के लिए आए, भाभी को देखकर किसी का भी मन बदल जाता, भाभी की फिगर ३४-३०-३२ थी. वह बहुत ही सुंदर दिखती थी, उनका नाम कविता था. वह नई नई थी इसलिए वह किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी.
कुछ दिनों बाद उनकी मेरी भाभी के साथ बात अच्छी बनने लगी, मैं मेरे भैया और भाभी के साथ रहकर पढ़ाई कर रहा था. मैं लास्ट यिअर में था, कविता भाभी दिखने में बहुत ही अच्छी थी, और वह काम के अलावा किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी. वह मेरी भाभी के साथ अच्छी तरह से घुल मिल गई थी.
अब वह हमारे घर भी आने लगी थी, मेरा उनके साथ परिचय हो गया. उनका पति जॉब कर रहा था कंपनी में, वह महीने में एक दो हफ्ते घर बाहर ही होते थे, और वह अकेली ही घर पर होती थी. जब वह बोर हो जाती थी तो कुछ टाइम के लिए हमारे घर पर आ जाती थी और भाभी और वह बैठकर बातें करते रहते थे. और मैं उनको घूरता रहता था.
एक दिन मैं उनके बूब्स को घूर रहा था, और वह मुझे देख ली. वह कुछ बोली नहीं और स्माइल कर के भाभी के साथ बातें करने लगी. ऐसे ही दो तीन महीने निकल गए और भैया भाभी गांव जाने वाले थे एक हफ्ते के लिए मैरेज अटेंड करने के लिए. और मेरी एग्जाम आने वाली थी तो मैं गांव नहीं गया. तो मेरी भाभी ने कविता भाभी को मेरा खाना बनाने का और नाश्ते का बोल कर गई थी.
कविता भाभी ने कहा वह मेरा ख्याल रखेगी और भैया और भाभी नाइट को ही गाड़ी लेकर निकल गए. घर पर कोई नहीं था इसलिए मैं बॉक्सर में ही था, और रात को मूवी देखते सो गया. सुबह में भाभी नाश्ते के लिए बुलाने आई और डोर बेल बजा रही थी, मैं नींद में उठकर दरवाजा ओपन करने चला गया. वह मुझे नाश्ते के लिए बुलाने लगी और जाते समय वह हसती चली गई क्योंकि बॉक्सर में टॉवर बना था.
मैं फ्रेश होकर नाश्ता करके अपने घर पर ही आ गया और टाइम पास करने लगा. दोपहर को कोई घर पर नहीं था, तो मैंने लैपटॉप में पोर्न चालू कर दिया और देखने लगा, और मैं अपने लंड को सहलाने लगा और कविता भाभी का नाम लेकर मुठ मार रहा था. वह सब कुछ कविता भाभी देख रही थी मेरे पीछे खड़े होकर, क्योंकि मैं दरवाजे को ठीक से बंद नहीं किया था वह मुझे खाने के लिए बुलाने आई थी.
बाद में वह मुझे खाने के लिए कह कर चली गई और मैं उनके घर गया और सॉरी बोला, और उनसे नजरें झुका कर खाने लगा. तब वह बोली कि वह सब कुछ भैया और भाभी को बता देगी, मैं उसे सॉरी बोलने लगा लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं हो रही थी.
भाभी बोली की वह जो कहे वह करना पड़ेगा, उन्होंने मुझे एक दिन घर का काम कराया, एक दिन शाम को शॉपिंग करने के लिए जाना था उन्होंने कहा कि तुम बाइक लेकर आओ मुझे शॉपिंग करने जाना है क्योंकि उनके हस्बेंड किसी काम से एक हफ्ते के लिए बाहर गए थे.
हम शॉपिंग करने बाहर गए और उन्होंने कुछ कपड़े लिए उन्होंने २-३ ब्रा और पेंटी सेलेक्ट किए. हम सब कुछ ले कर घर पर आ गए, शाम को हम खाने लगे, वह मुझे पूछने लगी कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? तो मैंने कहा नहीं और बोला कि आपके जैसी कोई मिली ही नहीं. उसने कहा झूठ मत बोलो. मैंने कहा भाभी आप बहुत ही सुंदर हो और बहुत ही पसंद हो.
तभी वह बोली कि क्या अच्छा लगता है मेरे में? तब मैंने बोला कि भाभी सच बताऊं भाभी बोली बिना शरम के बोलो, तो मैंने कहा कि आप हॉट और सेक्सी हो, तुम्हारी फ़िगर देखते मेरा लंड खड़ा हो जाता है, आप के बूब्स और गांड देख के किसी भी आदमी के मन में आपकी चुदाई करने का ख्याल आ जाए.
आप के बड़े बड़े बूब्स जब आप मटक मटक के चलती हो तब गांड मटकती है और बहुत ही अच्छी लगती है, और वह खाना खाने के बाद किचन की तरफ जाने लगी. मैंने उन को पीछे से पकड़ा और उनको चूमने लगा, वह पहले तो छुड़ाने की कोशिश करने लगी, लेकिन धीरे धीरे वह साथ देने लगी और मैं उनके रसीले होठों पर किस करने लगा, वह भी पूरा साथ देने लगी.
मैंने उनको अपनी बाहों में ले लिया और किस करने लगा, वह बेडरूम में चलने को बोल रही थी. हम बेड रुम में चले गए, मैं उनके सारे कपड़े निकाल दिए और वह सिर्फ ब्रा और ब्लैक पैंटी में थी, मैं अब उन के बूब्स पर टूट पड़ा और चूसने लगा, मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.
उनके बूब्स चूस चूस के लाल हो गए, वह धीरे धीरे मौन करने लगी, उसने मेरे कपड़े उतार दिए और वह लंड को सहलाने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं उनके नाभि को चूमने लगा अभी धीरे धीरे में नीचे गया मैं उनकी चूत को चूसने लगा, और मैं उनके बूब्स दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद वह जड़ गई तो मैंने अपना लंड चूसने को बोला उन्होंने मना कर दिया बाद में वह धीरे धीरे लंड चूसने लगी मुझे बहुत ही अच्छा फील हो रहा था.
अब उनसे रहा नहीं गया और बोलने लगी कि अब मत तड़पाओ.. चोदो मुझे.. मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट किया और धक्का देने लगा, लेकिन उनकी चूत टाइट होने की वजह से जा नहीं रहा था. और मैंने फिर से ट्राई किया और आधा लंड पेल दिया, वह चिल्ला रही थी आह्ह औउ अह्य्य हह्ह्ह निकालो इसे.
लेकिन मैंने नहीं माना और अपना पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया और उनके ऊपर लेट गया, थोड़ी देर बाद वह भी धक्के देने लगी और मैंने अब भाभी को जोर से चोदना शुरू कर दिया.. वह जोर जोर से सिसकियां दे रही थी, वह थोड़ी देर बाद ही जड़ गई और सारा पानी निकाल दिया, और वह सेटिस्फाय दिख रही थी, और मेरा बाकी था, मैं अब भाभी को जोर जोर से चोदने लगा और स्पीड भी बढ़ा दी.
थोड़ी देर में ही मेरा माल निकलने वाला था और भाभी को बोला कहां निकालूं? तो वह बोली अंदर, और मैंने भाभी की चूत में ही सारा स्पर्म निकाल दिया और मैं उनके ऊपर लेट गया, और उनको किस करने लगा. उनके बूब्स को चूसने लगा.
हम थक गए थे इसलिए हम शोवर के नीचे चले गए और फिर से बाथरूम में भाभी को चोद डाला, मुझे बहुत ही मजा आ गया और भाभी भी बहुत खुश थे इस चूदाई से.
उनके पति और मेरे भैया भाभी नहीं आए तब तक हम एक साथ ही रहने लगे, भाभी घर में जो नई ब्रा और पेंटी लाई थी वही पहनती थी, एक हफ्ते में भाभी को मैंने बहुत बार चोदा, भाभी की गांड कैसे मारी वह फिर कभी बताऊंगा.