हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रुचिका है। मेरी उम्र 21 साल है, देखने में बहुत खूबसूरत हु और सेक्स के लिए प्यासी भी हु। और में आज जिनके साथ मेरी चुदाई की कहानी के बारे में बताने जा रहा हूँ वो अमित है और वो वेस्ट बंगाल से है और उनकी उम्र 29 साल और वो बहुत गोरे और अच्छे दिखते है। यह कहानी मेरी और उनकी बहुत ही रोमांटिक सेक्स की है, कहानी में मैंने बिना शादी के दुलहन बन कर अपनी वर्जिन गांड मरवाई है। और सब तरीके से सेक्स भी किया गांड, चुत और मुँह से चुदाई की।
दोस्तों यह घटना कुछ इस तरह से घटित हुई और हम दोनों पहली बार फ़ेसबुक पर दोस्त बने और कुछ दिन बाद हम चेटिंग करने लगे। वो मुझे बहुत अच्छे लगने लगे और वो बहुत अच्छे समझदार और रोमॅंटिक भी थे। करीब एक महीने चेट करने के बाद हम दोनों ने अपने फोन नंबर ले लिए और फिर हर दिन कुछ समय फोन पर हम बातें करने लगे और धीरे धीरे रात को हम फोन सेक्स भी करने लगे और में उनको बहुत पसंद आ गया और वो मुझसे मिलने के लिए पूछने लगे। फिर मैंने उन्हे बोल दिया कि आप ठीक समय देखकर मुझे बोलिए में आ जाऊंगा, क्योंकि अब वो भी मुझे बहुत अच्छे लगने लगे थे और में भी उनसे मिलने के लिए तड़प ही रहा था।
एक दिन वो मुझसे फोन करके बोले कि उनके घर के सभी लोग एक सप्ताह के लिए कहीं बाहर घूमने जा रहे है उस समय वो मुझे अपने पास बुलाना चाहते थे और मैंने भी उनसे मिलने के लिए उनके घर पर आने के लिए तुरंत हाँ कह दिया। फिर में उनके घर के लिए चल पड़ा मैंने स्टेशन पर पहुंचकर उन्हे कॉल किया तो मुझे पता चला कि वो भी उस समय वहीं उसी स्टेशन पर है और वो उनके मम्मी, पापा को छोड़ने आए है और मैंने दूसरे प्लॅटफॉर्म पर कुछ देर बैठकर उनके जाने का इंतजार किया और में अब वहीं पर बैठे बैठे उन सपनों में खो गया कि हम दोनों यह एक सप्ताह कैसे कैसे मज़े करेंगे? तो कुछ देर के बाद जब मेरा फोन बजा तो में अपने होश में आया और उसके बाद हम दोनों ने बात की और में स्टेशन से बाहर निकलकर उनकी गाड़ी ढूंडने लगा। फिर कुछ देर बाद मुझे गाड़ी मिल गई और मैंने उधर ही उनका इंतजार किया।
फिर थोड़ी देर में वो भी आ गए और पास में आकर उन्होंने मुझे ज़ोर से हग किया और फिर किस किए। अब हम लोग गाड़ी में बैठकर अपने घर की तरफ चलने लगे। ज्यादा भीड़भाड़ होने की वजह से हमे बहुत समय गाड़ी को रोकना पड़ता था और जैसे ही वो गाड़ी को रोकते थे तो वैसे ही मुझे किस कर लेते थे और मेरी जाँघो पर हाथ भी फिराते थे, जिसकी वजह से में बहुत गरम होने लगा था। में उनसे बोला कि घर तो पहुंचने दीजिए। फिर वो स्माइल देकर बोलने लगे क्या करूं तुम्हे देखकर मुझसे रहा ही नहीं जा रहा है? और ऐसे ही मज़े मस्ती करते करते हम लोग घर पहुंचे तब मैंने देखा कि उनका घर बहुत बड़ा था और वो बहुत ही सुंदर भी था मैंने उनसे पता किया कि यहाँ पर कौन रहेगा? वो कहने लगे कि इस घर में सिर्फ़ में और वो ही रहेंगे और एक नौकर आकर शाम को खाना बनाएगा और घर साफ करके चला जाएगा।
अब वो मुझे घर के अंदर ले गए और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और वहीं पर ही वो मुझे हग करके किस करने लगे और में भी उन सभी कामों के लिए बहुत तड़प रहा था, इसलिए में भी अपनी तरफ से जवाब में उनको किस करने लगा और उनका साथ देने लगा। फिर करीब दस मिनट तक वो मेरे मुहं में अपनी जीभ को डालकर मेरे होंठो को चूस रहे थे और कभी में उनके साथ वही सब कर रहा था। फिर हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और फ्रेश होने के लिए रूम में चले गये। अब में अपने कपड़े बदल ही रहा था कि तभी वो मुझे अपनी माँ के कमरे में लेकर गये और बोले कि एक सप्ताह के लिए इस रूम का सारा सामान तुम्हारा है और तुम मेरे। फिर इतना कहकर उन्होंने पीने के लिए मुझे जूस दे दिया और अब वो मुझसे पूछने लगे कि क्या तुम एक सप्ताह मेरी पत्नी बनकर रहना चाहोगे?
तब में उनका वो बात सुनकर हाँ में अपना सर हिला दिया और में उनको किस करने लगा उसके बाद जब मैंने रूम में चेक किया कि क्या क्या है तो वो सारा सामान देखकर मेरी आंखे खुली की खुली रह गई। वहां पर सब मेकअप का सामान बहुत सारे गहने भी थे और वहां पर साड़ी तो ऐसे थी मानो वो कोई साड़ी की दुकान हो और में वो सब देखकर खुशी ख़ुशी नहाने चला गया और नहाकर में बाथरूम से बाहर सिर्फ़ टावल लपेटकर निकला तो मैंने देखा कि अमित वहीं बेड पर बैठे हुए थे और फिर से वो मुझे किस करने लगे और मेरे कानों में कहने लगे कि आज तुम ब्रा, पेंटी, ब्लाउज नहीं पहनोगी और तब तक में भी नहाकर अभी आता हूँ।
अब मैंने पेटीकोट पहन लिया और बंगाली स्टाइल में साड़ी पहनकर में ड्रेसिंग टेबल के पास में जाकर बैठा गया। फिर मैंने लिपस्टिक, लिप लाईनर, आई लाईनर, माथे पर एक लाल रंग की बिंदी लगाई और उसके बाद दोनों कानो में झुमके, गले में मंगलसूत्र, हाथों में चूड़ी, कमर पर एक चैन, नाक में नाक की बाली और पैरों में मैंने पायल को पहन लिया और मैंने कमरे से बाहर आकर देखा तो वो एकदम बंगाली ड्रेस में थे और उन्होंने उस समय धोती और कुर्ता पहना हुआ था और अब हम दोनों साथ में बैठकर दारू पीने लगे। बीच में वो साड़ी के ऊपर से ही मेरे निप्पल को सहलाने लगे जिसकी वजह से में बहुत गरम हो रहा था और तभी उन्होंने मुझे वैसे ही मेरे निप्पल को पकड़कर मुझे अपनी तरफ खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया और वैसे ही वो मेरे निप्पल को सहलाते सहलाते मेरी गर्दन और मेरी छाती पर मुझे किस करने लगे और हल्का हल्का काट भी रहे थे जिसकी वजह से मुझसे और ज्यादा रुका नहीं जा रहा था और मेरी गांड के नीचे उनका लंड अकड़ रहा था जिसका मुझे साफ साफ मालूम चल रहा था।
अब उन्होंने मुझे सोफे पर लेटा दिया और वो मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगे और उस साड़ी का पल्लू हटाकर वो मेरे निप्पल को बहुत ही जोश में आकर चूमने काटने लगे और बहुत जोश गरम होने की वजह से मेरी आँखे बंद हो गई थी और में जोश में आकर अब उनका सर पकड़कर अपनी छाती पर दबा रहा था। फिर धीरे धीरे में अपनी आंखे खोलकर मैंने उनको मुझसे अलग करके उन्होंने मुझे सोफे पर बैठा दिया और वो खुद घुटनों पर आ गए, तो मैंने धोती के ऊपर से उनके लंड को सहलाया और अपना एक हाथ अंदर डालकर उसको बाहर निकाल दिया। फिर मैंने देखा कि वो बहुत बड़ा था और उसका टोपा सबसे मस्त था एकदम वो कोई मशरूम जैसा था लंड के आकार से वो बहुत बड़ा ही था। फिर में अपने एक हाथ से उसको पकड़कर ऊपर नीचे कर रहा था और अपनी जीभ से लंड के टोपे को चाट भी रहा था और कुछ देर बाद में उसके लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगा और वो सिर्फ़ उउउम्म्म् आहहाआओह करने लगे तो में उनके पूरे लंड को अपने मुहं में भरकर ज़ोर ज़ोर से अपने मुहं में आगे पीछे करने लगा। वो और भी ज्यादा ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगे और वो मेरे सर को पकड़कर मेरे मुहं को चोदने लगे। फिर कुछ देर के बाद में उनके टोपे को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और फिर में सोचने लगा कि यह लंड जब मुहं में है तब मुझे इतना मज़ा आ रहा है और जब यह मेरी गांड में जाएगा तब मुझे यह कितना मज़ा देगा?
फिर तभी अचानक से वो ज़ोर से चिल्लाए और झटके के साथ वो मेरे मुहं में ही झड़ गए उनका वो रस एकदम गाढ़ा और बहुत ज़्यादा था। फिर उसके बाद में बाथरूम में जाकर अपना मुहं धोकर वापस आया और अब में उनके पास में बैठा गया और फिर में उनकी छाती के बालों के साथ खेलने लगा वो सोफे पर लेट गये और उन्होंने मुझे अपने ऊपर लेटा लिया और फिर वो मुझे चूमने लगे और कुछ देर बाद अपने दोनों हाथ से मेरी साड़ी को ऊपर करके मेरे कूल्हों को वो मसलने लगे। फिर में जोश में उनके होंठो को ज्यादा ज़ोर ज़ोर से काट रहा था और उन्होंने मुझे खड़ा किया और खींचकर मुझे उनके मुहं के ऊपर आने के लिए उन्होंने मुझसे कहा और में आ गया। फिर वो पहले मेरे लंड के साथ खेलने लगे और अपनी जीभ से वो चाटने लगे उसके बाद मेरी गांड के छेद को अपनी जीभ से चाटने लगे, जिसकी वजह से मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सी अकड़न होने लगी और मैंने अपनी गांड का उनके मुहं पर दबाव दिया तो वो मेरी गांड के छेद को स्मूच करने लगे और उनके हर एक स्मूच के साथ में पागल हो रहा था और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रहा था। अब वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूमने लगे और उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरे मुहं में डाल दिया। में उसको लंड जैसे चूसने लगा और चाट चाटकर उसको पूरा गीला कर दिया।
तभी अचानक से उन्होंने मेरे मुहं से अपनी उंगली को बाहर निकालकर मेरी गांड के छेद में डाल दिया और में आआहह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फफ्फ्फ करके उछल पड़ा और वो मुझे शांत करते हुए आराम से धीरे धीरे अपनी ऊँगली को आगे पीछे करने लगे। फिर हम दोनों सोफे से उतरकर ज़मीन पर 69 पोजीशन में आ गये और में उनका टोपा अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूस रहा था और वो मेरे लंड को चाट रहे थे और मेरी गांड में अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर कर रहे थे और उंगली को एकदम से गोल गोल घुमा रहे थे। फिर थोड़े देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और वो मेरी गांड के छेद को चूम लेते जिसकी वजह से में एकदम कामवासना से जल रहा था और ज़ोर ज़ोर से आआआआमम्म्म ऊउफ़्फ़्फ़्फ़ सस्स्शहउूुुउउन्न्ञन् करके उनको कह रहा था प्लीज मुझे अब और सहा नहीं जा रहा है उह्ह्हह्ह्ह्ह अब तो आप डाल दीजिए प्लीज मुझे अब इतना मत तड़पाओ।
अब वो उठकर गए और कोई बॉडी लोशन लेकर आए जिसको उन्होंने मेरी गांड के अंदर बाहर लगा दिया और अपने लंड पर उन्होंने बहुत सारा लोशन लगा लिया। दोस्तों वो ज्यादा चिपचिपा नहीं था, लेकिन में उसको महसूस कर पा रहा था कि मेरी गांड अब बहुत चिकनी हो गई थी और शायद उसमे कोई मिंट जैसा कुछ प्रदार्थ था जिसकी वजह से हवा लगते ही मुझे ठंडा ठंडा महसूस हो रहा था। अब मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को फैलाया और वो अपने लंड के टोपे को मेरी गांड के छेद पर रगड़ने लगे थे, लेकिन वो उससे ज्यादा अंदर नहीं डाल रहे थे। वो ऐसा करके मुझे सिर्फ़ तड़पा रहे थे जिसकी वजह से मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनको नीचे लेटा दिया। फिर उसके बाद में उनके लंड के ऊपर अपनी गांड को लगाकर रगड़ने लगा और उनका लंड पकड़कर मेरी गांड के छेद पर सेट करके में अपनी गांड को नीचे की तरफ दबाने लगा, लेकिन उनका टोपा इतना बड़ा था कि वो अंदर ही नहीं जा रहा था।
अब वो मुझसे कहने लगे कि मेरी छिनाल बीवी तुझे तो में इस एक सप्ताह में ही एक नंबर की रंडी बनाकर ही छोड़ूँगा और मेरे कूल्हों पर सटासट 5-6 बार थप्पड़ मारने लगे और उससे में और भी ज्यादा गरम हो गया। फिर उन्होंने उसी समय मेरी कमर को पकड़कर नीचे से एक ज़ोर का झटका दे दिया और जिसकी वजह से उनके लंड का टोपा अंदर चला गया, उनका टोपा इतना बड़ा था कि में उसके अंदर जाते ही एकदम से ऊपर उछल गया जिसकी वजह से टोपा बाहर निकल गया और मेरे कूल्हों पर वो थप्पड़ की बरसात करने लगे और उन्होंने मेरी कमर को पकड़कर नीचे से एक बार फिर से झटके के साथ अपने लंड का टोपा मेरी गांड के अंदर डाल दिया और उसी दबाव के साथ वो अपने लंड को मेरी गांड के अंदर तक दबाने लगे और अब उस दर्द की वजह से मेरी आँखो से दो बूँद आँसू बाहर निकल गये। फिर वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे निप्पल के साथ खेलने लगे और में भी उनके निप्पल के साथ खेलने लगा और वो ज़्यादा गरम होकर मेरी गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे।
फिर थोड़ी देर बाद में भी बहुत जोश में आकर खुद ही ऊपर नीचे होने लगा और पायल और चूड़ियों की छन छन की आवाज़ के साथ में हम दोनों की सिसकियाँ माहोल को और भी ज्यादा गरम कर रही थी उनका लंड बहुत अंदर तक जा रहा था और मुझे मस्ती सूझी और में सिर्फ़ टोपे को अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और उसकी वजह से वो जल्दी से झड़ गये, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला तो वैसे ही उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी गांड के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से जो भी रस उन्होंने मेरी गांड में निकाला था वो अंदर ही रह गया और मुझे बड़ा ही अज़ीब सा लग रहा था। फिर मुझे घुमाकर उन्होंने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और वो वैसे ही मेरी गांड में अपनी उंगली को डाल रहे थे और में उनका लंड चूस रहा था।
तब एक बार फिर से उनका लंड खड़ा हो गया। फिर मुझे उन्होंने एक साइड करके लेटा दिया और खुद मेरे पीछे साइड होकर लेटकर अपनी उंगली को मेरी गांड से बाहर निकालकर उन्होंने अपना लंड दोबारा अंदर डाल दिया। उस समय मेरा एक पैर उनके पैरों के ऊपर था और वो मुझे आराम से धक्के देकर चोद रहे थे और उसी समय मैंने अपना मुहं घुमाकर उनके होंठो को अपने होंठो से बंद कर लिया और वो मेरे निप्पल को रगड़ने लगे। दोस्तों मेरी गांड में अंदर पहले से ही उनका वीर्य होने की वजह से लंड के गांड में अंदर बाहर जाने की वजह से पूरे रूम में फच फच की आवाज़ आ रही थी और थोड़ी देर उस पोज़िशन में रहने के बाद वो मेरी गांड से बिना लंड को बाहर निकाले उन्होंने मुझे घुमाया और वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गए और पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और अब वो बड़े ही बेरहमी से तेज़ तेज़ धक्को के साथ मेरी गांड को मारने लगे और इस बार तो वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे और उनकी स्पीड अब बहुत ज्यादा बढ़ गई थी और में अब बहुत थक चुका था।
फिर पसीने से हम दोनों एकदम लथपथ हो चुके थे और करीब दस मिनट के बाद वो फिर से मेरे अंदर ही झड़ गये और उन्होंने अपना लंड मेरी गांड बाहर निकालकर मेरे मुहं में डाल दिया। में वहाँ उनका लंड चूस रहा था और उन्होंने अपनी दो उँगलियाँ मेरी गांड में डालकर वीर्य को बाहर नहीं आने दिया। फिर मैंने चाट चाटकर उनके लंड को साफ किया और वो मुझे हटाकर साइड में जाकर सोने लगे और अब में उठकर बाथरूम जाने लगा तो मुझसे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था और मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और उनका वीर्य मेरी गांड से निकलकर मेरी जाँघो से होकर नीचे आने लगा और में बाथरूम में जाकर साफ करके वापस आकर उनके पास में लेट गया। दोस्तों में सच कहूँ तो दर्द मुझे जरुर था, लेकिन इस चुदाई की मुझे मन ही मन ख़ुशी भी बहुत थी इसलिए में वो दर्द भूल गया और मुझे पता नहीं कब मेरी आँख लग गई और में गहरी नींद में सो गया।
तो कैसी लगी आप को मेरी सेक्सी कहानी दोस्तो दुलहन बन कर अपनी वर्जिन गांड मरवाई।