हमारे घर में सिर्फ मैं और मेरी माँ थे. डैड की मौत के बाद सिर्फ हम दोनों ही रह गए थे. माँ – डैड की लव मैरिज होने की वजह से हम लोगो का किसी रिश्तेदार के यहाँ आना – जाना नहीं था. दोनों फैमिली ने हमे रिजेक्ट कर दिया था. सो माँ डैड शादी के बाद दूसरे सिटी में बस गए थे. शादी के ३ साल बाद मेरा बर्थ हुआ था. डैड का खुद का बिज़नेस होने की वजह से फाइनेंसियल प्रॉब्लम नहीं थी.
जब मैं १८ साल का हुआ, तब डैड की डेथ हो गयी. और परिवार में सिर्फ हम दो ही लोग बचे थे मैं और माँ. लेकिन माँ ने मुझे बड़ा किया, मेरी केयर की और मेरी हर डिमांड को पूरा किया. लेकिन आप मेरी माँ को समझने में बिलकुल भी भूल नहीं करना. वो इतनी भी सती-सावित्री नहीं थी, जितनी सबकी माँ होती है.
माँ बॉडी मेन्टेन रखने के लिए जिम और नजदीक के गार्डन में वाकिंग करने जाती थी. वहां उसका एक अंकल के साथ अफेयर हो गया. और अफेयर काफी लम्बा वक़्त चला अप्प्रोक्स ६ साल. ६ साल तक माँ का उस अंकल के साथ अफेयर होने की वजह से माँ की सेक्स लाइफ बहुत हेल्थी होने लगी थी. मैंने कई बार उनको सेक्स करते हुए देखा था. लेकिन मैं कभी भी उसका विरोध नहीं किया था. क्योंकि मैं जानता था, कि ये हर औरत की जरुरत है. वैसे भी माँ ने मेरे लिए जिंदगी में काफी कुछ किया था, मैं उसको इतना को करने दे ही सकता था. आखिर उसको भी अपनी लाइफ जीने का पूरा – पूरा हक़ था.
माँ ने उस अंकल के साथ सेक्स में इतनी हद तक डूब गयी, कि अंकल जैसे चाहते थे, वो उसको वैसे ही करने देती थी. और उसका नतीजा ये आया, कि एक दिन माँ प्रेग्नेंट हो गयी थी. लेकिन मेरे समझ में नहीं आ रहा था, कि प्रेग्नेंट होने के बाद भी माँ इतनी खुश क्यों थी? वो उस बच्चे को रखना चाहती थी, पर अंकल को मंजूर नहीं था.
अंकल ने माँ को फोर्से कर के अबोर्शन करवा दिया था. उसके बाद माँ और अंकल मिले. माँ फिर से उदास रहने लगी थी. मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि उसकी उदासी को कैसे दूर करू? मैंने भी माँ को बहुत समझाने की कोशिश की, कि उसको भूल जाए. लेकिन उसको समझ नहीं आ रहा था. उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और रोने लगी. और माँ ने मुझे थैंक यू कहा.
मैंने माँ को पूछा, कि किस बात के लिए थैंक यू कहा आपने?
माँ : अपने आप को सँभालते हुए बोली.. बेटा थैंक यू इस बात के लिए, कि तुझे मेरे अफेयर के बारे में सब कुछ मालूम था. फिर भी तूने कभी इसका विरोध नहीं किया.
मैं : (माँ के आंसू को पूछते हुए).. माँ.. किस का विरोध करता? आपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया है. तो मैं आप की ख़ुशी का विरोध कैसे कर सकता था? मेरा भी फ़र्ज़ है, कि मैं आप को खुश रखु.
माँ : लेकिन जब तुम जानते थे, कि मैं तेरे डैड के साथ नहीं; किसी दूसरे मर्द के साथ हु. इस बात का विरोध तो कर ही सकता था?
मैं : (माँ के कंधे पर हाथ रखते हुए) माँ, डैड अब नहीं रहे. इसका मतलब ये थोड़ी ना है, कि आप अपनी ख़ुशी का कुछ भी ना करे? हर एक को अधिकार होता है खुश रहने का.
ये सुन कर माँ बहुत इमोशनल हो गयी और मुझे बहुत टाइट हग कर लिया. पहली बार मैंने माँ के बूब्स को महसूस किया, जो मेरी चेस्ट से एकदम चिपके हुए थे. मेरे अंदर एक करंट दौड़ गया. मेरा लण्ड एकदम से टाइट हो गया. माँ मुझसे एकदम चिपकी हुई थी. मेरा लण्ड टाइट होने लगा था. माँ ने शायद ये महसूस कर लिया था.
फिर भी वो मुझे हग करके रखी. अब मेरा लण्ड पूरी तरह से टाइट होकर तन चूका था और माँ की पुसी को टच हो रहा था. फिर माँ ने अपनी बाहो में रखे मेरे गाल को किस किया. मैंने भी माँ को किस किया. फिर हम दोनों अलग हुए. लेकिन माँ की नजर अभी भी मेरे तने हुए लण्ड पर थी.
माँ ने मुझे स्माइल दी. ऐसी स्माइल, जिसने कुछ राज़ छिपा हुआ था. फिर माँ ने कहा…
माँ : आदित्य, इतना कुछ जानकर भी तूने जो समझदारी दिखाई है. उस से मैं बहुत खुश हु. फिर भी मैं अकेली औरत हु. बेशरम हु. मेरी कुछ जरूरत है, जो मैं अकेली औरत पूरी नहीं कर सकती हु. मैं तुम्हारा साथ चाहती हु. अब मुझे बाहरवालों पर भरोसा नहीं है.
मैं : माँ, मैं कुछ समझा नहीं… आप खुल कर बताएंगी?
माँ : (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) बेटे, क्या तुम मेरी वो जरुरत को पूरा कर सकते हो? क्या तुम मेरी उस जरूरत को पूरा करने में मद्दत करोगे, जो तुम्हारे अंकल किया करते थे?
मैं तो एकदम से शॉक हो गया और बोला : ये कैसे हो सकता है? मैं आप का बेटा हु और आप मेरी माँ है.
माँ : (मेरे पास आ कर) सन, मैं ये जानती हु. लेकिन दूसरे मर्द से तो अच्छा है, कि मैं अपने बेटे के ज्यादा नजदीक रहु और सुरक्षित रहु. बाहरवालों का भरोसा भी नहीं किया जा सकता है. फिर भी तेरा मन ही मानता है. तो पहले ये सोच ले, कि मैं एक औरत हु और बाद में तेरी माँ हु.
वैसे तो मैं भी माँ पसंद करता था, लेकिन कभी उनके बारे में ऐसा सोचा नहीं था, कि मेरे और माँ के बीच में सेक्स हो या उनको मैंने कभी इस नजर से देखा भी नहीं था. माँ का प्रपोजल सुनकर मैं मना भी नहीं करना चाहता था. लेकिन गिल्टी भी महसूस नहीं करना चाहता था. फिर भी मैंने माँ को एक रास्ता बताया ताकि हम एक दूसरे को गिल्टी फील ना करे.
मैं : एक रास्ता है, अगर हम साथ में रहना चाहते है तो. इस से हमे गिल्टी भी फील नहीं होगी.
माँ : बताओ.
मैं : हमे शादी कर लेनी चाहिए. वैसे भी इस सिटी में हमे कोई पहचानता नहीं है. हम शादी कर के पति – पत्नी की तरह रह सकते है. आप फिर से शादीशुदा जिंदगी भी जी सकोगे.
माँ सुनकर मेरे पास आई और जोर से मुझे गले लगा लिया. फिर अपने होठ मेरे होठो के पास ला कर किस कर दी. किस अप्प्रोक्स १० मिनट तक चली. किस बहुत ही पैशनेट थी. एक दूसरे की टोंग का मिल्न हम ऐसे कर रहे थे, जैसे एक दूसरे के लिए ही बनी हो. किस खत्म होने के बाद माँ बोली, आज से मैं आप की पत्नी हु. मुझे माँ मत कहना. मेरे नाम से मुझे पुकारो. आप मुझे राधा (मेरी माँ का नाम) कह कर पुकारोगे.
फिर राधा बैडरूम में चली गई और पूजा की थाली ले कर आई. मुझे कहा, आप मेरे साथ आये. हम मंदिर वाले रूम में गए. मंदिर के आगे राधा ने एक दिया जलाया और भगवान् की पूजा की. फिर मेरी पूजा कर के थाली को निचे रख दिया और मुझे मगलसूत्र उनके गले में बांधने को कहा. मैंने मंगलसूत्र लिया और राधा के गले में बांध दिया. फिर एक चुटकी सिन्दूर ले कर राधा की मांग भर दी. कुछ इस तरह से मेरी और राधा हुई. राधा मेरे चरण स्पर्श करने के लिए झुकी.
लेकिन मैंने उसे रोक लिया और उसको बाहो में भर लिया. बाद में, मैंने राधा को उठाया और अपने बैडरूम में ले गया. मैंने उसको अपने बेड पर सुला दिया. मैं भी उसके पास जा कर सो गया और अपनी बाहो में ले कर किस करने लगा. किस काफी देर तक चला और पैशनेट भी. मैंने उसके फेस पर, नैक पर किस करने लगा था. किस करते – करते मैंने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और प्रेस करने लगा. राधा बहुत गरम हो चुकी थी. उसकी साँसे तेज हो गयी थी. फोरप्ले और किस करने में आधा घंटा बीत गया. फिर हम ने एक दूसरे के कपडे उतार दिए और पुरे नंगे हो गए.
पहली बार मैंने राधा को न्यूड देखा और मैं तो बस देखता ही रह गया. बड़े, फर्म एंड वेल शेप्ड बूब्स थे. पतली कमर और बड़ी गांड, आँखो में हवस और गुलाबी होठ. राधा पूरी तरह से काम की देवी लग रही थी. उसके हर के बॉडी पार्ट्स मुझे अपने पास बुला रहे थे. मैं राधा के ऊपर जाके उसके बूब्स को सक करने लगा और एक हाथ से दूसरे बूब्स को दबाने लगा. जैसे ही मेरी जबान उसके निप्पल को टच होती, वो जोर से आहे भरने लगती. बूब्स को बारी – बारी से चूसके मैंने लाल कर दिए.
फिर मैं नीचे जाते हुए उसके पेट को किस करते – करते उसकी चूत के पास आ गया. वो अपने दोनों पैरो को फ़ैला रही थी और अपनी चूत को चाटने के लिए मुझे इन्वाइट कर रही थी. मैं भूखे शेर के जैसे टूट पड़ा उसकी चूत पर. अपनी जबान में अंदर तक डाल रहा था. राधा जोर – जोर से मोअन करने लगी. अब चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
फिर मैं अपना लण्ड राधा के मुंह के पास ले गया. वो समझ गयी और लण्ड को पकड़ कर मुंह में ले लिया. वो भी सेक्स की भूखी थी मैंने आज तक ऐसा ब्लोजॉब कभी फील नहीं किया था. उसके सॉफ्ट होठ मेरे लण्ड को पी रहे थे. मुझे लग रहा था, कि मेरे लण्ड के अंदर करंट दौड़ रहा हो. बहुत ही कामुक तरीके से उस ने मुझे ब्लोजॉब दिया. लण्ड पूरा गीला हो गया था. अब मैंने उसको चोदना चाहता था.
मैंने उसके दोनों पैरो को फैलाया और मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर लगा दिया. थोड़ी देर अपना लण्ड उसकी चूत पर रब करता रहा, ताकि राधा और भी ज्यादा एक्साइट हो जाए. बाद में मैंने लण्ड की पोजीशन बनायीं और जोर से पुश किया. राधा जोर से चीख पड़ी. शायद बाजू वालो ने सुन भी ली होगी. मैंने झट से अपने होठ उसके होठो पर रखे और किस करने लगा. किस करते – करते मैं फिर से पुश किया, लेकिन मुंह बंद होने की वजह से उसकी चीख नहीं निकल पायी इस बार.
फिर मैं धीरे – धीरे लण्ड को अंदर – बाहर करने लगा. राधा अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी. वो अब सेक्स में मदहोश हो चुकी थी. कभी मैं स्पीड बढ़ा रहा था और कभी वो तेजी से अपनी गांड को चला रही थी. अब हम दोनों कोई आधा घंटे की चुदाई के बाद क्लाइमेक्स पर आने वाले थे. मैंने उसको और भी जोर से चोदना शुरू कर दिया. मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. फिर भी मैं लण्ड उसकी चूत में ही डाले रखा और किस करने लगा. राधा भी खुश थी और मेरी किस का ख़ुशी से रिस्पांस दे रही थी. बाद में हम दोनों एक दूसरे की बाहो में पड़े रहे और सो गए.
राधा हर रोज मेरे नाम का सिन्दूर लगाने लगी. मैं भी उसे पूरी तरह से अपनी पत्नी बना चूका था. ऐसे ही तीन साल गुजर चुके थे. एक फैसला किया, कि अब हमारी फैमिली भी बननी चाहिए. और राधा बहुत खुश हुई और उस ने मुझे गले से लगा लिया. आज भी राधा सेक्स में इतनी एक्टिवेट है, कि मुझे उसके साथ सेक्स करने का बड़ा मजा आता है. हमारी शादी को अब ४ साल हो चुके है और एक बेटी भी है.