यह बात ८ महीने पहले की है, मैं उस समय २२ साल का था और दिल्ली में रहता था. मैं वहां पढ़ाई करता था और अपने दीदी और जीजाजी के साथ शालीमार बाग में रहता था. दीदी जीजा जी का एक बच्चा था वह स्कूल जाता था.
वह ज्यादा बड़ा नहीं था और चौथी क्लास में पढ़ता था. मेरी मामा की लड़की गांव रहती थी औरत दसवीं पास कर लिया था. आगे की पढ़ाई के लिए वह हमारे पास दिल्ली आ गई थी, और साथ ही रहने लगी. उसका नाम राखी था.
वह मुझ से ३ साल छोटी थी और सुंदर थी. उसका फिगर ३४-२८-३४ था. दिखने में कयामत लगती थी, हम दोनों की उम्र में ज्यादा फर्क नहीं होने के कारण एक दूसरे से खुले थे और सब कुछ शेयर करते थे. और मैंने उसे उस नजर से कभी नहीं देखा था हम अच्छे दोस्त थे.
मैं उसकी पढ़ाई में भी मदद कर दिया करता था. एक बार दीदी जीजा जी के साथ उनके गांव चली गई क्योंकि जीजा जी के बाप एक्सपायर कर गए थे. मेरे कॉलेज थी और उसकी भी तो वो लोग अब हमें घर पर ही छोड़ कर चले गए थे, उस दिन सुबह वो नहाने गई और नहा के टॉवल में बाहर आई.
वह बहुत ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी, मैं उसे बड़े गौर से देख रहा था. उसने मुझे ऐसे देखते हुए देख लिया और हंस कर अपने रूम में भाग गई. मैं भी उसके पीछे पीछे गया मेरा लंड बहुत ज्यादा टाइट हो गया था, उसने दरवाजा लॉक नहीं किया था मैं अंदर गया तो वह शरमा गई.
मैं उसके करीब जाकर उसे गले से लगा लिया और उसे चूमने लगा. वह भी मेरे लड पर हाथ रख दिया और मुझे जोर जोर से चूमने लगी. फिर मैंने उसे खूब चूमा और उसकी टॉवेल निकाल दी और उसके बूब को दबाने लगा. और वह आहें भरने लगी. उसके बाद मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और वह बोली
उसे मुझे अपने हाथों से नंगा करना है और मेरे सारे कपड़े उसने निकाल दीए, और फिर मेरे लंड को चूसने लगी. १० मिनट बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया और वह मेरा सारा स्पर्म पि गई मेरा लंड मुरजा गया, तो वह उसे देखकर चुपके से मेरे कान में बोली कि बस इतना ही करने के लिए मैंने अपना लंड खड़ा किया था? और हंसने लगी.
तो मैंने उसके चूतड़ पर एक थप्पड़ मारा और उसके ऊपर आ गया और किस करना शुरु कर दिया. उसके लिप बहुत मुलायम थे किस करने के बाद फिर से उसकी चूची चूसने लगा और वह आहें भरने लगी.
उसके बाद में धीरे-धीरे उसके नीचे जाने लगा और उसके पेट पर और नवल पर किस करने लगा. फिर जब मैं उसकी और नीचे गया तो उसकी दोनों टांगों के बीच का जन्नत दिखने लगा. वह हल्के भूरे रंग की चूत थी और हल्का हल्का उस पर पानी निकला रहा था.
मैंने उसे तडपाने के लिए उसकी जांघो पर किस करने लगा तो उसने कहा साले पनीर छोड़ कर टांग काट रहा है तू गधे और मेरा सर अपनी चूत पर अपने हाथों से पकड़ कर रख दिया.
मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी तो वो चिहक उठी. मैं अपनी जिभ से उसे चाटना जारी रखा और अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल देता. इस दौरान वो तिन बार झड़ चुकी थी और उसने अपने हाथों से मेरे सिर दबा कर अपनी चूत का रस चटवाया. वह बहुत गर्म हो चुकी थी तड़प रही थी मुझसे लंड अपनी चूत में डालने को बोल रही थी. फिर मैं उसे चूत पर अपने लंड से रगड़ने लगा तो वह मुझे अंदर डालने को बोल रही थी.
मैंने उसके चूत पर लंड रख कर धक्का मार दिया और मेरा ७ इंच लंबा लंड उस के बुर के अंदर चला गया था, क्योंकि वह वर्जिन थी तो उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और वह दर्द के मरे अहह आयी ये उऔ इई आयी औऊ ईईआ कर रही थी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने को बोल रही थी.
में थोड़ी देर रुका और फिर जोर का झटका मारा. मेरा लंड पूरी तरह से उसके अंदर जा चुका था और जोर से चीख रही थी तो मैंने अपना होठ उसके होंठ पर रख कर चूमने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना स्टार्ट कर दिया, थोड़ी देर बाद वो मेरा साथ देने लगी.
अब वो मजे से चुद रही थी, लगभग यह प्रोग्राम २० दिन तक चला, इतनी देर में वह तीन बार जड चुकी थी. मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया, जब हम उठने लगे तो देखा कि बेड शीट पर ढेर सारा खून लगा था..
वो उसे देख कर मुस्कुराई और बोली कि वह मुझसे बहुत प्यार करती है और मुझे अपना पति मानेंगी. और मैं उसे कभी भी चोद सकता हूं. मैंने भी उसे गले से लगा लिया है और हम फिर बाथरुम में जाकर एक दूसरे को साफ किया. उसके बाद यह प्रोग्राम रोज का हो गया जब तक मैं दिल्ली में रहा. मैंने उसकी गांड भी मारी और वो फिर कभी बताऊंगा.