हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जय है और में सूरत का रहने वाला हूँ. में आज आप सभी पढ़ने वालों के साथ मेरा एक सच्चा सेक्स अनुभव और मेरी पहली चुदाई के वो कुछ पल बाँटना चाहता हूँ जिसको में बहुत समय से आप तक पहुँचाने के बारे में सोच रहा था. आज में अपनी भी उस चुदाई की कहानी को लिखकर भेज रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह सभी पढ़ने वालों को जरुर पसंद आएगी और अब में अपना परिचय देकर कहानी को शुरू करता हूँ.
दोस्तों मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरा एक बड़ा भाई जो अब शादीशुदा है, मेरी भाभी, मेरी माँ, पापा है, मेरे बड़े भाई की शादी को दो साल हो चुके है और उनकी शादी एक बहुत ही सुंदर लड़की से हुई थी जिसका नाम स्नेहा है. वो दिखने में बहुत सुंदर गोरी और उनका बदन बड़ा ही गदराया हुआ है. दोस्तों मेरे भाई, भाभी के बीच सब कुछ बहुत अच्छा चला रहा था इसलिए के सभी लोग भी बड़े खुश थे, क्योंकि मेरी भाभी का स्वभाव बहुत अच्छा और वो हंसमुख है.
फिर उनकी शादी के करीब दो महीने बाद मेरा भाई अपने काम की वजह से कनाडा चला गया और भाई के चले जाने के बाद स्नेहा मतलब मेरी भाभी से में बहुत क़रीब हो गया, उनके सभी कामों को में ही किया करता हूँ और में उनकी बहुत इज्जत भी करता था, क्योंकि वो बहुत अच्छे स्वभाव की है और उन्होंने मेरे लिए भी बहुत कुछ किया, लेकिन मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि स्नेहा भाभी के साथ कभी ऐसा भी हो जाएगा.
एक दिन जब माँ और पापा उनके एक दोस्त की पार्टी में गये हुए थे तो उस रात बारिश बहुत जोरदार हो रही थी और उस समय में और मेरी भाभी बैठे हुए टीवी देख रहे थे, लेकिन तभी मैंने देखकर महसूस किया कि मेरी भाभी बहुत ही उदास होकर बैठी हुई थी और कुछ दिनों से उनका किसी भी काम में अब पहले की तरह मन नहीं लगाता था. फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे उनकी उस उदासी की वजह पूछी, तब वो बहुत ही धीमी आवाज में मुझसे कहने लगी कि यह उदासी तुम्हारे समझ में नहीं आएगी, क्योंकि इसको सिर्फ़ एक लड़की ही अच्छी तरह से समझ सकती है.
दोस्तों मेरे वो बात बिल्कुल भी समझ में नहीं आई और अब मैंने उस बात को टालते हुए अब में अपनी भाभी को हंसाने की कोशिश कर रहा था, जिसकी वजह से उनका मन कहीं किसी दूसरी जगह लग जाए और इतने में ही लाइट भी अचानक से चली गयी. अब में और भाभी मोमबत्ती को ढूंढने के लिए उठे और उसी समय हम एक दूसरे से टकरा गए. उस समय गलती से मेरा एक हाथ भाभी की छाती पर चला गया और मैंने तुंरत उनसे कहा कि आप मुझे माफ़ करना, यह मुझसे गलती से हो गया और इतना कहकर में अपने हाथ को हटाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसी समय भाभी ने अचानक से मेरे हाथ को पकड़ लिया और वो मेरे उस हाथ को अपनी छाती पर फेरने लगी.
तब मैंने महसूस किया कि उनके बूब्स के निप्पल जोश में आने की वजह से तने हुए थे. फिर यह सब देखकर में एकदम से बहुत घबराकर परेशान हो गया और उसी समय मैंने भाभी से पूछा कि वो यह सब क्या कर रही है? तब भाभी मुझसे कहने लगी कि यही मेरी उदासी की वजह है, अगर आज तुम मुझे खुश करना चाहते हो तो जो में कर रही हूँ मुझे वो सब करने दो यह बात कहते हुए भाभी ने अपना एक हाथ मेरी पेंट पर रख दिया और वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी थी, जिसकी वजह से में मदहोश हो गया. अब मैंने कुछ देर बाद होश में आकर उन्हे अपने से थोड़ा दूर धकेलना चाहा, लेकिन वो तो अब मुझे किस करने लगी थी और उसके साथ साथ भाभी ने मेरे होंठो को ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया, क्योंकि वो उस समय बहुत जोश में थी, लेकिन मेरे अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है यह सब होने की वजह से अब मेरा लंड भी फूलकर बड़ा हो गया था और मेरे लंड ने अपना आकार बदलना शुरू कर दिया था.
अब भाभी ने मेरे लंड को हाथ लगाकर उसको महसूस किया और उसी के कुछ देर बाद उन्होंने तुरंत मेरी पेंट की चेन को खोल दिया और लंड को बाहर निकालकर सहलाने लगी थी. फिर कुछ देर बाद उन्होंने झट से नीचे बैठकर अपने मुहं में मेरे लंड के टोपे को लेकर पहले वो उस पर अपनी जीभ को कुछ देर घुमाती रही और उसके बाद वो उसको चूसने लगी. में थोड़ी थोड़ी देर में लंड को बाहर निकालकर उस पर अपनी जीभ को फेरने लगी थी और वो यह सब ऐसे कर रही थी जैसे वो इस काम में पहले से ही बहुत अनुभवी हो और अब में बिल्कुल बेक़ाबू हो गया था. में भी बहुत जोश में आ चुका था.
फिर मैंने उसी समय भाभी को उठाकर खड़ा कर दिया और में भी उन्हे अब पागलों जैसे चूमने लगा और उसी समय वो मेरे हाथों को अपने ब्लाउज में डालने लगी और जैसे ही मेरे हाथ भाभी के गोरे नरम मुलायम बूब्स को छुये तो मुझे एक अजीब सा एहसास हुआ और में बूब्स को छूकर बिल्कुल पागल होकर अब भाभी के ब्लाउज के हुक को खोलने लगा था और उनकी ब्रा को चूमने लगा. अब हम दोनों उस नशे में थे और हम दोनों में से कोई भी बिल्कुल भी होश में नहीं था और ऐसी हालत में उसी समय अचानक से पापा के कार की आवाज़ आ गई और भाभी ने उसी समय तुरंत मुझे रोका और वो कहने लगी राज तुम मुझे माफ़ करना, में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर सकी इसलिए मुझसे यह सब गलती से हो गया था और इसलिए प्लीज़ मुझे तुम माफ़ कर दो और इस बारे में तुम किसी से कुछ ना कहना, में अब अपने रूम में जा रही हूँ और इससे पहले मम्मी पापा अंदर आ जाए तुम भी अपने आप को संभाल लो.
दोस्तों मुझसे यह बात कहकर भाभी उसी समय तुरंत अपने रूम में चली गयी और मम्मी पापा के अंदर आने से पहले में भी अब धीरे धीरे पहले जैसा शांत हो गया, लेकिन मेरे दिल और दिमाग़ में अब भी एक अजीब सा तूफान था और मेरा लंड शांत हो जाने के बाद भी मेरे मन में एक आग जल रही थी और भाभी का वो अहसास मेरे पास से जा नहीं रहा था. फिर हम दोनों अपने अपने कमरे में आकर सो गए और में अपने बेड पर पूरी रात लेटे हुए वो सभी बातें मेरे साथ अचानक घटी उस घटना के बारे में सोचता रहा और ना जाने कब मुझे नींद आई, मुझे इस बात का पता ही नहीं चला और फिर दूसरे दिन सुबह उठकर हम दोनों ही एक दूसरे के साथ पहले जैसे ही रहने की बहुत कोशिश करने लगे थे. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि मेरी भाभी में तो कोई भी बदलाव नहीं आया था, लेकिन में अब पहले जैसा नहीं रह सका और अब मेरे दिमाग़ में जब भी में अपनी भाभी को अपने सामने या आसपास अकेले में देखता हर बार मेरे मन में भाभी के ही विचार आ रहे थे और उस वजह में बहुत बेचैन हो जाता. फिर मेरे वो दिन ऐसे ही बीत रहे थे, लेकिन अब भी मेरी वो बेचैनी खत्म नहीं हो रही थी. मेरे मन में अपनी भाभी के वो गलत गलत विचार आ रहे थे.
एक दिन भाभी ने मुझसे कहा कि उनकी मम्मी पापा और घर के सभी लोग कुछ दिनों के लिए बाहर विदेश जा रहे है. फिर मैंने कहा कि भाभी आप उन्हे जाते समय एक बार मिलने क्यों नहीं चली जाती? भाभी को मेरा यह विचार बहुत पसंद आया और उन्होंने मेरे पापा मम्मी से पूछा, तो वो भी तैयार हो गए और अब मुझसे मेरे पापा ने कहा कि में अपनी भाभी को उनके घर लेकर चला जाऊँ और फिर में उनको अपने साथ वापस भी लेकर आऊँ.
फिर में अपने घरवालों की यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश होकर अपनी भाभी को अपने साथ उनके घर ले गया और मैंने उन्हे वहां पर छोड़कर उनसे कहा कि में पास ही अपने एक दोस्त के पास जाकर आता हूँ और फिर हम वापस चलेंगे, लेकिन मेरा वहां पर कोई भी दोस्त नहीं था और यह सब मैंने अपनी भाभी से झूठ कहा था और कुछ दूर जाकर में अब उनके घरवालों के जाने का इंतज़ार कर रहा था और कुछ घंटो बाद जब वो लोग चले गये तो में वापस आ गया.
फिर मैंने देखा कि मेरी भाभी अब मेरे साथ वापस चलने के लिए एकदम तैयार ही खड़ी थी, लेकिन अब में तैयार नहीं था, क्योंकि मेरे दिमाग़ में तो बस वही बातें थी जो उस दिन रात को लाइट के चले जाने के बाद हम दोनों के बीच में हुआ था, वो बातें सोच रहा था. अब मैंने वापस आकर देखा कि मेरी भाभी के घर में कोई भी नहीं था और में और बस मेरी भाभी बिल्कुल अकेले थे. यह मेरे लिए एक बहुत अच्छा मौका था. अब मैंने यही सब बातें सोचकर भाभी से कहा कि हम कुछ देर बाद चलते है, भाभी ने पूछा कि वो किस लिए? तब मैंने कहा कि क्योंकि मुझे यहाँ आपसे कुछ काम है.
अब भाभी ने पूछा कि कौन सा कैसा काम? तब मैंने बिना जवाब दिए भाभी के दोनों बाज़ुओं को पकड़ लिए वो मेरे यह सब करने की वजह से डर गयी और मैंने धीरे से उनके होंठो को किस करने की कोशिश कि, लेकिन वो इस काम के लिए बिल्कुल भी राज़ी नहीं थी, इसलिए उन्होंने चकित होकर मुझसे पूछा कि यह तुम क्या कर रहे हो? तब मैंने जवाब दिया कि वही जो उस रात को आपने मेरे साथ किया था और अब भाभी ने मेरी हरकतों से डरते हुए वो मुझसे कहने लगी कि उस रात को वो मेरी गलती की वजह से हुआ था, प्लीज अब तुम मुझे छोड़ दो, में तुमसे उस गलती के लिए माफ़ी भी मांग चुकी हूँ. अब भाभी की वो बातें सुनने के बाद भी में खामोश नहीं हुआ और में उसी जोश में उन्हे किस करता जा रहा था और फिर मैंने भाभी की उभरी हुई छाती पर एक किस कर दिया, जिसकी वजह से वो मचलने लगी थी, लेकिन वो मुझे अब अपने से दूर भी हटाना चाहती थी और उनका वो विरोध अभी तक भी जारी था.
फिर मैंने अब अपनी भाभी के बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया था और कुछ देर बाद मैंने उनका जोश देखकर अब उनके ब्लाउज के अंदर हाथ डाल दिया. अब भाभी मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब बस करो तुम दूर हट जाओ मुझसे, लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और में उनका ब्लाउज उतारने की कोशिश करने लगा था. अब भाभी ने मुझसे कहा कि हाँ ठीक है ज़रा धीरे से करो, लेकिन तुम सिर्फ़ मेरे ब्लाउज को ही उतारोगे और उसके आगे उससे ज्यादा कुछ नहीं करोगे. अब मैंने बिना देर किए तुरंत उनके ब्लाउज को उतारकर दूर फेंक दिया और तब मैंने देखा कि भाभी ने उस समय ब्लाउज के अंदर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी और अब मैंने उनकी ब्रा को भी ऊपर उठा दिया, जिसकी वजह से उनके वो गोरे गोरे बूब्स जिनकी हल्के भूरे रंग की तनी हुई निप्पल थी, वो मेरे सामने पूरे नंगे थे. में उनको चकित होकर देख रहा था.
अब तो मुझे वो सेक्सी नजारा देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे कि में इस दुनिया में ही नहीं हूँ, क्योंकि मेरी भाभी के वो बूब्स एकदम गोल आकार में थे और वो बहुत रसीले थे. में उसी समय उन्हे अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. में एकदम मदहोश होकर यह सब कर रहा था. मेरा एक हाथ लगातार भाभी के दूसरे बूब्स को दबा रहा था और भाभी मुझे बार बार रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन में उस समय पूरी मस्ती में था इसलिए मुझे कुछ भी दिखाई या सुनाई नहीं दे रहा था.
अब में तेज़ी से अपने कपड़े उतारने लगा और मैंने अपनी शर्ट को उतारा तो भाभी ने जोश में आकर मेरी छाती पर एक किस कर दिया और कि कहा कि तुम बहुत समझदार हो चुके हो. अब मैंने अपनी पेंट को उतारने की कोशिश की तो भाभी ने मेरी पेंट को पकड़ लिया और कहा कि अब बस करो, में आज तुम से वादा करती हूँ कि आज हम दोनों ने जो कुछ भी किया है यह हमने तुम्हारी ख़ुशी के लिए किया था और हम फिर से करेंगे, लेकिन अभी मुझे इससे ज्यादा और कुछ नहीं करना.
फिर मैंने भाभी के उस हाथ को अपनी पेंट के ऊपर से हटाकर अपने तनकर खड़े लंड के टोपे पर रख दिया और भाभी ने थोड़ी देर के लिए मेरे लंड के टोपे को ज़ोर से पकड़ लिया, लेकिन फिर उसी समय छोड़ भी दिया. फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर को भी मैंने झट से नीचे सरका दिया और अब में पूरी तरह नंगा हो गया था. यह सब मेरे साथ पहली बार हुआ था और भाभी मुझे इस रूप में देखकर बहुत परेशान हो गई. मैंने उनके हाथ को अब पकड़कर मेरे लंड के टोपे पर रख दिया.
फिर वो मेरे मोटे गरम लंड को छूकर उसको देखकर बहुत जोश में आकर अपने होश खो बैठी और अब वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी, उसको सहलाने लगी थी और फिर कुछ देर बाद वो उसको अपने मुहं में लेकर चूसने भी लगी थी और जब वो जब मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद मेरी स्नेहा भाभी के मुहं में मेरा वीर्य जो मेरे लंड से बाहर निकला था वो अब भर गया था. फिर वो खड़ी हो गई और उन्होंने खुद ही अपनी ब्रा को पूरा उतारकर अपने से अलग कर दिया. मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को खींचना शुरू किया और कुछ ही देर में भाभी को भी मेरे सामने नंगा कर दिया और उसके बाद में बहुत देर तक भाभी के बूब्स को चूसता रहा और फिर मेरा लंड भाभी की चूत को छू रहा था तो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उनकी चूत मुझे करंट मार रही हो. अब भाभी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और वो मुझे पास वाले बेडरूम तक ले गई और वहां पर हमने एक दूसरे को बहुत देर किस किया.
फिर वो उसके बेड पर लेट गई और में भाभी के ऊपर लेट गया और में कभी भाभी के बूब्स को तो कभी उनके गले को तो कभी उनके पेट को किस करने लगा था. फिर वो समय आ ही गया, जिसका मुझे कब से इंतज़ार था और अब हम दोनों पूरी मस्ती में थे. भाभी ने अपने एक पैर को ऊपर उठाया और अब मुझे उनकी साफ चमकती हुई रस से भरी कामुक गुलाबी चूत नजर आ गई. वो दिखने में ऐसी नजर आ रही थी कि जैसे वो कब से मेरे लंड का इंतज़ार कर रही थी और उसी समय मैंने उसका वो इंतज़ार खत्म किया और मैंने अपने लंड का टोपा उनकी खुली हुई चूत पर लगाकर चूत के दाने को रगड़ने लगा. अब भाभी उछलने लगी और हम दोनों बहुत मज़े कर रहे थे.
में अब अपने लंड को धीरे धीरे उनकी चूत में दबाव बनाते हुए अंदर डालने लगा था और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था. में लिखकर बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था और में उस समय बहुत जोश में था, इसलिए मैंने उसी समय एक ज़ोर का धक्का दे मारा, जिसकी वजह से भाभी उस दर्द की वजह से एकदम उछल पड़ी और मेरा लंड फिसलता हुआ पूरी तरह उनकी गीली चूत के अंदर चला गया और अब भाभी उस दर्द से बहुत मचलने लगी. फिर मैंने अब उनको लगातार धक्के देने शुरू किए और मैंने बहुत देर तक अपनी भाभी की चूत में लगातार धक्के दिए.
फिर उसने मुझे अपने से दूर होने के लिए और कहा कि अब बहुत देर हो गई है, क्योंकि हमें घर भी जाना है, प्लीज अब बंद करो और बाहर निकालो अपना लंड मेरी चूत से आह्ह्ह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है आईईइ माँ में मर गई आफ्फफ्फ्फ्फ़ अब तुम छोड़ दो मुझे. फिर मैंने कहा कि एक शर्त पर में अपना लंड बाहर निकालूँगा, तब भाभी ने कहा कि मुझे तुम्हारी वो शर्त बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ, हाँ हम दोनों फिर से ऐसे ही मज़े मस्ती जरुर करेंगे, क्योंकि अब तो में भी तुम्हारे साथ यही सब करना चाहती हूँ क्योंकि मुझसे भी अब बिना यह सब किए ज्यादा रहा नहीं जाता और मुझे भी इसकी बहुत जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि तुम मुझे कभी भी निराश नहीं करोगे. फिर मुझे अपनी भाभी के मुहं से वो बात सुनकर बहुत ख़ुशी हुई और फिर उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद हम दोनों वापस अपने घर पर चले गये.
दोस्तों फिर तो हर रोज़ माँ और पापा के अपने कमरे में जाकर सोने के बाद में अपनी भाभी के कमरे में चला जाता हूँ और में उनके साथ बहुत सेक्सी रातें गुजार रहा हूँ, जिसकी वजह से में और भाभी अब बहुत खुश रहते है और हर रोज़ मुझे मेरी सुंदर, हॉट, सेक्सी भाभी के साथ सेक्स करने का वो मौका मिलता है, जिसको में हमेशा पाना चाहता था. आज वो भाभी हर कभी रात को तो कभी दिन में मेरी बाहों में मेरे साथ अपनी चुदाई का मज़ा लेती है उनको हर बार में अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट करता हूँ. वो भी मेरी चुदाई मेरे साथ से बहुत खुश रहती है और मैंने अब तक उनको ना जाने कितनी बार चोदा है और हर बार उन्होंने मेरा पूरा पूरा साथ भी दिया है.