हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है और में सूरत में रहता हूँ. मेरी कोचिंग में एक लड़की पढ़ती थी, जिसका नाम प्रियंका था, वो दिखने में गजब की खूबसूरत थी. फिर एक दिन वो बड़े गले का सूट पहनकर आई और मेरे पास बैठ गयी. अब हम लोग सबसे पीछे बैठे थे और मुझे उसके बड़े-बड़े बूब्स मजे से दिख रहे थे.
तभी मैंने अपनी एक टाँग उसकी जांघो से टच करा दी, तो उसने मुझे सेक्सी निगाहो से देखा और मुस्कुराई. अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी तो मैंने एक अपना सीधा हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और हल्के-हल्के सहलाने लगा. अब मेरा हाथ टेबल के नीचे था, इसलिए मुझे कोई देख नहीं पा रहा था, वो इलास्टिक वाला ट्राउज़र (सलवार) पहने थी.
फिर जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने थोड़ा सा टॉप (कुर्ता) उठाकर अपना एक हाथ उसके कुर्ते में डालकर उसके पेट पर रख दिया. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी साँसे तेज़ी से चल रही थी. तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया, ये क्या? उसकी पेंटी तो एकदम गर्म थी. तभी मेरा ध्यान उसके बूब्स पर गया, तो वो भी एकदम नुकीले और टाईट हो रहे थे. अब में समझ गया था कि प्रियंका गर्म हो गयी है.
फिर मैंने उसकी गर्म चूत पर अपना एक हाथ रख दिया और अब वो हल्के से सिसकारी लेने लगी थी. तभी उसने भी मेरा लंड मेरी पेंट के ऊपर से ही पकड़ लिया और सहलाने लगी. मैंने पहली बार किसी लड़की की चूत पर हाथ रखा था और अब में भी पागल हो गया था.
मैंने उसके चूत के दाने को पकड़ लिया और उसे दबाने लगा. अब उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी, जो बहकर उसकी चूत के नीचे से बहता जा रहा था. तभी मैंने उसकी चूत के बहते हुए पानी को अपने हाथ में लिया और अपना मुँह नीचे करके चाट लिया, वो एकदम नमकीन सा टेस्ट था. तभी मैंने अपना लंड एक मिनट के लिए बाहर निकाला, जो एकदम गीला हो रहा था और में आपको बता दूँ कि मेरा लंड 7 इंच लंबा है.
फिर मैंने देखा कि वो मेरे लंड को बड़े गौर से अपनी आँखों में उतार रही थी. फिर मैंने अपना लंड अंदर करने के बाद उसकी चूत में अपना एक हाथ डाल दिया. फिर मैंने अपनी 2 उँगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और ज़ोर-जोर से हिलाने लगा और 2-3 मिनट तक में उसका हस्तमैथुन हल्के-हल्के करता रहा.
फिर उसका शरीर अकड़ गया और वो एकदम से शांत हो गयी और उसकी चूत से सफ़ेद पारदर्शी जैली के जैसा जैल बहकर बाहर आ गया, जिसे मैंने अपने हाथ में लेकर अपना मुँह नीचे करके चाट लिया. फिर कोचिंग का टाईम ख़त्म हो गया और अब जाते वक्त उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे. अब वो मुझे प्यार भरी निगाहों से देख रही थी. मेरा घर मेरे रूम से काफ़ी दूर था और प्रियंका भी रूम किराए पर लेकर अपनी एक सहेली के साथ अकेली रहती थी और हम दोनों के रूम अलग अलग थे.
फिर मैंने उसी दिन रात को 11 बजे उसे फोन किया, तो वो बोली कि तुम क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि तुम्हें याद कर रहा हूँ. फिर हम दोनों ने ढेर सारी सेक्सी बातें की. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने अभी तक किसी से चुदवाया है? तो वो बोली कि नहीं. फिर मैंने पूछा कि अब चुदवाने का क्या इरादा है? तो वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने पूछा कि क्या तुमने अब तक ब्लू फिल्म देखी है? तो वो बोली कि नहीं, उसके रूम में कंप्यूटर भी था, लेकिन इंटरनेट नहीं था.
फिर वो बोली कि मुझे ब्लू फिल्म देखनी है. फिर मैंने कहा कि ठीक है कल में तुम्हें ब्लू फिल्म की सी.डी कोचिंग में कॉपी में रखकर दे दूँगा. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम हस्तमैथुन करती हो? तो वो बोली कि हाँ में तो रोज नहाते वक्त उंगली से या फिर पानी की तेज़ धार पाईप से अपनी चूत पर डालती हूँ तो 2-3 मिनट में मेरा हो जाता है. फिर मैंने उससे कहा कि में तो अपने लंड को मुट्ठी में पकड़कर ऊपर नीचे करता हूँ और 5-10 मिनट तक लगातार करने के बाद में झड़ता हूँ.
फिर अगले दिन मैंने उसे सी.डी दे दी. फिर रात को मैंने उसे फोन किया, तो वो सी.डी देख रही थी, उसकी आवाज बदली हुई थी. फिर वो मुझसे बोली कि इस सी.डी. में तो लड़का काफ़ी देर से करीब 50 मिनट से लड़की के धक्के लगा रहा है, इतनी देर में तो मेरा जाने कितनी बार झड़ जाएगा? तो मैंने कहा कि सी.डी. में तो दवाई लेकर सेक्स करते है.
फिर वो बोली कि मुझे ज्यादा देर तक झड़ने की दवाई लाकर दे दो, तो मैंने कहा कि दे दूँगा. फिर वो बोली कि 1 मिनट फोन होल्ड करो, में अपना नाईट सूट का टॉप उतार रही हूँ. फिर टॉप उतारने के बाद मैंने कहा कि अपना ट्राउज़र भी उतार दो और अब वो केवल ब्रा-पेंटी में थी और फिर मैंने उसकी ब्रा-पेंटी भी उतरवा दी.
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम भी पूरे नंगे हो जाओ, तो मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए. फिर वो जाकर एक मोमबत्ती उठाकर लाई और मुझसे कहने लगी कि हस्तमैथुन करो तुम भी और में भी. फिर हम दोनों ने फोन पर ही हस्तमैथुन करना शुरू कर दिया और फिर 3-4 मिनट तक हम दोनों पूरे जोश से अपना-अपना हस्तमैथुन करते रहे. फिर हम दोनों एक साथ जाकर झड़ गये. फिर वो बोली कि तुम्हारे साथ फोन पर सेक्स करने में बहुत मज़ा आया. फिर मैंने कहा कि जब आमने सामने करोगी तो इससे भी ज्यादा मज़ा आएगा.
अब तो हम दोनों का रूल बन गया था और अब हम दोनों रोज रात को फोन पर ही पहले मुठ मारते और फिर झड़कर सो जाते थे. फिर 3 दिन के बाद मैंने रविवार मॉर्निंग को उसे अपने रूम पर बुलाया, तो वो जीन्स टॉप पहनकर आई और बैग में अपने कपड़े भी रखकर लाई थी और मुझसे बोली कि में रात में यही रुक जाऊं, तो तुम्हें कोई एतराज तो नहीं है ना? तो मैंने कहा कि मुझे क्यों एतराज होगा? जब भरी गर्मी के दिन थे. फिर में उसके पास गया और उसकी आँखों में देखता रहा और फिर मैंने अपने गर्म होंठ उसके होंठो पर रख दिए और चूसने लगा. फिर वो भी करीब 10 मिनट तक मेरे होंठो को चूसती रही.
फिर उसके बाद मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. अब मेरा 8 इंच लंबा लंड पूरी तरह से तन चुका था. फिर उसने मेरी पेंट उतार दी और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. अब उसे पूरा नशा चढ़ चुका था और देखते ही देखते उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे शरीर को चाटने लगी और फिर उसने मेरे पेट पर, हाथ पर, पैर पर, कूल्हों पर, पीठ पर खूब चाटा.
अब मुझे पूरी तरह से जोश आ चुका था तो मैंने भी उसे पूरा नंगा कर दिया और उसकी चूत को चाटने लगा और उसकी चूत का दाना पकड़कर रगड़ने लगा. मेरा बाथरूम भी रूम से ही अटैच था, तो उसने मुझसे कहा कि उसे पेशाब करनी है. फिर मैंने उसे उठाया और बाथरूम में ले गया और फिर मैंने शॉवर चला दिया और उसकी चूत चाटने लगा. फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी, तो वो सिसकने लगी और बोली कि में ज्यादा देर नहीं रुक पाऊँगी.
फिर में थोड़ी देर तक चूसने के बाद रुक गया. फिर वो बोली कि मुझे तुम्हारे ऊपर पेशाब करना है. फिर मैंने कहा कि मुँह को छोड़कर जहाँ चाहो करो. फिर उसने मुझसे बैठने को कहा और मूतने लगी. अब उसका गर्म-गर्म पेशाब मेरे ऊपर गिर रहा था और अब में उत्तेजना से पागल हो गया था. फिर मैंने उसे पकड़ा और लेटा दिया और में भी उसके बूब्स पर, चूत पर पेशाब करने लगा. अब वो चीख रही थी और सिसकारियाँ ले रही थी.
फिर हम दोनों एक साथ नहाए और फिर हम दोनों बेड पर लेट गये. फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज मुझे चोद दो, अब में नहीं रह पाऊँगी और अब वो ज्यादा उत्तेजना के कारण रोने लगी थी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के छेद पर रख दिया और फिर हल्के से एक धक्का मारा. फिर वो चीख पड़ी और बोली कि मुझे तो दर्द हो रहा है.
फिर मैंने कहा कि चिंता मत करो डार्लिंग, थोड़ी देर में ये दर्द मज़ा बन जाएगा और फिर में धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. अब वो चीख रही थी चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को, मूत दो मेरी चूत में और ज़ोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी. अब उसने अपने बाल खोल लिए थे और वो पागल हो गयी थी. अब में भी अपने एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था.
फिर अचानक से उसका शरीर अकड़ने लगा और वो एकदम से मुझसे चिपक गयी. अब उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ में चुभा दिए थे और अब में समझ गया था कि वो झड़ चुकी है. फिर मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और में भी झड़ गया और मैंने उसकी चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया. फिर हम लोग 10 मिनट तक ऐसे ही पड़े रहे और फिर उसके बाद अपने-अपने कपड़े पहनकर सो गये.