हेल्लो दोस्तों, आज मैं मेरे पहले हनिमून के बारे में बताने जा रहा हूं, जो मैंने अपनी सगी बहन के साथ मनाया था। यह मेरे पहले हनीमून के साथ साथ मेरी पहली चुदाई भी थी और इस स्टोरी को पढ़ कर आप सब लोगो को बहुत मजा आएगा ऐसी में आशा करता हु।
मैं अब आप को अपने बारे में बता देता हूं, मेरी उम्र २० साल है और मैं कॉलेज में स्टडी कर रहा हूं, मेरा रंग थोड़ा सा सांवला है, मेरी हाइट ५ फुट ६ इंच है और अब देखा जाए तो मैं एक एवरेज लड़का हूं, मैंने सिर्फ आज तक लड़कियों से बात की है पर कभी सेक्स नहीं किया हे इसलिए मुझे सेक्स के बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता हे।
अब मैं आप को अपनी बहन के बारे में बता देता हूं, मेरी बहन दिखने में पटाका है मतलब वह बहुत सेक्सी और बहुत खूबसूरत है, उसकी उम्र करीब २५ साल है इसलिए उसकी जवानी पूरी बाहर आ रही थी।
उस की फिगर का साइज ३२-३४-३५ था और उस की गांड काफी गद्देदार थी। उस के बूब्स भी बहोत क्यूट है, मेरी बहन का रंग बहुत गोरा है। मुझे पता था कि उस के बहुत सारे बॉयफ्रेंड है और शायद मेरी बहन ने कभी सेक्स किया हो सकता है मुझे ऐसा लगता है। मेरी बहन काफी हंसी मजाक वाली खुले विचारों वाली लड़की है, इसलिए वह मेरे साथ भी बहुत बार शरारतें करती रहती थी, अब दोस्तों में आप का ज्यादा वक्त न लेते हुए अपनी कहानी पर आता हूं।
यह बात उन दिनों की है जब हमारी हॉलीडे चल रही थी मैं और मेरी बहन सारा दिन घर पर ही रहते थे। एक दिन अचानक मेरे पापा ने मुझे कहा वरुण बेटा मैंने तेरी और तेरी बहन की बस में टिकट बुक करवा दी है, और जाओ घूम आओ कुछ दिन अपनी दीदी के साथ।
यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि मुझे बाहर घूमना बहुत अच्छा लगता था, मैंने यह बात अपनी दीदी को बताई वह इस प्लान से बहोत खुश हुई इसलिए हम दोनों ने अपनी पैकिंग शुरू कर ली थी क्योंकि हमारी बस कल सुबह की थी।
मैं और मेरी बहन सुबह नाश्ता कर के घर से निकल चुके थे, उस टाइम थोड़ी थोड़ी बारिश होनी शुरु हो गई थी और मौसम काफी रोमांटिक हो चुका था। हम ने ऑटो लिया और बस स्टैंड जा कर बस में बैठ गए।
बस मे दीदी विंडो वाली सीट पर बैठी थी और मैं उन के साथ बैठा हुआ था। थोड़ी देर में बस रोड पर चलने लगी और फिर से बारिश शुरू हो गई। दीदी को बारिश बहुत पसंद है इसलिए उन्होंने विंडो बंद नहीं की और बारिश की बूंदे अंदर आ रही थी और दीदी के चेहरे पर गिर रही थी।
दीदी बार बार अपना फेस को साफ कर रही थी और मैं यह सब देख रहा था। अब मैं भी दीदी का फेस अपने रुमाल से साफ करने लगा, इसका उन्होंने कोई विरोध नहीं किया इसलिए मैं बार बार साफ करने लग गया। बारिश की बूंदें अब उस की बूब्स के ऊपर गिरने लगी थी मैंने अपने हाथ से दीदी का सीना साफ कर दिया और मेने साफ करते वक्त उस को धीरे से दबा दिया, दीदी ने मुझे गुस्से की नजरों से देखा और मैं समझ गया था कि कुछ ज्यादा ही हो गया है अब।
जब बस चलती थी तो बीच में बस हील रही थी जिस की वजह से दीदी मेरे ऊपर बार बार गिर रही थी इस बार जब गीरी तो दीदी का हाथ मेरे लंड पर आ गया और मेरा उन्होंने लंड दबा लिया और कहा वरुण बेटा मैंने अपना बदला ले लिया है।
यह सुन कर मैं और मेरा लंड दोनों हैरान हो गए। इतनी देर में हम अपने होटल पहुंच गए बस ने हमें होटल के सामने ही उतार दिया। दीदी ने होटल में रुम बुक कर दिया और हमारा सामान भी रूम में रखवा दिया, और मुझे कहा चलो बाहर चलते हैं और कही घूम कर फ्रेश हो कर वापस होटल पर आते हैं। मेंने कहा ठीक हे।
मैं और दीदी अब बाहर चले गए हमने पहले लंच किया और शाम तक वापस आ गए। अब मैं और दीदी रूम के बाहर बालकनी में खड़े बातें कर रहे थे मेरी नजर दीदी की गांड पर थी क्योंकि उन्होंने टाइट पजामी डाली हुई थी इस वजह से उस की गांड की पूरी शेप मुझे दीख रही थी।
मैंने एक मजाक मजाक में दीदी की गांड पर जोर से थप्पड़ मार दिया।
दीदी उस वक्त थी आइसक्रीम खा रही थी इसलिए उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर अपनी आइसक्रीम को खाने लगी, मुझे यह मस्ती कर के बहुत मजा आया और अब में इस सेक्स गेम को आगे बढ़ाना चाहता था इसलिए मैंने फिर से दीदी की गांड को दबाया और थप्पड़ मार दिया।
अभी दीदी ने बोला वरुण यह क्या कर रहा हे? तुझे यह जगह मिली थी मुझ से ऐसी शरारत करने को?
मैंने कहा क्यों दीदी मजा आया ना?
तभी दीदी ने अपने हाथ से मेरी गांड पर भी थप्पड़ जड़ दिया और बोली अब बोल बेटा तुझे कितना मजा आया?
मैंने कहा दीदी मुझे बहुत मजा आया, फिर से मारो ना मैं तो चाहता हूं आप मेरी गांड को दबा भी दो और इसे मार मार कर लाल कर दो, इस तरह से मैं दीदी के सामने खुलन शुरू होने लगा था।
तब दीदी ने कहा चल हट शैतान कहीं का कुछ भी बोलता रहता है।
तभी दीदी बोली वरुण तुझे पता है ऐसे होटल में रुक कर मेरा हनीमून बनाने का कितना दिल करता है?
यह सुन कर मेरे होश उड़ गए और मैं अनजान बनते हुए कहा यह हनीमून कहां बनाते हैं दीदी?
दीदी ने कहा मेरी तरफ देखते हुए बोली तू पागल है क्या? हनीमून होटल में मनाते हैं मंदिर में नहीं।
मैंने कहा मुझे क्या पता होगा कि हनीमून क्या होता है और कहां मनाते हैं? मैंने बड़ी सी मासूमियत से दीदी को जवाब दिया।
दीदी ने कहा अच्छा ठीक है सॉरी यार अब प्लीज रोना मत, लगता है तुझे सब सीखाना ही पड़ेगा।
यह सुन कर मेरे लंड में हलचल शुरू हो गई और मैं मन ही मन सोचने लग गया कि आज दीदी की चुदाई पक्की करनी है, तब मैंने दीदी को जवाब दिया की हनीमून कैसे होता है यह सिखाओगे क्या?
तब दीदी ने मेरे कमर पर प्यार से मुक्के मारे और डिनर के लिए हम चले गए। वहां हमने डिनर किया और ९ बजे अपने बेड रूम में आए मैंने बेड देखा तो वह सिंगल बेड ही था। मैंने सोचा कि दीदी ने पहले से ही चुदाने का प्लान बना लिया था शायद इसलिए सिंगल बेड रुम ही लिया हुआ है।
मैंने अपना नाइट सूट डाला और दीदी ने भी पिंक कलर का बहुत ढीलासा टॉप और एक खुला सा पजामा डाल दिया, मैं यह देख चुका था कि आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी।
दीदी को शायद नींद आ रही थी, इसलिए उन्होंने जब अपने दोनों हाथ ऊपर कर के अंगडाई ली तो दीदी के बूब्स बाहर की तरफ आ कर ही टाइट हो गए थे, यह देख कर मेरा लंड फूंकारे मारने लग गया था।
अब दीदी बेड पर आ गई थी और मुझे बोली अब आ जा मेरे राजा बेटा आज अपनी दीदी के साथ सो जा।
फिर मैंने उठ कर रूम की लाइट को बंद कर दिया और मैं कूद कर बेड पर गया और उन के साथ लेट गया।
बेड काफी छोटा था और हम दोनों चिपक कर लेटे हुए थे, बारिश होने के बाद मौसम ठंडा था इसलिए हम को गर्मी नहीं लग रही थी, दीदी ने अपना मुंह दूसरी तरफ किया हुआ था और मैं उन की गांड के साथ अपना लंड टच कर के में उन के साथ सो गया।
करीब रात को १ बजे मेरी आंख खुली और मैंने देखा कि मेरा लंड पूरा खडा हुआ था और दीदी की गांड पर सेट हो रखा था। अब मैंने अपना हाथ उन के पेट के ऊपर रखा और रगडने लग गया। जब मुझे लगा कि दीदी काफी गहरी नींद में सो रही थी, तब मैंने हिम्मत कर के अपना हाथ उन के बूब्स पर रखा और फिर धीरे धीरे में उन के बूब्स को दबाने लग गया, धीरे धीरे मैं उन के दोनों बूब्स को एक एक कर के दबाने लग गया और उन के बूब्स के निपल को अपनी उंगलियों से दबाने लग गया, दीदी ने हरकत की तो मैं रुक गया और वह जागी नहीं तो कुछ देर बाद में फिर से शुरु हो गया।
अब दीदी के मुंह से आंह्ह्ह ह्ह्ह आःह औऊ अहह हह्ह्ह ओया हहह ओह अहह अम्म अहह हो अहह हो अहह औउ ह्जह्ह हहो अहह हो अहह की आवाजें आने शुरु हो गई थी, अब मुझे पता चल गया था कि मेरा रास्ता साफ है, इसलिए मैंने अब दीदी के टोप के अंदर हाथ डाल दिया और उन के नरम और गरम गरम बोबे को पकड़ लिया, और दबाने लग गया।
अब दीदी की आवाज भी तेज होने लग गई थी और मैंने उन की गर्दन पर भी किस करना शुरु कर दिया था और दीदी पागल सी हो गई थी और कुछ कुछ बोले जा रही थी आह हहह उऔउ हहह अह्ह्ह और जोर से अहः ह हां औउ उःह्ह और करो।
अब दीदी का हाथ भी मेरे लंड की तरफ आ गया था, दीदी ने मेरे लंड को बाहर से पकड़ लिया और उसे सहलाने लग गई, मुझे भी अब मजा आने लग गया था, अब मेरे मुंह से भी अहह उऔउ अह्ह्ह औऔउ दीदी हहह ई इह ओःह हैई हहह औऊ हह्ह्ह की आवाज निकलने लगी थी।
फिर दीदी ने कहा वरुण अब हनीमून मना ले, बस मुझ से और बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
फिर मैंने कहा पर कैसे दीदी?
अब दीदी ने अपना टॉप उतार दिया और मेरे ऊपर आ कर मेरे मुंह में अपने बोबे डाल दिए और कहा ऐसे मेरे प्यारे भैया अब ईसे चूसो।।
अब मैं दीदी के बूब्स चूस रहा था और दीदी ने मेरा पजामा का नाडा खोल दिया और मेरा अंडरवियर उतार कर मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया था।
दीदी ने कहा यार तू कहां था अभी तक इतना बडा लंड कहां से लाया है तू?
यह कह कर दीदी ने अपना पजामा उतार दिया और उन्होंने पैंटी नहीं डाली थी, अपने मुंह से थूक निकाल कर दीदी ने मेरे लंड पर लगाई और मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट कर के बैठ गई।
धीरे धीरे लंड अंदर जाने लग गया और देखते ही देखते लंड पूरा अंदर चला गया और दीदी के मुंह से सिर्फ आऔउ अह्ह्ह औऊ अह्ह्ह इई ओह हहह अम्म ओह हहह इई औउ ओह हहह अम्म्म अहह ओह हहह इई की आवाज निकल रही थी, अब दीदी ने अपनी गांड हिलाना शुरु कर दिया था और मेरा लंड उस की चूत की गहारियो में जाने लग गया था।
मुझे भी मजा आने लग गया और मैंने भी झटके मारना शुरू कर दिए थे और लंड दीदी की बच्चेदानी से जा कर टकरा रहा था इसलिए वह जोर जोर से सिस्कारिया ले रहीं थी फिर मैंने दीदी को अपनी बाहों में लिया और उसे अपने नीचे कर लिया।
अब दीदी ने अपनी टांगे खोल दी और मेरा लंड आसानी से उन की चूत में जाने लग गया, फिर करीब २० मिनिट तक हमारा चुदाई का सिलसिला चला और कुछ देर बाद दीदी का जिस्म टाइट होने शुरू हो गया और उन की सांस पहले से ज्यादा तेज होना शुरू हो गई।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि यह सब कुछ मेरे लिए एकदम पहली बार था दीदी ने मुझे अपनी टांगो से ब्लॉक कर दिया और मुझे कस कर अपनी बाहों में ले कर अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लग गई, २ मिनट बाद में उन्होंने मेरे लंड पर अपना पानी छोड़ दिया, मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे लंड पर पानी की पिचकारी मारी हो।
दीदी की चूत के पानी की वजह से लंड गीला हो गया और दीदी की चूत में आराम से ऊपर नीचे होने लग गया, अब मेरा भी पानी निकलने वाला था, इसलिए मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और अपना सारा पानी दीदी की चूत में ही डाल दिया और मैं थक कर दीदी के ऊपर ही सो गया हम दोनों पूरी तरह थक चुके थे। इसलिए हमको कब नींद आ गई हो कुछ पता ही नहीं चला।
अब हम सुबह उठे और नहा धो कर बाहर निकल गए और दीदी और मैंने सारा दिन मस्ती की। हम ने बाहर ही ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर भी किया, हम ने एक साथ मूवी देखी और सिनेमा हॉल में चुम्मा चाटी करी। और हम रात को ८ बजे होटल वापस आ गए और चेक आउट कर के बस लेकर अजमेर जाने लग गये।
हम को बस रात के ९ बजे मिली, बस पुरी खली थी में और दीदी सबसे लास्ट में स्लीपर सीट पर जाकर बैठ गए, कुछ देर बाद बस की लाइट ऑफ हो गई और मैंने विंडो के पर्दे लगा कर अपनी सीट पर पूरा अंधेरा कर लिया और दीदी के बूब्स पकड़ कर मसलने लगा।
अब दीदी ने मेरी पेंट खोल दी और मेरा लंड बाहर निकाल कर अपने हाथ से ऊपर नीचे करने लग गई, मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था वह अपने आप नीचे बैठ गई और मेरा लंड अपने मुंह में डाल कर ऊपर नीचे करने लगी जब दीदी ने लंड मुंह में डाला तो मेरी आंखें बंद हो गई और मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूं।
क्योंकि आज पहली बार मेरा लंड किसी ने अपने मुंह में डाला था, मेरे मुंह से आवाज आह्ह औऊ अहह ओह हहह ही अहह औऊ ही अह्ह्ह वाह दीदी हां ओह्ह्ह अ आह्ह्ह औऊ आ रही थी दीदी आह हू ओह हह्ह्ह क्या बात है, आप ने तो कमाल ही कर दिया आज तो। वाह क्या बात है दीदी अह्ह्ह उऔउ ओइह हहह।
मेरी आवाज सुन कर दीदी और जोश में आ गई और लंड को पूरा मुंह में ले कर ऊपर नीचे करने लग। गई मेरा लंड उन के गले में जा रहा था जो कि मुझे साफ महसूस हो रहा था।
दीदी ने मेरा लंड चूस चूस कर गोरा कर दिया था और मुझे भी मजा आने लग गया और मैं अपनी गांड उठा उठा कर उनके मुंह को चोदने लग गया। मेरा पूरा लंड पर सिर्फ दीदी की थूक थी और मेरा लंड ऐसा लग रहा था जैसे मानो मेरे लंड अभी दीदी की थूक से नहा कर आया है।
मैं दीदी के सर को पकड़ कर अपने लंड को ऊपर नीचे कर रहा था और कुछ ही देर में मैंने अपना पानी निकाल दिया और दीदी ने मेरा सारा पानी अपने मुंह में लिया और उसे पी लिया, मेरी दीदी ने मेरा लंड चाट चाट कर पूरा साफ कर दिया और मेरे लंड को अपने गले से रगड़कर रगड़ कर पूरा सुखा भी दिया।
मैं और दीदी नॉर्मल हो कर बैठ गये चुसाई में हमें पता भी नहीं चला कि हम आधे रास्ते में पहुंच गए थे, अभी हमारी बस को रुकना था बस रुकी और सवारी भी अब बस में आ गई थी, बस यहां पर १० मिनट तक रुकी थी।
इसलिए मैं और दीदी नीचे उतर कर कोल्डड्रिंक पीने लग गए, हम कोल्ड ड्रिंक पीते पीते आंखों से बात कर रहे थे, और तभी बस ने हॉर्न मारा और हम बस की तरफ चले गए और अपनी सीट पर जा कर बैठ गए, बस चल पड़ी और कुछ ही देर में बस की लाइट बंद हो गई, पूरी बस में अंधेरा हो गया।
अभी दीदी सिट पर लेट गई और मैं उन के साथ लेट गया, मैंने हम दोनों के ऊपर चादर ले ली। फिर मैंने दीदी की गांड पर हाथ फेरने लग गया क्योंकि दीदी मेरी तरफ अपनी गांड कर के सो रही थी, अब दीदी ने अपना कुर्ता ऊपर कर लिया और अपनी सलवार खोल कर नीचे कर दी मैंने भी अपनी पैंट नीचे कर दी।
अब में दीदी के बूब्स को दबा रहा था और मेरा लंड दीदी की गांड पर सेट था, तभी दीदी बोली वरुण आज तो मेरी गांड भी हनीमून मनाएंगी ना?
मैंने कहा हां दीदी आप बस चुप रहो आज तो आप की गांड भी फाड़ दूंगा मैं।
दीदी ने कहा तो फाड़ दो न मेरे राजा मैंने कब मना किया है तुझे?
यह सुन कर मैंने अपनी थूक दीदी की गांड और अपने लंड पर लगा ली और दीदी की गांड पर लंड सेट कर के धक्का देने लग गया, मैंने दीदी के मुंह पर हाथ रख दिया था क्योंकि मुझे पता था दीदी को दर्द होगा और वो चीखेगी जरूर, और वह ही हुआ मैंने लंड डाला उधर दीदी की चीख निकली पर मैंने आराम से काम लिया।
मैं आधा लंड डाल कर रुका और दीदी के बोबे दबाने लग गया, कुछ देर बाद दीदी नॉर्मल हो गई और मेरी गांड पर थप्पड़ मार कर इशारा कर दिया, मैंने अब धीरे धीरे लंड पूरा डाल दिया और दीदी की गांड मारने लग गया। मैंने दीदी की गांड बहुत जोर से मारी और काफी देर बाद मुझे लगा कि दीदी कुछ और भी चाहती है।
तो मैंने अपना लंड गांड से निकाल कर दीदी की चूत में डाल दिया, जैसे ही मैंने अंदर डाला तेरी दीदी खुश हो गई और अपनी गांड हिला हिला कर मेरे लंड का स्वागत करने लग गई। मैंने करीब २० मिनट दीदी की चूत मारी।
और अब दीदी ने अपनी चूत का पानी मेरे लंड पर निकाल दिया, जब दीदी का पानी मेरे लंड पर लगा तो मुझे से भी रहा नहीं गया मैंने भी १० धक्के मारे और अपना पानी भी दीदी की चूत में निकाल दिया, दीदी की चूत से पानी से निकल रहा था मानो कि जैसे चूत में पानी की नदी लग गई हो।
मैंने चादर से दीदी की चूत साफ की और अपना लंड भी साफ किया और मैंने और दीदी ने अपने कपड़े ठीक करें और सो गए, हम सुबह ७ बजे अजमेर पहुंच गए, वहां हमारा एक दिन का प्लान था पर दीदी ने चार दिन कर दिया क्योंकि दीदी को मेरे साथ अपना हनीमून मनाना था।
मैंने वहां पर दीदी की दिन रात चुदाई की और हमने अपनी जिंदगी के पूरे मजे लिए।