हैल्लो दोस्तो, आप मेरी सेक्सी कहानी का शीर्षक अपने पति को बदलकर चुदाई का मजा लिया पढ़ कर समज गए होंगे मेरी कहानी के बारे में। अब में तुम्हें अपनी लाईफ का एक और मजेदार किस्सा सुनाती हूँ, आप सबने वाईफ स्वैपिंग तो सुन रखा होगा, जिसमें पति सेक्स के लिए अपनी बीवियों की अदला बदली करते है, लेकिन आज में आपको बताती हूँ कि कैसे मैंने अपनी आग बुझाने के लिए अपने पति की स्वैपिंग की? और उन्हें पता ही नहीं चला कि यह सब मैंने ही किया था। मेरी शादी को 3 साल हो चुके थे, अब मुझे शादीशुदा लाईफ से बोरियत महसूस होने लगी थी, अभी तक मुझे कोई बच्चा नहीं था शायद यह भी एक बड़ा कारण था। मेरे पति अक्सर इस बात से उदास रहते थे। दोस्तों मुझे बच्चा नहीं हो सकता था यह में पहले से जानती थी, लेकिन डर के मारे कभी पति को नहीं बता सकी, लेकिन एक दिन यह सब उन्हें पता चल गया तो उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा, लेकिन वो थोड़े उदास रहने लगे।
फिर उन्ही दिनों हमारे पड़ोस में मिस्टर और मिस सिन्हा रहने को आए, मिस्टर सिन्हा एक मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब करते थे, वो दोनों उम्र में हमसे शायद 2-3 साल बड़े थे और उनके एक बच्चा भी था। फिर कुछ ही दिनों में उनसे हमारी अच्छी जान पहचान हो गयी। मिस्टर सिन्हा की बीवी साँवले रंग की थी, लेकिन उनके कट्स बहुत प्यारे थे, उनके गाल उभरे हुए थे, उनके बूब्स बहुत ही मस्त दिखते थे, वो थोड़ी मॉडर्न स्टाइल की थी इसलिए मिस सिन्हा स्लीवलेस ही कपड़े पहनती थी, जिससे उनके उभार और भी सेक्सी लगते थे और मिस्टर सिन्हा उम्र में भले ही मेरे पति से 2-3 साल बड़े थे, लेकिन वो बड़े हसीन दिल के थे। में कुछ ही दिनों में समझ गयी थी कि वो बड़े दिल फ्रेंक किस्म के आदमी है और उनमें शर्म जरा कम थी, वो किसी के भी सामने अपनी बीवी की छेड़ने से बाज नहीं आते थे, वो किसी के सामने अपनी बीवी को बाहों में लेते और बाद में हंसकर टाल देते थे। मुझे उनकी आँखों में एक अलग किस्म की कशिश दिखी, किसी को भी अपनी और खींच लेने की कशिश।
फिर धीरे-धीरे वो फेमिली हमारे साथ बहुत ज्यादा घुलमिल गयी। फिर एक दिन मिस्टर और मिस सिन्हा हमारे घर आए, उस वक़्त मेरे पति घर पर नहीं थे तो बातों-बातों में मिस्टर सिन्हा ने मज़ाक में मेरी पीठ पर अपना हाथ फैरा तो अचानक से मेरे शरीर में करंट दौड़ गया और यह सिर्फ़ मज़ाक नहीं था यह उनका इशारा था क्योंकि मैंने उनके हाथों का दबाव अपनी पीठ पर महसूस किया था, लेकिन मैंने कोई विरोध नहीं किया। अब उन्हें जब भी कोई मौका मिलता तो वो मज़ाक-मज़ाक में मेरे कूल्हों और मेरी पीठ पर अपना हाथ फैरने लगे।
फिर एक दिन मौका देखकर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठो को कसकर चूमा और मेरे बूब्स को ज़ोर-जोर से मसलने लगे, लेकिन मैंने इसका कोई विरोध नहीं किया और मुझे मज़ा आ रहा था, लेकिन हमारे पास वक़्त कम था इसलिए इससे आगे बात नहीं बढ़ सकी, लेकिन ऐसा करते वक़्त मैंने उनका लंड अपनी चूत के साथ रगड़ते हुए महसूस किया था। अब उन्होंने मेरे सोए हुए अरमानों को जगा दिया था और एक बुझी चिंगारी को हवा दी थी। फिर उसके बाद में हमेशा उनके साथ सेक्स करने के बारे में सोचने लगी, लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला। अब में अपना कंट्रोल खोती जा रही थी, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए? और उधर मिस्टर सिन्हा जी भी बैचेन रहने लगे थे। फिर मैंने अपना दिमाग लड़ाया और एक तरकीब निकाल ली। फिर मैंने मिस सिन्हा से दोस्ती और गहरी कर ली और अब हम दोनों अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगे थे।
फिर एक दिन मैंने मिस सिन्हा के सामने बच्चा ना होने के कारण रोने लगी, तो उन्होंने मुझे चुप कराया। तभी मैंने अपना अगला तीर छोड़ा और मिस सिन्हा से एक रात के लिए मेरे पति के साथ सोने के लिए कहा और वादा किया कि होने वाला बच्चा में लूँगी। फिर मिस सिन्हा यह सुनकर चौंक गयी, लेकिन मुझे रोता देखकर हाँ भी नहीं की और ना भी नहीं की, लेकिन मेरे दुख ने उनसे हाँ करवा ली। फिर उन्होंने इसके लिए मुझे मिस्टर सिन्हा से इजाज्त लेने के लिए कहा। फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन जब मिस्टर सिन्हा इस बारे में तुमसे पूछे तो ना मत कहना। फिर मिस सिन्हा इसके लिए मान गयी। अब मैंने आधी बाजी जीत ली थी, फिर मैंने मौका देखकर मिस्टर सिन्हा को सारी बात समझा दी। वो तो पहले ही मुझे पाने के लिए बेसब्र था इसलिए उन्होंने कुछ भी अच्छा बुरा सोचे बिना हाँ कह दी।
अब मेरे पति से बात करने की बारी थी। फिर एक दिन मैंने बिस्तर में सेक्स करते वक़्त अपने पति से कहा कि क्यों ना हम किसी और से बच्चा गोद ले ले? तो वो नहीं माने, फिर में रोने लगी तो उन्होंने मुझे चुप करा दिया। फिर मैंने उन्हे किसी और की कोख से अपना बच्चा करने की बात कह दी। फिर वो पहले तो चौंक गये और फिर कुछ देर के बाद सोचकर बोले कि ऐसा होगा कैसे? तो मैंने उन्हें मिस्टर सिन्हा से इस बारे में बात करने के लिए मना लिया। फिर मेरे पति ने मिस्टर सिन्हा के सामने अपनी प्रोब्लम रखी और एक रात के लिए मिस सिन्हा के साथ सोने का सुझाव दिया। फिर पहले तो मिस्टर सिन्हा ने गुस्सा दिखाया, लेकिन बाद में वो मान गये, लेकिन उन्होंने भी एक शर्त रख दी और उन्होंने मेरे पति से मेरे साथ सोने की बात कही। फिर पहले तो मेरे पति सकपका गये, लेकिन उनके पास कोई चारा नहीं था, तो उन्होंने मुझसे बात करने के बाद हाँ कह दी और शनिवार रात का दिन फिक्स हो गया। फिर मिस्टर सिन्हा ने अपनी पत्नी को अपनी सहमति दे दी, तो वो भी तैयार हो गयी। अब दोस्तों उनको क्या पता था कि यह सब मेरा ही चलाया हुआ चक्कर था? और मिस्टर सिन्हा को यह शर्त वाली बात मैंने ही समझाई थी।
फिर शनिवार को मिस सिन्हा हमारे घर और में उनके घर चली गयी। अब रात के 10 बज रहे थे और मिस्टर सिन्हा ने गाउन पहना हुआ था और रात को रंगीन बनाने के लिए उन्होंने एक दो जाम लगा लिए थे। अब वो कुर्सी पर बैठे हुए थे, मैंने भी गाउन पहना हुआ था और गाउन के नीचे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी थी। फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया और मेरे गाउन की डोर को खोल दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को चूसने लगे। अब वो अपना एक हाथ मेरी जाँघो पर फैर रहे थे। अब मेरे शरीर में झुरझुरी हो रही थी और अब मुझे जाँघो के बीच में उनका लंड महसूस हो रहा था। फिर उन्होंने मेरे होंठो को जमकर चूसा और फिर मेरा गाउन उतार दिया और मुझे पलंग पर खड़ा कर दिया और खुद जमीन पर खड़े हो गये। अब मेरी नाभि उसके होंठो के सामने थी और अब वो मुझे मेरे पेट पर, जाँघो पर, बूब्स पर, कमर पर, पीठ पर, नितंबो पर बारी-बारी से चूमने लगा था।
फिर कुछ देर के बाद वो कुर्सी पर जाकर बैठ गया और मुझे डांस करने को कहा। उसके बिस्तर पर एक पोल लगा हुआ था। फिर उसने बताया कि वो अपनी बीवी से भी यह कराता है। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और यह मेरा नया अनुभव था। फिर मैंने बहुत देर तक पोल से लिपट-लिपटकर डांस किया और अपनी चूत को कई बार उस पोल से रगड़ा। फिर सिन्हा ने अपना गाउन उतार दिया और अब वो सिर्फ़ अंडरवेयर में था और उसका लंड अंडरवेयर में से बाहर निकलने को बेकाबू हो रहा था। अब वो गर्म हो चुका था और फिर वो उठा और एक बार फिर से मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और मेरे बूब्स तो कब से बाहर आने को तरस रहे थे? फिर उसने जल्दी से मेरे बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और खूब मसलकर चूसा। अब उसने मेरे निपल्स को चूस-चूसकर लाल कर दिया था। फिर उसने धीरे से अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। अब में पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और अब मेरी चूत थोड़ी-थोड़ी गीली होने लगी थी।
फिर उसने एक ही झटके में मेरी पेंटी भी उतार दी, अब में बिल्कुल नंगी थी। फिर उसने मुझे पलंग पर लेटा दिया और अपने गर्म होंठो को मेरी चूत पर रख दिया, तो में तड़प उठी। अब मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी और वो पूरे जोश से मेरी चूत का रस पी रहा था। फिर उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी और गोल-गोल घुमाने लगा। अब मेरे आनंद की कोई सीमा ही नहीं थी और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। अब वो मेरी चूत से हटने का नाम ही नहीं ले रहा था और फिर उसने अपनी 2 और उंगलियाँ मेरी चूत में घुसा दी और मसलने लगा। अब मेरे मुँह से ओहहह गर्म साँसे निकल रही थी, अब में बेकरार हो रही थी। फिर मैंने सिन्हा को पीछे हटाया और उनका अंडरवेयर उतार दिया। अब उनके लंड को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया था। वो एक बहुत ही सुंदर और स्वादिष्ट लंड था। फिर मैंने बिना एक पल की देरी किए उसका पूरा का पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसका लंड बहुत गर्म था। अब मुझे उसका लंड पीने में बहुत मज़ा आ रहा था।
अब सिन्हा मेरे बूब्स को और नितंबो को मसल रहा था। फिर हम 69 की पोज़िशन में लेट गये और एक दूसरे का रसपान करने लगे। फिर सिन्हा ने मुझे अपने लंड के ऊपर बैठने को कहा और मैंने उनके लंड को अपने हाथ से अपनी चूत पर रखा और सिन्हा ने एक ही धक्के से उसे अंदर कर दिया। अब में सिन्हा के लंड की सवारी कर रही थी और सिन्हा उठ-उठकर मेरे निपल चूसता और दबा रहा था। फिर 15 मिनट तक मज़ा लेने के बाद में लेट गयी और सिन्हा मेरे ऊपर आ गया और उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और पूरी ताकत से मुझे चोदने लगा। उसकी पॉवर देखने लायक थी और मुझे इतनी उम्मीद नहीं थी, लेकिन वो कर रहा था। फिर उसने मुझे कई स्टाइल से चोदा और वो अनुभवी था। उसे पता था एक औरत को शांत कैसे किया जाता है? वो रात में कभी नहीं भूल सकती हूँ। उसके साथ सेक्स का मज़ा ही कुछ और था और ना जाने में कितनी देर तक अपनी आँखे बंद करके लेटी रही और वो मुझे चोदता रहा। अब में अपने आपको जन्नत में महसूस कर रही थी।
फिर कुछ देर के बाद में झड़ गयी और उसके 10 मिनट के बाद उसने भी अपना सारा माल मेरे बूब्स और मुँह पर निकाल दिया और मैंने उसे स्किन क्रीम की तरह अपने गालों और बूब्स पर मसल दिया। फिर इसके बाद वो मुझसे लिपट गया और मेरे होंठो पर किस करने लगा। फिर कुछ देर के बाद हम दोनों सो गये, लेकिन रात को उसने मुझे 3-4 बार चोदा और हर बार एक नया ही एहसास हुआ और अगले दिन सुबह मिस सिन्हा अपने घर और में अपने घर आ गयी और किस्मत से मिस सिन्हा का गर्भ नहीं ठहरा, क्योंकी मिस्टर सिन्हा ने गर्भ निरोधक पिल्स मिस सिन्हा को खीला दी थी। दोस्तों इस तरह से मैंने अपनी आग को ठंडा करने के लिए अपने पति की स्वैपिंग की। दोस्तों यह किस्सा मेरी सेक्स लाईफ के हसीन पल था, जिन्हें मैंने आप सबके साथ शेयर किया। अब जब कोई नया पल आएगा और में उसे जमकर इन्जॉय करूँगी तो आपके साथ जरूर शेयर करूँगी।
तो कैसी लगी आप को मेरी सेक्सी कहानी दोस्तो दुलहन बन कर अपनी वर्जिन गांड मरवाई।