प्यारे दोस्तों, मेरा नाम मोहन हैं और में 23 साल का एक हेंडसम लड़का हूँ, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है और इसकी एक ख़ासियत यह है कि मेरा टोपा कुछ ज़्यादा ही चौड़ा है। में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और अब में अपनी एक सच्ची सेक्सी कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों में जिस मकान में किराए पर रहता हूँ.. वहां पर एक खूबसूरत लड़की कुछ बच्चो को ट्यूशन पड़ाने आती है। जिसका नाम कामिनी है और उसकी उम्र 19 साल है और उसका फिगर ऐसा है कि कोई भी देखे तो उसकी चूत लेने को तैयार हो जाए। उसके फिगर का साईज 32 -27 -34 है और उसका कलर दूध की तरह सफेद है.. वो एक सीधी साधी और घरेलू लड़की है और बीटेक के दूसरे साल में पड़ती है।
दोस्तों जब से वो ट्यूशन पड़ाने आने लगी है तब से ही उसे पहली नज़र में चोदने की सोचने लगा था.. क्योंकि वो जैसे ही घर पर आती तो मेरा लंड तोप की तरह एकदम तनकर खड़ा हो जाता और में उसे बड़ी ही मुश्किल से शांत करता और बाद में रात को उसके नाम की मुठ मारता था। दोस्तों में कभी-कभी उसे स्माईल भी पास किया करता था और वो भी मेरी तरफ हल्का सा मुस्कुरा देती थी लेकिन कभी भी हमारी बात नहीं हो पाती थी। फिर एक दिन वो थोड़ा लेट हो गई तो में दूसरे बच्चो को पड़ाने लगा और फिर अचानक मैंने देखा कि वो मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई तो में एकदम से उठ खड़ा हुआ और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी तो मैंने उससे पूछा कि आज आप लेट क्यों हो गई तो वो कहने लगी कि में घर के किसी काम की वजह से थोड़ा लेट हो गई तो में बच्चो से उनका होमवर्क सुनने लगा तो वो बोली कि आपने यह एकदम ठीक किया.. यह बच्चे बहुत शैतान है और कभी भी अपना होमवर्क समय पर नहीं करते और फिर वो मुझे एक स्वीट स्माईल देने लगी।
दोस्तों में तो खुशी के मारे फूला नहीं समा रहा था और उस दिन से मेरी उसके प्रति काम वासना और भी तेज हो गई और में उसे चोदने का प्लान बनाने लगा और एक अच्छा मौका तलाशने लगा। मेरे पास मेरा एक लेपटॉप और इंटरनेट की डिवाईस भी थी.. जिस पर में अपने ऑफिस का काम करता था और वो मुझे काम करते हुए देखा करती थी। फिर एक दिन में अपने कमरे में कंप्यूटर पर काम कर रहा था और फिर छुट्टी के बाद कुछ बच्चे मेरे पास आकर बोले कि अंकल प्लीज हमे अपनी मुंबई वाली फोटो दिखाओ और जब में फोटो दिखाने लगा तो वो बच्चे कामिनी को भी फोटो दिखाने के लिए खींचकर मेरे कमरे में ले आए। फिर वो भी मेरे पीछे खड़ी होकर फोटो देखने लगी और कुछ देर के बाद मैंने उससे पूछा कि फोटो कैसी लगी तो वो बोली कि बहुत अच्छी हैं और दोस्तों उस दिन मुझे बहुत अच्छा लगा.. क्योंकि उस दिन मैंने उसके बदन की खुशबू को बहुत नज़दीक से महसूस किया और आख़िर वो दिन आ ही गया.. जिस दिन का मुझे बहुत दिनों से बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था। उस दिन ट्यूशन वाले बच्चे अपने मम्मी, पापा के साथ अपने किसी रिश्तेदार के घर पर दावत में चले गए और मुझसे कह गए कि वो लोग शाम को देर से आएगे और मेडम से कहना कि बच्चे कल पड़ लेंगे तो यह बात सुनकर मेरी तो जैसे लॉटरी ही निकल पड़ी और मैंने कहा कि ठीक है। फिर मैंने प्लान बनाया कि कैसे कामिनी को आज चोदा जाए.. तो में अपने घर के पास वाले मेडिकल स्टोर पर गया और नींद की दो गोलियाँ ले आया और एक फ्रूटी की बोटल भी ले आया। फिर में भूखे शेर की तरह अपने शिकार का इंतज़ार करने लगा और अपना लेपटॉप खोलकर काम करने लगा और उसके साथ में मैंने एक नंगी फोटो वाली साईट भी खोल रखी थी। फिर शाम को ठीक 4 बजे दरवाजा खटका और मैंने जब दरवाजे की तरफ देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गए.. आज कामिनी सफेद कलर का टॉप और काली कलर की इलास्टिक वाला पाज़ामा पहने हुई थी और वो इस ड्रेस में बहूत खूबसूरत लग रही थी तो उसे देखते ही मेरे बरमूडे में हलचल सी होने लगी और मैंने बड़ी ही मुश्किल से उसे शांत किया। फिर वो अंदर आई और बच्चो के घर का दरवाजा लॉक होने की वजह से मुझसे पूछा कि ये लोग कहाँ पर गए है तो मैंने उसे बताया कि वो लोग बाहर गए हुए है और आज रात तक आ जाएगे तो वो बोली कि ठीक है। फिर उसने पूछा कि क्या में आपका इंटरनेट काम में ले सकती हूँ.. मुझे कुछ चेक करना था तो मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं और में जल्दबाज़ी में नंगी फोटो वाला पेज बंद करना भूल गया और मैंने उससे कहा कि आप बैठो में आपके लिए फ्रूटी लेकर आता हूँ।
फिर वो बोली कि नहीं में बस मैल चेक करके जा रही हूँ लेकिन मैंने उसे एक मिनट रुकने को कहा और झट से फ्रूटी को दो ग्लास में डाला और उसके ग्लास में दो गोली नींद की भी डालकर हिला दी और इस दौरान मैंने अपने कमरे की खिड़की से देखा कि उसने नंगी फोटो वाले पेज खोल लिया था और उसे देख रही थी। फिर मैंने सोचा कि इसको यहीं पर खड़ा होकर देखता हूँ कि यह अब आगे क्या करती है तो में दो मिनट वहीं पर खड़ा होकर देखता रहा और मैंने देखा कि उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था और रोंगटे खड़े हो गए थे और वो अपने होंठ ऐसे चला रही थी.. जैसे मुहं का सारा थूक सूक गया हो। फिर में एक आवाज़ के साथ वहाँ पर पहुंचा तो उसने झट से पेज डाउन कर दिया और अपने मेल चेक करने लगी तो मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा चेहरा इतना लाल क्यों हो रहा है तो वो बोली कि कुछ नहीं बस ऐसे ही और फिर वो बोली कि अब में चलती हूँ.. मैंने अपने मेल चेक कर लिए है।
फिर मैंने उससे कहा कि यह फ्रूटी तो पीकर जाओ तो वो बोली कि नहीं बस धन्यवाद.. फिर मैंने कहा कि अगर आप नहीं पियोगी तो यह खराब हो जाएगी तो वो मान गई और जल्दी से एक बार में ही फ्रूटी का पूरा का पूरा ग्लास पी गई। फिर में उसे अपनी बातों में लगाने के लिए पूछने लगा कि तुम कहाँ पड़ती हो और क्या पढ़ाई करती हो? तो वो मुझे सब कुछ बताने लगी और फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे घर में कितने सदस्य है और वो क्या करते.. इन्ही बातों को पूछते हुए मैंने उसे 15 मिनट तक व्यस्त रखा और फिर कुछ देर बाद मैंने देखा कि गोलियों ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था.. उसके पूरे चहरे पर पसीना आने लगा और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे बहुत अज़ीब सा लग रहा है और चक्कर भी आ रहे है और अब में अपने घर पर चलती हूँ तो मैंने उससे कहा कि अगर तुम्हारी ज़्यादा तबियत खराब है तो थोड़ी देर यहीं पर रुक जाओ और आराम कर लो तो वो बोली कि नहीं में चली जाउंगी और यह सब देखकर मुझे मेरा प्लान खराब होता हुआ दिखा और वो उठकर खड़ी हो गई और दरवाजे की तरफ जाने लगी। तभी अचानक से वो रुकी और पास पड़ी चारपाई पर बैठ गई और बोली कि मुझे बहुत ज़ोर से चक्कर आ रहे है तो में जैसे ही उसके पास गया तो वो गिरने लगी और मैंने उसे संभाले के लिए हाथ आगे बड़ाया और उसकी पतली, चिकनी कमर पर हाथ रख दिया और वो अब मेरे एक हाथ पर थी और मेरी उंगलियाँ उसके बूब्स के किनारों में धँस गई.. जो कि रूई की तरह एकदम मुलायम थे। फिर मैंने उसको चेक करने के लिए बहुत हिलाया लेकिन वो एकदम सुन्न पड़ी थी.. उसके गुलाबी होंठ मुझे गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लग रहे थे और अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने अपने होंठ उसके होंठो से लगा दिए और ऐसा करते ही मुझे 440 वॉल्ट का झटका सा लगा और मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से फड़फड़ाने लगा तो में उसे अपनी गोद में उठाकर अपने कमरे में लेकर आ गया और अपने बिस्तर पर लेटा दिया और अब में उसे देखकर बहुत ही हैरान था.. क्योंकि वो बेहोशी में और भी ज़्यादा सुंदर लग रही थी और उसके होंठ मुझे अपनी और बुला रहे थे। फिर मैंने उठकर अपने कमरे की कुण्डी लगा ली और उसके पास बैठ गया और धीरे से उसके बूब्स पर अपना एक हाथ रखा.. हाथ रखते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैंने किसी रूई के तकिए को पकड़ा हो और मेरी उंगलियां उसके मुलायम बूब्स में धँसी जा रही थी। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिए और अब मेरा 7 इंच का लंड मेरे बरमूडे में टेंट बन चुका था।
फिर मैंने अपना बरमूडा और अंडरवियर दोनों ही एक साथ उतार दिए और अब मेरा लंड किसी भूखे शेर की तरह शिकार को तलाश कर रहा था। फिर में उसके चहरे की तरफ गया और उसके गुलाबी होंठो को किस किया और उसके बाद में अपने तने हुए लंड को उसके नाज़ुक होंठो पर फेरने लगा.. जिसकी वजह से मेरे लंड से चिकना पानी निकलने लगा.. जो कि मैंने उसके होंठों पर अपने लंड से लिपस्टिक की तरह लगा दिया तो अब उसके होंठ और भी ज़्यादा चमकने लगे और मुझे उत्साहित करने लगे और मैंने उसका मुहं हल्के से दबाया.. जिसकी वजह से वो खुल गया और मैंने अपने लंड का टोपा उसके मुहं में डाल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और करीब 10 मिनट तक ऐसा करने के बाद मुझे ऐसा लगा कि जैसे में झड़ने वाला हूँ तो में एकदम से रुक गया और अपने लंड को जल्दी से बाहर खींच लिया।
अब मैंने उसे पूरा नंगा करने के बारे में सोचा और फिर मैंने उसे हल्का सा उठाकर उसकी टॉप को ऊपर कर दिया और फिर पूरा उतार दिया और उसके बाद उसका इलास्टिक वाला पाज़ामा भी धीरे से खिसकाकर उतार दिया और अब जो द्रश्य मेरे सामने था.. उसको में आप सभी को अपने शब्दों से बता नहीं सकता.. उसने सफेद कलर की जालीदार ब्रा और जालीदार पेंटी का सेट पहना हुआ था.. जिसमे से उसके आधे बूब्स और चूत की लाईन की शुरूआत दिख रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था.. जैसे सफेद लिबास में कोई परी मेरे सामने पड़ी हो तो में उसके ऊपर ऐसे ही लेट गया और उसके शरीर की गर्मी महसूस करने लगा.. उसकी छाती मेरी छाती से टकरा रही थी और मेरा लंड उसकी पेंटी से ढकी चूत को फाड़ने को बैचेन था और अब मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया। उसके होंठ चूसने की वजह से और भी गुलाबी हो गए थे।
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर के नीचे डालकर उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और धीरे से उसके बूब्स से जुदा कर दिया और अब उसके 32 साईज के दूध आज़ाद थे और हिलकर मुझे मसलने के लिए उकसा रहे थे तो मैंने भी उन्हे नाराज़ ना करते हुए अपने दोनों हाथों में ले लिया और धीरे धीरे प्यार से सहलाने लगा और यह सब लगभग 15 मिनट तक चला। फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पेंटी को धीरे से नीचे खिसकाते हुए बाहर निकाल दिया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी और मैंने देखा कि उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे तो मुझे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने अभी 3-4 दिन पहले ही अपनी चूत के बाल साफ किए होंगे और मैंने बिना समय गंवाए उसके दोनों पैरों को फैलाया तो उसकी कुंवारी चूत मेरे सामने मुहं फैलाकर मुझे अपनी और बुलाने लगी और मैंने यह चेक करने के लिए कि क्या वो कुंवारी है तो मैंने अपने मोबाईल की टॉर्च जलाई और देखा कि उसकी चूत के बीच एक तिनका सा लगा हुआ था.. जो कि उसके कुंवारे होने का ऐलान कर रहा था। फिर यह सब देखकर मेरा लंड और भी जोश में फूलने लगा और अब मैंने बिना समय गंवाए उसकी कुँवारी चूत को अपने मुहं में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा तो मेरे चाटने से उसकी चूत का रंग और भी निखर गया और अब वो हल्की सी कसमसाने लगी थी और उसके मुहं से हल्की हल्की सिसकियाँ बाहर आने लगी थी और वो चिकना चिकना पानी छोड़ने लगी.. वो पानी कुछ नमकीन सा था और अब उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी। फिर चूत को चाटने के बाद मैंने अपने लंड को सहलाया.. जो कि अब उसकी कुंवारी चूत फाड़ने को बिल्कुल तैयार था।
फिर मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा और अब मेरे सब्र का बाँध टूटने लगा और में अपने लंड के टोपे को धीरे धीरे अंदर की तरफ धक्का देने लगा लेकिन मेरी हर कोशिश बेकार गई.. क्योंकि जैसा कि मैंने आपको पहले बताया था कि मेरा टोपा आगे से ज़्यादा चौड़ा है.. इसलिए वो चूत के चिकना होने के बावजूद भी अंदर नहीं जा रहा था लेकिन मेरे ऊपर तो उसकी चूत का भूत सवार था। मैंने जल्दी से तेल की बोटल उठाई और बहुत सारा तेल उसकी चूत में डाल दिया और ढेर सारा तेल अपने लंड पर लगा लिया और मुझे यह सब करते करते एक घंटा हो चुका था और मुझे लग रहा था कि कामिनी पर दवाई का असर हल्का हो रहा था तो मैंने समय ना गंवाते हुए अपना टोपा उसकी कुँवारी चूत पर लगाया और एक जोरदार झटका मारा.. जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी चूत की दीवार को चीरता हुआ अंदर घुस गया और उसकी चूत खून उगलने लगी और कामिनी बेहोशी में भी तड़पने लगी और में भी थम गया.. लेकिन अब कामिनी को होश आने लगा था और वो दर्द से करहा रही थी और 2 मिनट के बाद उसने धीरे धीरे अपनी दोनों आखें खोली तो वो अपनी स्थिति को देखते हुए बहुत हैरान हो गई।
दोस्तों में उसके ऊपर चड़ा हुआ था और मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में था और मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स पर थे और होश में आते ही उसका सबसे पहला सवाल यह था कि तुमने यह क्या किया और वो मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाने लगी लेकिन मेरी पकड़ भी उसके जिस्म पर बहुत मजबूत थी तो मैंने उसे समझाते हुए कहा कि में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ.. इसलिए तुम्हारे साथ यह सब कर रहा हूँ तो इस पर उसने करहाते हुए कहा कि यह प्यार नहीं तुम्हारी काम वासना है.. जो तुम मेरे शरीर से मिटा रहे हो और ऐसा कहते हुए उसने फिर से मुझे धक्का देने की कोशिश की लेकिन गोलियों के असर की वजह से उसके धक्के में कोई ख़ास ताक़त नहीं थी। फिर वो बोली कि में यह बात सबको बता दूँगी कि तुमने मेरे साथ क्या क्या किया है तो मैंने उसे बहुत समझाया कि इससे उसकी ही बदनामी हो जाएगी और कोई भी उससे शादी नहीं करेगा.. उसके घर वाले और वो किसी को भी मुहं दिखाने के लायक नहीं रहेंगे तो इस पर वो कुछ सोचने लगी और बस मौका पाते ही मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराइयों में धकेल दिया.. जिसकी वजह से वो एकदम बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी तो मैंने झट से उसके होंठो को अपने होंठो से भींच लिए ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना आ सके और अपने झटकों की स्पीड बड़ा दी और अब उसकी आखों से आंसू आने लगे लेकिन मेरे ऊपर भूत सवार था।
फिर मैंने झटके और तेज कर दिए और उसके बूब्स को दबाने लगा। फिर उसने अपने जिस्म की आग को बुझते हुए देख अब विरोध करना एकदम बंद कर दिया और मैंने भी उसको किस करते हुए कहा कि में उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाऊंगा और उसे बहुत सारी खुशियाँ दूँगा तो वो मेरे मुहं से यह सब सुनकर कुछ अच्छा महसूस करने लगी और वो बोली कि क्या तुम मुझसे शादी भी करोगे तो मैंने वक़्त की नज़ाकत समझते हुए हाँ कह दी तो वो खुश हो गई और इस बार उसने खुद मुझे मेरे होंठो पर किस किया और यह देख मेरा हौसला और बड़ गया और मैंने उसे चोदने की स्पीड और बड़ा दी और अब वो भी मेरे साथ मजे कर रही थी और अपनी चूतड़ भी हिला रही थी। फिर मैंने उसे डॉगी स्टाईल में झुकने को कहा और फिर में पीछे की तरफ से लंड को चूत में डालकर उसे चोदने लगा।
अब मेरा लंड पूरी तरह उसकी चूत में अंदर बाहर जा रहा था और वो कामुक आवाज़े निकाल रही थी और मैंने पीछे से उसके बूब्स पकड़कर मसलने शुरू कर दिए और वो अब झड़ने की चरम सीमा पर थी और उसका शरीर अकड़ने लगा था और वो मुझे रुकने को कहने लगी लेकिन में कहाँ रुकने वाला था। में तो उसे और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और फिर मेरी नज़र उसकी गांड के छेद पर पड़ी जो कि भूरे कलर का था और लंड अंदर बाहर जाते हुए फैलता और सुकड़ता और यह सब देखकर मेरा मन उसकी गांड की तरफ आकर्षित हुआ लेकिन में जानता था कि एक सीधी साधी अच्छी लड़की अपनी गांड इतनी आसानी से नहीं देती। फिर मैंने तेल की बोटल को उठाकर बहुत सारा तेल हाथ में लिया और उसकी गांड पर डाल दिया और गांड को सहलाने लगा तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो तो मैंने कहा कि में तुम्हारी गांड को सहला रहा हूँ तो वो बोली कि तुम ऐसा क्यों कर रहे हो तो मैंने कहा कि क्या तुम्हे यह सब अच्छा नहीं लग रहा तो वो बोली कि अच्छा तो बहुत लग रहा है।
फिर में उसकी गांड सहलाने लगा और मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उसमे डाल दी तो वो उछल पड़ी और कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो तो मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं बस गलती से अंदर चली गई और फिर वो बोली कि प्लीज अब मत करना.. मुझे बहुत दर्द होता है तो मैंने कहा कि ठीक है और में उसकी गांड को सहलाने, मसलने लगा.. वो भी धीरे धीरे मदहोश होने लगी थी और मैंने मौका देखते ही अपना लंड चूत से बाहर निकाला और एक ही झटके में टोपा उसकी गांड पर लगाकर ज़ोर का धक्का मारा.. धक्के की वजह से उसके हाथ चारपाई पर फिसल गए और वो धम से चारपाई पर मेरे सहित गिर पड़ी.. जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर बैठ गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी तो मैंने अपने हाथ उसके मुहं पर रखकर उसका मुहं बंद कर दिया और बस ऐसे ही पड़ी रही। फिर कुछ देर बाद उसने मुझे अपने मुहं से हाथ हटाने को कहा और करहाते हुए कहा कि तुम मुझे आज मार ही डालोगे.. तुमने तो आज मेरी चूत के साथ साथ मेरी गांड भी फाड़ दी। फिर मैंने उसे प्यार से सहलाते हुए कहा कि प्यार की गहराई को नापना बहुत जरूरी था।
फिर वो बोली कि क्या तुम्हे आगे से प्यार की गहराई नहीं पता चली तो मैंने मुस्कुराते हुए लंड को थोड़ा बाहर खींचा और दोबारा अंदर डाल दिया.. वो उछल पड़ी और बोली कि हटो मुझे बहुत दर्द हो रहा है तो मैंने कहा कि थोड़ी देर रुक जाओ.. सब ठीक हो जाएगा और में धीरे धीरे धक्का मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा। अब हमे चुदाई करते हुए एक घंटा हो चुका था और में तेज़ी से उसकी गांड मार रहा था और वो भी कूद कूदकर मेरा साथ दे रही थी और मुझे लगने लगा कि में अब झडने वाला हूँ तो मैंने उससे पूछा कि लंड पानी कहाँ पर डालूं तो वो बोली कि मेरी गांड में ही झाड़ दो और उसके इतना कहते ही मेरे लंड की ज्वालामुखी फूट पड़ी और गरम गरम लावे ने उसकी गांड को भर दिया। फिर हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे और फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला और जब उसने मेरे लंड को देखा तो वो चौंक गई और वो बोली कि इतना बड़ा लंड मेरी चूत और गांड में घुसा हुआ था.. तभी तो मेरी जान निकलने को तैयार थी। फिर उसने मेरा लंड अपनी पेंटी से साफ किया और अपनी चूत भी साफ की और अपने कपड़े पहनने लगी.. कपड़े पहनने के बाद वो मेरे गले लगी और बोली कि कभी मुझे छोड़कर मत जाना.. में तुम्हारे बिना जी नहीं सकूँगी। फिर वो मेरे रूम से जाने लगी लेकिन दर्द की वजह से उससे चला नहीं जा रहा था और वो लंगड़ाकर चल रही थी और यह देखकर मैंने अपने लंड को सहलाया और उसे शाबासी दी.. क्योंकि आज उसने एक कुँवारी चूत को फाड़ा था।