आंटी ने लहंगा उठाकर चुदवाया




प्रेषक : दीपहैल्लो फ्रेंडस मेरा नाम दीप है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल की है और यहाँ पर मेरी यह पहली कहानी है.. लेकिन में कामुकता डॉट कॉम का बहुत बड़ा फैन हूँ। में रोज यहाँ पर कई कहानियाँ पड़ता हूँ लेकिन पिछले हफ्ते में अचानक से हैरान हो गया जब में बस से दिल्ली से गुडगाँव जा रहा था। जब में उस बस पर चड़ा तो देखा लोग 1 दूसरे से चिपक के खड़े है।
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 बस पूरी की पूरी भरी थी.. पैर रखने की भी जगह नहीं थी और फिर मुझे भी उसी तरह खड़ा होना पड़ा। तभी मेरे सामने वाला आदमी उतर गया और फिर एक आंटी मेरे सामने खड़ी थी और भीड़ होने के कारण आंटी मुझसे और चिपकती गई और फिर एक टाईम ऐसा आया कि मेरा लंड उनकी गांड के ऊपर सटता गया। तभी मैंने भी बहुत कंट्रोल किया लेकिन नहीं हो पाया और फिर तभी मेरा लंड खड़ा हो गया और आंटी की बॉडी मे बुरी तरह से चिपके होने के कारण लंड का बुरे से भी बुरा हाल हो गया।फिर इसी तरह लगभग 10 मिनट रहने के बाद मैंने देखा कि आंटी अपना हाथ पीछे करके चेक कर रही है। 
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तभी में पीछे की तरफ धक्का देकर तोड़ा पीछे हो गया। फिर आंटी ने चेक करके हाथ हटा लिया लेकिन फिर बस का एक स्टॉप आया और फिर इस दौरान सामने से कुछ लोग चड़े। तभी आंटी फिर से मुझसे चिपक गई और फिर लंड है कि मानता नहीं.. साला फिर खड़ा हो गया। फिर में भी क्या करता… जगह ना होने के कारण में उसी तरह खड़ा रहा। लेकिन तभी मुझे लगा कि जैसे मेरे लंड पर कुछ चल रहा है और फिर जब गौर से देखा तो आंटी हाथ से लंड को टटोल रही थी और फिर उन्होंने लंड को पकड़ कर मसल दिया और टटोलती रही। फिर जब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने आंटी से धीरे से पूछा कि आप ये क्या कर रही हो? तभी वो कुछ नहीं बोली और सिर्फ़ मुझ घूरकर देखा और फिर एक हाथ अब भी लंड पर ही था।फिर जब आंटी का स्टॉप आया तो उन्होने मुझे भी वहीं पर उतरने का इशारा किया.. लेकिन पहले तो मुझे डर लगा कि कहीं आंटी मुझे पिटवा ना दे.. लेकिन फिर भी में उतार गया। उतरने के बाद में आंटी से कुछ दूर पर खड़ा था.. क्योंकि मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी। फिर आंटी ने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? और तुम कहाँ जा रहे हो? और क्या तुम इस समय फ्री हो? तभी मैंने कहा कि मेरा नाम दीप है और में गुडगाँव जा रहा था और इस समय में बिलकुल फ्री हूँ लेकिन आप ये सभी बाते क्यों पूछ रही हो.. आपको क्या मतलब है?तभी आंटी बोली कि चलो मेरे साथ मेरे घर पर। तभी मैंने पूछा कि क्यों? तभी आंटी ने बोला कि पहले तुम चलो में बताती हूँ और फिर में और आंटी उनके घर की और चल पड़े। फिर जब उनके घर पहुंचे तो मैंने देखा कि ताला लगा हुआ है। तभी मैंने पूछा कि आंटी आप अकेली रहती हो क्या? फिर वो बोली कि मेरा ट्रान्स्फर हो गया है और में अकेली ही यहाँ पर किराये से इस मकान में रहती हूँ। 
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तभी मैंने कहा कि आंटी किसी को कोई एतराज होगा तो क्या करंगे? तभी वो बोली कि कुछ नहीं होगा में बोल दूंगी कि यह मेरा बेटा है। फिर हम रूम के अंदर चले गये। फिर आंटी ने मुझे पानी और कुछ मिठाई खाने को दी।तभी मैंने आंटी से पूछा कि मुझे यहाँ पर क्यों लेकर आई हो? तभी आंटी ने मुझे एक स्माईल दी और फिर कहने लगी कि बस में जो हुआ उसके बाद भी बताना पड़ेगा क्या? तभी मैंने कहा कि आंटी में समझ गया। फिर में अपने सामने रखे हुए नाश्ते को खत्म करने लगा और फिर वो मेरा इंतजार करने लगी और फिर मुझे 5 मिनट हो गये। तभी आंटी बोली कि जल्दी करो.. टाईम क्यों बेकार कर रहे हो। फिर मैंने पूछा कि आंटी आपकी उम्र क्या है?  फिर वो बोली कि में 45 साल की हूँ और तभी उन्होंने मुझसे मेरी उम्र पूछी.. तुम्हारी उम्र क्या है? फिर मैंने कहा की मेरी उम्र अभी 23 साल की है और फिर वो सेक्सी आंटी मुझसे काफी बड़ी थी फिर वो कहने लगी कि में कपड़े चेंज करके अभी आती हूँ। 
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तभी मैंने कहा कि जब कपड़ो का काम नहीं तो फिर क्यों चेंज करना अगर करना भी है तो में चेंज कर देता हूँ।तभी उन्होंने मुझे एक सेक्सी स्माईल दी और फिर वो मुझे अपने साथ अपने बेडरूम में ले जाने लगी। उनके बूब्स 42 इंच और गांड 38 इंच और उनकी लम्बाई 5 फीट 10 इंच थी। वो दिखने में बहुत सेक्सी और बड़े बड़े बूब्स की मालकिन थी। अब में आंटी के पीछे जाने लगा और फिर रूम में पहुँचते ही आंटी को पीछे ही किस कर दिया और फिर लंड गांड में रगड़ने लगा। तभी आंटी ने एक ज़ोर की चिकोटी मेरे लंड पर काट ली जिससे में पीछे हो गया और फिर आंटी हँसने लगी। फिर मैंने जाकर ज़बरदस्ती आंटी को सामने से पकड़ लिया और फिर उनकी गांड को दबाने लगा और हाथों को चूमने लगी.. पहले तो आंटी नखरे दिखा रही थी लेकिन दो मिनट के बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगी। फिर में आंटी के होंठो को चूमता रहा है चूसता रहा। तभी आंटी ने मेरी पेंट की ज़िप खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल दिया। फिर लंड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगी और फिर लंड के सुपाड़े को मुट्ठी में पकड़ कर दबाने लगी।तभी में भी आंटी की साड़ी के पल्लू को बूब्स पर से हटाकर उनकी चूची को बाहर से चाटने लगा। फिर में उनकी ब्रा का हुक खोलकर चूची को दबाने लगा और तभी आंटी मेरे लंड को मसलती रही और आहें भरती रही। 
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मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों बूब्स में 2-2 किलो दूध भरा हो। फिर मुझसे रहा नहीं गया और फिर में बूब्स के निप्पल को मुहं मे भरकर चूसने लगा और फिर दूसरे को दबाने लगा। फिर बूब्स को चूसने और दबाने में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और फिर आंटी मेरे सर को पकड़ कर अपने बूब्स मेरे मुहं पर रग़ड़ने लगी। तभी मैंने कहा कि आंटी चलो बेड पर चलते है। फिर आंटी ने मना कर दिया वो बोली कि यहीं पर खड़े खड़े करो जो करना है।तभी मैंने कहा कि लेकिन क्यों? फिर आंटी बोली कि बस करो कुछ पूछो मत और फिर मैंने आंटी की चूत को हाथ लगाया तो आंटी सिहर गई और फिर मुझे अपने नंगे बूब्स से चिपका लिया और फिर मैंने भी आंटी की साड़ी को खोलना चाहा तो आंटी ने फिर मना कर दिया। तभी मैंने कहा कि क्या आंटी कपड़े तो उतारने दो। फिर वो बोली कि अरे बेटा साड़ी ऊपर कर लो। फिर मैंने आंटी की साड़ी को सामने से उठा दिया और फिर नीचे बैठकर आंटी की पेंटी के ऊपर से चूत को छुआ। तभी आंटी ने मेरे सर को पकड़ कर चूत से लगा लिया। फिर मैंने आंटी की पेंटी को उतारी और चूत के दर्शन किये.. बिल्कुल चिकनी चूत थी। तभी मैंने अपने होंठ उनकी चूत से लगा लिये और फिर चूत को चाटने लगा मेरी जीभ आंटी की चूत से लगते ही आंटी ने मुझे अपनी चूत पर जोर से दबा लिया। फिर बोली कि लाओ में मेरी साड़ी पकड़ती हूँ तुम बस मेरी चूत की खुजली मिटाओ।तभी मैंने आंटी के पैर खड़े खड़े फैलाने को कहा और चूत चाटने लगा। तभी आंटी ने अपनी साड़ी मेरे ऊपर गिराकर मुझे बिल्कुल अपनी साड़ी में छुपाकर चूत चटवाने लगी और आह आह उउउंम्म की आवाज़ निकालने लगी। तभी कुछ देर बाद आंटी का पानी निकलने वाला था तो आंटी ने मुझे ज़मीन पर लेटने को कहा और फिर खुद चूत में उंगली करके अपनी चूत का गाढ़ा पानी मेरे लंड पर गिरा दिया।तभी वो कहने लगी आओ मेरी जान चोदो मुझे और फिर आंटी नीचे लंड के सामने बैठकर गई और फिर पूरा मुहं खोलकर एक ही बार में जोर लगाकर पूरा का पूरा लंड मुहं में भर लिया।
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 फिर में तो लंड आंटी के मुहं में जाते ही पागल हो गया और उनके सर को पकड़ कर लंड पर दबाने लगा। तभी आंटी भी पूरी मस्ती में मेरे लंड को चूसती रही और फिर चूस चूस कर पूरा लंड थूक से गीला कर दिया और फिर में भी जोर जोर से उनके मुहं में लंड को धक्के देने लगा फिर करीब 10 मिनट के धक्को के बाद अब मेरे लंड से वीर्य निकलने वाला था और में झड़ने लगा। तभी मैंने आंटी को बोला तो आंटी ने मेरे लंड का वीर्य अपने बूब्स पर गिरा लिया और 10-15 मिनट रुकने के बाद आंटी ने फिर से मेरे लंड को पकड़ कर मुहं में भर लिया और चूस चूस कर खड़ा किया और खुद साड़ी उठाकर खड़ी हो गई। तभी वो कहने लगी कि चलो बेटा अब इंतजार नहीं होता जल्दी से चोदो मुझे। तभी मैंने कहा कि आंटी चलो बेड पर चलते है। फिर आंटी बोली कि खड़े खड़े चोदो ना बेटा बहुत मज़ा आएगा तुम्हे भी आज ऐसी चुदाई से। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।फिर में खड़ा हुआ और लंड को आंटी की चूत पर लगाकर चूत के ऊपर थोड़ा रगड़ा और फिर लंड को एक हाथ से पकडकर चूत रखा और फिर एक जोरदार धक्के के साथ चूत में डाल दिया। फिर जैसे जैसे लंड चूत में जा रहा था वैसे वैसे मेरे लंड की चमड़ी पीछे की और खिंचती जा रही थी और फिर आंटी भी लंड के चूत के अंदर जाते जाते पैर फैलाने लगी और फिर अब मेरा लंड पूरा आंटी की चूत के अंदर था। तभी आंटी ने मेरी शर्ट खोल दी और मुझे अपनी नंगे बूब्स से मेरी नंगी छाती को जोर से चिपका लिया और मुझे चूमने लगी और फिर में भी चूमने लगा। 

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फिर इधर आंटी मेरे लंड को चूत के अंदर मसलने लगी और फिर चूत से लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी और अपने दोनों पैरो से लंड को भींचने लगी। तभी वो बोली कि बेटा चोदो ना जल्दी मेरी चूत में आग लगी हुई है। फिर मैंने कहा कि ठीक है आंटी और फिर में लंड को चूत में अपनी पूरी स्पीड के साथ अंदर बाहर करने लगा और फिर आंटी पागलों की तरह बोल रही थी.. चोदो मुझे जोर से चोदो बेटा आह आह चोदो जोर से चूत और मुझे अपने बदन में चिपका के रखा हुआ था।तभी इधर मेरा लंड अब थोड़ी रफ़्तार से आंटी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था और में आंटी की गांड को मसलता हुआ उन्हें चोद रहा था। आंटी भी अपनी गांड हिला हिला कर मेरा लंड अंदर ले रही थी और चुदाई की गति बड़ती गई और मेरा लंड आंटी की चूत के अंदर की चमड़ी को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था और फिर जब भी चुदाई के दौरान मेरा लंड आंटी की बच्चेदानी से टच होता तो आंटी ज़ोर से चीख जाती है और आहें भरती लेकिन सच बोलूं तो मुझे अब बहुत अच्छा लग रहा था और कुछ अलग अहसास हो रहा था।फिर आंटी को अपनी साड़ी को ऊपर उठाए हुए सामने से पूरी नंगी और ब्रा खुली हुई और पैर फैला कर लंड को चूत में जाते हुए देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर आंटी जोर जोर से गांड हिलाने लगी और बोली बेटा अब लास्ट धक्का दो में झड़ने वाली हूँ। तभी इधर मेरा भी लंड वीर्य छोड़ने वाला था। तभी मैंने आंटी को बोला कि आंटी में अब झड़ने वाला हूँ। फिर आंटी ने कहा कि तुम पूरा का पूरा  वीर्य मेरी चूत में ही गिरा दो में अब प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हूँ और फिर में अब आंटी के दोनों बूब्स को दोनों हाथ से पकड़कर जोर जोर से चोदने लगा और फिर लंड पूरी स्पीड से आंटी की चूत में अंदर बाहर होने लगा। तभी आंटी  कहने लगी कि चोदो बेटा आह.. आह.. चोदो चोदो आह आह और जोर से और जोर से आह आह करने लगी। तभी आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया और ढीली पड़ गई और फिर मुझे अपने गले से लगा लिया। तभी 10-15 जोरदार धक्को के साथ मेरे लंड से निकला हुआ गर्म गर्म वीर्य आंटी की चूत की गहराइयों में चला गया और फिर आंटी की चूत से भी पानी बाहर निकलने लग गया। फिर मैंने आंटी से आई लव यू कहा। 
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तभी आंटी ने कहा कि बहुत अच्छी चुदाई की तुमने और फिर में आंटी को जोर से किस करने लगा।तभी वो कहने लगी कि मुझे इस चुदाई की उम्मीद अपने पति से थी और में हमेशा यही चाहती थी कि मेरे पति मुझे बहुत अच्छे से चोदे। यह मेरा हमेशा सपना था जो तुमने आज पूरा कर दिया.. आई लव यू टू बेबी। फिर जब मैंने लंड आंटी की चूत से बाहर निकाला तो मेरा लंड आंटी और मेरे वीर्य मे सना हुआ था और फिर आंटी की चूत से वीर्य की थोड़ी सी धार निकली और फिर नीचे ज़मीन पर गिर गई। तभी आंटी ने मेरे लंड को अपने दोनों बूब्स के बीच में रखकर मसला और साफ कर दिया अब में और आंटी वॉशरूम में गये और खुद को साफ करके वापस बेडरूम में आ कर वैसे ही बैठ गये और फिर बातें करने लगे। उस दिन में आंटी के घर शाम 5 बजे तक रुका और फिर मैंने खाना भी वहीं पर खाया और फिर लास्ट एक बार और आंटी को चोदा और फिर वहाँ से अपने घर वापस लौट गया और अब तक आंटी और मैंने बहुत बार चुदाई की है ।।
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धन्यवाद …
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