मेरी पड़ोसन और उसकी रंडी बेटीanrtwasna

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मेरे सामने वाले घर में नये पड़ोसी रहने आए थे, उनके घर में अंकल-आंटी और उनकी बेटी थी, वो 3 लोग थे, उनकी बेटी दिखने में तो ठीक थी, लेकिन आंटी का फिगर का जवाब नहीं था, उनका साईज 36-28-36 था और वो सेक्स पसंद करने वालों में से ही थी. मैंने बहुत बार उनको कपड़े बदलते और अंकल के साथ मस्ती करते देखा था. मैंने उनके साथ दोस्ती करने की ठान ली थी और उनसे हमेशा इधर उधर की बातें किया करता था.
फिर एक बार जब वो घर पर अकेली थी और मेरे पापा-मम्मी भी नहीं थे, तो तब में कमरे के अंदर बैठकर पढ़ाई कर रहा था, तो तब वो सामने वाली खिड़की में कुछ काम कर रही थी. अब में उनको देख रहा था, तो तभी अचानक से उनकी नजर मुझ पर पड़ी और वो बोली कि पढ़ाई कर रहे हो या वहाँ मुझे देखने बैठे हो? तो मुझे शर्म आई और में पढ़ाई करने का नाटक करने लगा.
थोड़ी देर के बाद वो अपने गार्डन में कपड़े सुखाने आई और ज़ोर से मुझे आवाज़ दी, अब ठीक है ना? और ज़ोर-जोर से हँसने लगी. उस समय वो अपनी पेंटी सुखा रही थी और अब में वहीं देख रहा था. फिर जब उनको मालूम हुआ कि में वो देख रहा हूँ. तो उन्होंने जानबूझकर उसे ऊँचा किया और मुझे दिखाया और फिर वो अंदर चली गई.
फिर थोड़ी देर में उन्होंने मुझे अपने घर पर बुलाया, तो में वहाँ गया. फिर वो मुझे बैठाकर बोली कि अब तुम जवान हो गये लगते हो और मुझे तुम्हारी मम्मी से बात करनी पड़ेगी. फिर ये सुनकर मेरे पसीने छूट गये और मेरी सूरत रोने जैसी हो गई.
उन्होंने मुझे देखा और मुझसे कहा कि अगर तुम मेरा एक काम कर दो तो शायद में उनसे नहीं कहूँगी. तो में बोला कि जल्दी बताओ क्या काम है? में अभी करता हूँ. फिर उन्होंने कहा कि अपने कपड़े निकाल दो. तो में बोला कि ये कैसा काम है? तो वो हँसने लगी और बोली कि सोच लो मार खाओगे या माल?
में समझ गया और उनको जवाब दिया कि आप भी मेरे साथ नंगी हो जाओ वरना में भी अंकल को शिकायत करूँगा. फिर उन्होंने कहा कि नहीं-नहीं तुम अपने घर जाओ, लेकिन अब में वापस आने वाला नहीं था, मुझे बहुत दिन तड़पने के बाद मौका मिला था तो मैंने झट से अपने अंडरवियर के अलावा सब कपड़े निकाल दिए और वहाँ खड़ा रहा.
फिर वो मेरे अंडरवेयर के अंदर तने हुए मेरे लंड को देखकर खुश होती हुई बोली कि वाह क्या सुंदर हथियार है तेरा? तो में बोला कि सिर्फ़ देखोगी या कुछ करोगी भी? फिर वो मेरे पास आई और मेरे लंड के ऊपर अपना एक हाथ फैरने लगी, आह क्या मज़ा आ रहा था? फिर मैंने उनके बूब्स पर अपना एक हाथ रखा, तो उन्होंने कहा कि पहले ये सब निकाल दो, फिर मेरा दूध पीना.
फिर में उनके कपड़े निकालने लगा और अब उनको पेंटी और ब्रा में ही रहने दिया. अब वो मेरे लंड को बाहर निकालकर अपने हाथ में लेकर उसे रगड़ रही थी. फिर मैंने उनसे कहा कि पहले मुझे दूध पी लेने दो. फिर उन्होंने झट से अपनी ब्रा निकालकर उनका एक बूब्स मेरे मुँह में दे दिया. फिर में 15 मिनट तक उसे चूसता रहा.
वो बोली कि अब मेरी बारी और मेरा पूरा लंड अपने हाथ में लेकर उसका सुपाड़ा अपने मुँह में लेकर रंडी की तरह चूसने लगी. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उन्होंने मुझसे अपनी चूत चटवाई और फिर मेरे लंड को अपनी चूत पर रखकर बोली कि जल्दी से मेरी प्यास बुझाओ, तो मैंने झटके से अपना आधा लंड उनकी चुत में घुसा दिया, तो वो बोली कि धीरे डालो, तुम्हारा अंकल से बड़ा है, मुझे दर्द हो रहा है, प्लीज.
फिर में धीरे-धीरे उनको चोदने लगा, अब वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे लंड का मज़ा ले रही थी, आह आह ओह क्या लंड है तेरा? मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, राजा जरा ज़ोर से चोद मुझे, सीयी, उई, आह, फाड़ दो मेरी चूत को, प्लीज आह्ह्ह और फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गई. अब उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तो वो मुझसे बोली कि प्लीज रुक जाओ, अब मुझे छोड़ो प्लीज. अब नहीं तो में रुका और बोला कि क्यों? तो वो बोली कि चाहे तो मेरी गांड में डाल दो मगर प्लीज बाहर निकाल लो. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर अपना लंड निकालकर उनको उल्टा लेटाकर उनकी गांड में डालने लगा, तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया और वो चीखने लगी में मर जाउंगी, प्लीज मत डालो.
फिर में बोला कि अब पूरा होने दो और धीरे-धीरे अपना पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया. अब वो नॉर्मल हो रही थी और चुदवाने में मस्त थी. फिर तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया, तो मेरा लंड तुरंत सो गया और हम फटाफट से अपने कपड़े पहनकर तैयार हो गये. अब में सोफे पर बैठा था और फिर उन्होंने दरवाजा खोला तो उनकी बेटी जो 18 साल की थी, वो हमे घूर रही थी.
फिर वो अपना मुँह धोकर मेरे सामने बैठ गई और मुझे देखकर बोली कि दरवाजा खोलने में देर क्यों हुई? अब मालूम पड़ा. तो आंटी ने पूछा कि क्या? तो उसने कहा कि तुम दोनों क्या खेल-खेल रहे थे? मुझे इसकी पेंट की चैन देखकर मालूम हो गया है.
में अपनी पेंट की चैन बंद करना भूल गया था, तो वो बोली कि पापा को आने दो में सब बता दूँगी. फिर तभी उसकी माँ रोने लगी, तो तभी उसने कहा कि अगर मुझे अपने खेल में शामिल कर लो तो में कुछ नहीं कहूँगी. फिर में मन ही मन बहुत खुश हो गया, लेकिन अब उसकी माँ मना कर रही थी.
फिर मैंने उसे समझाया कि आप ले सकती है, तो ये क्यों नहीं? और अगर नहीं करेंगे तो सबको मालूम हो जाएगा, प्लीज मान जाओ, तो वो मान गई. फिर में उनकी बेटी को नंगी करने में जुट गया. फिर मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और आंटी ने मेरे और अपने कपड़े निकाल दिए. फिर हम तीनों एक दूसरे को बहुत देर तक चाटते रहे. अब मेरा लंड कोई चूत फाड़ने को बेताब था.
फिर आंटी ने कहा कि मैंने तो एक बार ले लिया है और अब तुम मेरी बेटी की चूत फाड़ो. फिर मैंने उनकी बेटी को सीधा लेटाकर अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया, तो थोड़ा अंदर डालने पर वो चीखने लगी ऊऊईईईईईईई माँ मेरी फट गई, प्लीज निकालो, प्लीज मगर में उसकी सुनने की बजाए और अंदर डाल रहा था. फिर मैंने मेरा पूरा लंड अंदर डालकर उसे नॉर्मल होने दिया और फिर आधे घंटे तक उसे खूब चोदा. अब वो खुश हो गई थी और आंटी भी बहुत खुश थी. अब हमें जब भी कोई मौका मिलता है, तो हम चुदाई का प्रोग्राम करते है और खूब मजे करते है.
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