ये बात उन दिनों की है जब बुआ की शादी हो गई थी, जब में 20 साल का था और बुआ 30 साल की थी. वो शादी के बाद पहली बार अपने मायके आई थी और काफ़ी दिनों तक रहने वाली थी, लेकिन वो खुश नहीं दिखाई दे रही थी. फिर जब उनसे उनकी दोस्त मिलने के लिए आई, तो वो उन्हें सेक्स के बारे में बता रही थी. अब में भी उधर से ही गुजर रहा था कि अचानक से मेरे कानों में उनकी चुदाई की बात सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया, तो इस दौरान पता चला कि फूफाजी ने उनको अभी तक तो चोदा ही नहीं है. अब ये बात सुनकर में उस दिन से ही उन्हें चोदने के मौके में रहने लगा था.
अब बुआ मेरे ही कमरे में अलग बेड पर सोती थी, में देर रात तक जगकर पढाई करता रहता था, लेकिन एक दिन गर्मी से बैचेन होकर वो रात को अपनी साड़ी और ब्लाउज खोलकर सो गई. अब ये सिलसिला रोज का ही होता था. फिर एक दिन रात को सोते वक़्त अचानक से मेरा ध्यान उनकी और गया तो मेरी आँखे फटी की फटी ही रह गई. अब उनका पेटीकोट ऊपर पेट पर था. फिर में उनके पास जाकर उनकी गांड को देखने लगा तो देखते-देखते ही मेरा लंड तनकर 8 इंच का हो गया. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, अब में उनकी गांड को सूंघने लगा था और वो सोई रही.
फिर उसके बाद मैंने उनकी गांड को चाटना शुरू कर दिया, तो वो अचानक से उठकर बैठ गई. फिर मैंने हिम्मत करके उनसे कहा कि बुआ आप मुझसे चुदवा लो, किसी को पता भी नहीं चलेगा और हम दोनों खूब इन्जॉय करेंगे. अब वो भी सेक्स की भूखी थी तो उन्होंने कुछ नहीं बोला.
अब मेरा लंड अभी भी खड़ा ही था, तो वो मेरे लंड को पकड़कर उसे चूसने लगी थी. अब मुझे जन्नत का मज़ा मिलने लगा था. फिर में बोला कि चाट जा मेरी चुदक्कड बुआ, तो वो ओउुउउ, ओउुऊउकर करके मेरे लंड का मज़ा लेती रही. फिर मैंने उनके मुँह से अपना लंड बाहर निकालकर उनके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, तो उनका पेटीकोट नीचे आ गया. अब मेरे सामने उनकी काली-काली झाटों से भरी चूत और उनकी बड़ी सी गांड थी. फिर में उन्हें घोड़ी बनाकर पीछे से उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा, तो वो बैचेन हो उठी, अब उनकी चूत फनफना उठी थी.
फिर में अपना लंड उनकी गांड में घुसाने लगा, तो वो दर्द से आहें भरने लगी, लेकिन फिर भी उसने मना नहीं किया. फिर ये देखकर में धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर डालने लगा, तो उनके मुँह से उईईईई माँ में मरी, हाईईईईईईई निकल गया. अब में अपने लंड को अंदर ही डालकर कुछ देर तक उनके मिल्की बूब्स को मसलने लगा था. फिर वो जोश में आ गई, तो मेरे धक्के लगातार चलने लगे, तो वो भी पूरा साथ दे रही थी, उनकी गांड क्या गद्देदार और मिल्की थी?
अब मेरा तो मन कर रहा था कि उनकी गांड से अपना लंड बाहर निकालूं ही नहीं. अब वो भी जोर-ज़ोर से कह रही थी कि मेरे राज मेरी गांड और ज़ोर- ज़ोर से मारो और तेज-तेज चोदो, तुमने तो मेरी गांड चोदकर मुझे जन्नत की सैर करा दी. फिर इस तरह से में उनकी गांड को करीब 30 मिनट तक मारने के बाद में उनकी गांड में ही झड़ गया और उनकी गांड में अपना लंड डालकर उनके ऊपर ही लेटा रहा. क्या बताऊँ दोस्तों पहली बार किसी के साथ सेक्स करने में मुझे बड़ा मज़ा आया था? ये सब में मूवी में ही देखकर एक्सपर्ट हुआ हूँ.
फिर कुछ देर के बाद बुआ बाथरूम से वापस आई और मुझे चूम लिया और मेरे लंड को एक किस दे दी, अब वो भी खुल गई थी. फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पर बुलाया और बोली कि राज मेरा दूध पिएगा, चूसेगा, तो में भी उनकी बगल में लेटकर उनके बूब्स को चूसने लगा. अब वो अपने हाथ से अपने बूब्स को चुसवा रही थी और आहें भर रही थी. अब उनकी आँखे बंद थी और वो आहह, आहह कर रही थी. अब इधर मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था.
फिर उन्होंने मुझे लेटाकर मेरे लंड को झुककर अपने मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. अब मेरी तो जान ही निकली जा रही थी. अब वो सेक्स की ज्वालामुखी बन गई थी और बहुत जोर-जोर आवाजे निकाल रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद में उनके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा माल अपने मुँह में लेकर कुतिया की तरह चाट-चाटकर पी गई. अब में ढीला हो गया था.
फिर वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपने दोनों पैरो को फैला लिया और बोली कि राज मेरे पास आकर मेरी चूत को तो देख, तुमने मेरी चूत का क्या हाल कर रखा है? ये बह रही है, इसकी गर्मी को उतार, मेरी चूत की खुजली को मिटा, मुझे रगड़-रगड़कर चोद, आज तक मेरी चूत को किसी ने नहीं चोदा, तुम ही इसका उद्घाटन कर दो. अब उनकी चुदासी भरी बातें सुनकर मैंने भी जोश में आकर उनकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया था.
अब मुझे पहली बार चूत की खुशबू मिल रही थी. अब में कुत्ते की तरह उनकी चूत के गीलेपन को चाटने लगा था और वो सिसकारियाँ भरने लगी थी आहहह और जोर से चूसो मेरे राजा, खा जा मेरी चूत को, ये काफ़ी दिनों से परेशान किए हुए है. फिर इस तरह से में अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर ले गया और अपनी जीभ से ही उनकी चूत को चोदने लगा. अब उन्होंने अपनी दोनों जाँघो के बीच में मेरे सिर को दबा लिया था और मेरे मुँह में ही अपनी चूत का पानी गिरा दिया. फिर में उनकी चूत की एक-एक बूँद को पी गया, वाह क्या टेस्ट था? में बता नहीं सकता हूँ.
फिर उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को पकड़कर चूसना शुरू किया तो थोड़ी देर के बाद मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया. फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटाया और उनकी फूली हुई चूत में अपने लंड का सुपड़ा घुसा दिया, तो वो ज़ोर से चीख उठी, वो अभी तक वर्जिन ही थी और उनकी चूत काफ़ी टाईट थी.
फिर उसने कहा कि मेरे मुँह में कपड़ा डाल दे और मेरी चिंता छोड़कर अपना लंड मेरी चूत में डाल दे, तो मैंने वैसा ही किया. फिर मैंने उनके मुँह में कपडा डालकर अपने लंड का एक जोरदार शॉट लगाया तो मेरा लंड 4 इंच अंदर चला गया और फिर में इसी तरह से धक्के लगाता रहा.
अब उनकी चूत से खून निकलने लगा था, लेकिन मैंने धक्के मारते हुए उनकी चूत में अंदर तक अपना पूरा लंड डाल दिया और धीरे-धीरे उनकी चुदाई करने लगा. अब वो भी अपनी कमर आगे पीछे करने लगी थी. फिर मैंने उनके मुँह में से कपड़ा निकाल दिया. अब हम दोनों जोश में आ चुके थे, अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाजे आ रही थी और वो मुझे गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थी और कह रही थी हरामी की औलद, तेरी माँ संजू से चुदवाती है, तू मेरी चूत का बुलन्द दरवाजा बना दे.
अब इस बात से में काफ़ी जोश में आकर उन्हें रगड़-रगड़कर चोदने लगा था. अब इस दौरान वो 2 बार झड़ चुकी थी. अब में भी 45 मिनट की लगातार चुदाई के बाद झड़ने वाला था. फिर मैंने उमसे पूछा कि मेरी रंडी मेरा पानी कहाँ निकालूं? तो उसने अंदर ही छोड़ने को कहा तो में तेज़ी से उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया और निढाल होकर उनके बूब्स पर लेट गया.
फिर इस तरह से हमें कब नींद आ गई? हमें कुछ पता ही नहीं चला. फिर सुबह 10 बजे मेरी नींद खुली, अब बुआ मुझे जगाने आई थी, वो काफ़ी खुश लग रही थी. फिर उन्होंने मुझको किस किया, तो फिर मैंने भी झुककर उनकी साड़ी उठाकर उनकी चूत को चूम लिया. फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने खूब चुदाई की और खूब इन्जॉय किया.