जयपुर की आंटी की चुदाई ANTRWASNA

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दोस्तों यह तब की बात है जब में अपनी नौकरी के लिए जयपुर में एक मकान में किराए से रहता था और मेरा खाना अधिकतर समय मेरे कमरे पर ही उनका कोई ना कोई बच्चा मुझे दे जाता था. फिर में सुबह करीब दस बजे अपने काम से घर से बाहर निकल जाता और उसके बाद में वापस करीब शाम को पांच बजे के बाद आ जाया करता था. दोस्तों उनके बच्चो के स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के बाद अब खुल गए थे और अब इसलिए बच्चे मुझे खाना देने मेरे कमरे पर नहीं आते थे और इसलिए मुझे खुद को सुबह का नाश्ता करने के लिए उनकी खाने की टेबल पर आना पड़ता था और फिर में खाना खाकर चुपचाप अपने कमरे में चला जाता और उसके बाद में तैयार होकर अपनी नौकरी पर चला जाता.
दोस्तों मेरी उस हॉट सेक्सी आंटी के पति चार साल पहले इस दुनिया से गुजर चुके थे और उनके तीन बच्चे थे जिसमे एक लड़की और दो लड़के थे. उस समय उनका सबसे बड़ा बच्चा करीब दस साल का रहा होगा जिसका मतलब साफ था कि मेरी उस आंटी की उम्र ज्यादा नहीं थी वो उम्र में यही कोई 30-31 साल की थी. उनका मदमस्त गठीला बदन जिसको कोई भी एक बार देखे तो आहे भरने लगे और उसकी वो नजर मेरी आंटी के उस गोरे जिस्म से हटने को तैयार नहीं हो और वो उनको घूरता ही चला जाए और हर कोई उनको पकड़कर एक बार चोदने की अपनी इच्छा को पूरा करना चाहता है और ठीक वैसा ही हाल मेरा भी था.
में भी अपनी उस हॉट सेक्सी आंटी की चुदाई करने की बातें वो विचार अपने मन में हमेशा लिए घूमता और वो मौका देखता जिसका में फायदा उठाकर उनकी चुदाई के मज़े ले लूँ. एक दिन में उसके यहाँ पर खाना खा रहा था और तब उस समय उनके सभी बच्चे स्कूल गए हुए थे और तब आंटी घर की सफाई करने में लगी हुई थी. उस समय थोड़ी सी गरमी होने की वजह से उसके सारे कपड़े गीले हुए पड़े थे और आंटी ने उस समय सफेद रंग का सूट पहन रखा था और तभी मैंने देखा कि आंटी के वो कपड़े पसीने में बहुत ज्यादा गीले होने की वजह से मुझे अब मेरी आंटी के कपड़ो के अंदर पहनी हुई उनकी ब्रा और पेंटी मुझे बाहर से साफ साफ नज़र आ रही थी और जब भी अपने काम की वजह से नीचे झुकती थी तब मुझे उनके वो रसीले गोरे आकर्षक बूब्स पूरे साफ साफ नज़र आ जाते मुझे उनके बड़े गले के उस सूट से कभी कभी बूब्स की निप्पल की झलक तक भी नजर आ जाती थी जिसको देखकर मेरा मन प्रसन्न होकर ख़ुशी से झूम उठता और में शुरू में उन सभी बातों को हर कभी अनदेखा कर देता था.
में सोचता था कि चलो गरमी है, लेकिन करीब एक सप्ताह में दो तीन बार गोरे गोरे रसीले बूब्स के दर्शन मुझे हो ही जाते थे, इसलिए अब मेरा भी मन खराब होने लगा था. अब में उनके बारे में मन ही मन में सोचता रहता था कि उनके पति को गुज़रे हुए पूरे चार साल हो गये है, इसलिए अब कभी कभी उन्हे भी किसी के साथ सेक्स करने का मन तो करता ही होगा और वो इसके लिए क्या करती होगी और वो कैसे अपना काम चलती होगी? फिर में उनके पास बैठकर इधर उधर की बातें करने लगा वो मुझे हंसकर पूरी तरह से खुलकर बातें मजाक करने लगी थी और इस वजह से कुछ ही दिनों में हम लोग बहुत ज्यादा एक दूसरे से घुल मिल गए थे. वो मेरी किसी भी बात का कोई बुरा नहीं मानती थी और में भी उनके साथ बहुत खुश था. एक दिन कुछ काम करते समय उनकी कमर में चोट लग गई और वो उस दर्द की वजह से बहुत परेशान थी, उनसे कोई भी काम नहीं किया जा रहा था.
फिर में रात को करीब दस बजे उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि सभी बच्चे भूख से परेशान थे और इसलिए में बाहर बाजार से उनके लिए खाना लेकर आ गया और उस खाने को खाकर वो सभी बच्चे सो गए. फिर मैंने अपनी आंटी से पूछा कि आपको कहीं ज्यादा चोट तो नहीं लगी है? तब वो दर्द से करहाती हुई मुझसे कहने लगी कि हाँ यह दर्द अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है, फिर मैंने उनकी कमर पर दर्द खत्म करने का तेल लगाया तो वो मुझसे बोली कि नहीं बस रहने दो. फिर में उनसे बोला कि आप बस कुछ देर पेट के बल लेट जाए में आपको तेल लगा देता हूँ और उससे आपका दर्द तुरंत कम हो जाएगा.
वो मुझसे बोली कि नहीं तुम रहने दो यह अपने आप ही ठीक हो जाएगा और तब में उनसे बोला कि यह दर्द ऐसा ठीक नहीं होगा और आप दूसरे कमरे में आ जाए में तेल लगा देता हूँ. फिर उस समय रात के करीब 11.30 बज रहे थे और वो सभी बच्चे अब गहरी नींद में सो रहे थे, लेकिन आंटी दर्द से बहुत ज्यादा परेशान थी इसलिए वो मेरे कहने पर कुछ देर बाद पास वाले कमरे में आ गई.
फिर मैंने उन्हे पेट के बल लेटा दिया और फिर मैंने उनका कुर्ता उनकी गोरी पीठ तक उठा दिया था और अब में उनकी गोरी गदराई हुई कमर पर अपने हाथ में थोड़ा सा तेल लेकर उसको लगाकर मसलने लगा था. उनकी दर्द वाली जगह पर अपने एक हाथ से हल्के हल्के मसाज करने लगा और थोड़ी देर तेल लगाने के बाद अब उन्होंने मुझसे कहा कि यह सब ठीक नहीं है कि तुम मेरी कमर को इस तरह से तेल लगाओ, लोग क्या कहेंगे? तब में हंसते हुए उनसे कहने लगा कि बाहर दूसरे लोगों को कौन बोलने जा रहा है कि में आपके साथ क्या कर रहा हूँ और हमे यहाँ पर देखने वाला कौन है? बस आप चुपचाप शांति से लेटी रहो और चाहे तो आप सो जाए. तभी कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि वहां से थोड़ा नीचे मुझे ज्यादा दर्द है, दोस्तों में तो उस बल्ब की रोशनी में उनकी गोरी पीठ को बिना कपड़ो के देखकर बिल्कुल पागल ही हो गया था जिसकी वजह से अब मेरा तो लंड लोहे की तरह गरम और कड़क हो गया था.
मैंने ऐसा मनमोहक द्रश्य कभी भी सामने से नहीं देखा था और इससे पहले मैंने सिर्फ़ कंप्यूटर पर सेक्सी फिल्म में ही यह सब देखा था और में उस कमर को देखकर धीरे धीरे बिल्कुल मदहोश हुआ जा रहा था और अब मेरे दोनों हाथ उनकी कमर पर फिसलते जा रहे थे और जब उन्होंने मुझसे कहा कि थोड़ा नीचे दर्द है तब में उनसे बोला कि आपकी सलवार का नाड़ा बहुत टाइट है इसलिए में तेल को नीचे कैसे लगा सकता हूँ? तब उन्होंने अपनी सलवार के नाड़े को अपने पेट की तरफ आगे से हाथ को डालकर खोल दिया था.
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनकी सलवार को उनके कूल्हों से थोड़ा नीचे किया, लेकिन तब उन्होंने ज्यादा नीचे करने से मुझे अपने एक हाथ से रोक दिया और तब तक में उनकी सलवार को उनके कूल्हों के आधे हिस्से तक नीचे सरका चुका था और अब में उनकी लाल रंग की पेंटी को देखकर बिल्कुल पागल सा होने लगा था. दोस्तों वो एक औरत नहीं बल्कि एक मदमस्त करारी हॉट सेक्सी मॉल लग रही थी और उनको अपने सामने उस हालत में लेटा हुआ देखकर मेरा दिल तो कर रहा था कि में उसी समय उसकी पेंटी के अंदर अपने एक हाथ को जबरदस्ती डाल दूँ, लेकिन उनके दर्द वाले हिस्से के आगे में हाथ डालने से अब डर रहा था.
फिर में उनकी कमर पर वो तेल लगाने लगा था और में उनकी पूरी तरह से मसाज कर रहा था. तब रात के करीब एक बज रहे थे मुझे भी नींद आ रही थी, लेकिन ऐसे मस्त मौके को में अब बिल्कुल भी छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए में कभी कभी बीच में उनकी लाल रंग की उस पेंटी में अपनी ऊँगली को थोड़ी सी अंदर भी डाल रहा था. दोस्तों उस समय मैंने केफ्री पहन रखी थी और उसके अंदर मैंने अंडरवियर भी नहीं पहन रखी थी फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि नींद में उन्होंने मेरे एक पैर को पकड़कर वो अब सो चुकी थी और अब में ना ही सोने जा सकता था और ना ही उठ सकता था, क्योंकि उनके हाथ से मेरी जांघे उनकी गिरफ़्त में थी. अब में भी कुछ देर बाद नींद आने की वजह से उनकी पीठ पर अपना सर रखकर वैसे ही सो गया, क्योंकि अब रात के करीब तीन बज रहे थे.
फिर अचानक से करीब 5.15 बजे उनकी नींद खुली और वो मुझसे बोली कि अरे उठो तुम अभी तक सोने नहीं गए क्या? तब में उनसे बोला कि आप मेरे पैर को पकड़कर सो रही थी इसलिए में नहीं जा सका और उसके बाद मैंने उनसे पूछा कि अब आपका दर्द कैसा है? तब उन्होंने कहा कि हाँ अब थोड़ा सा ठीक है, मुझे पहले से अब बहुत आराम है और उस वक़्त उनकी सलवार अब नीचे सरककर उनके घुटनों से नीचे चली गयी थी इसलिए उनको अब शरम आ रही थी. फिर में उनको देखकर समझ गया और मैंने उनसे बोला कि इसमे आपको शरम किस बात की आ रही है?
तब उन्होंने शरमाते हुए मुझसे कहा कि आज तक किसी और ने मुझे इस हालत में कभी नहीं देखा जिस तरह में आज तुम्हारे सामने नजर आ रही हूँ और वो अब बहुत ज्यादा घबराकर अपनी सलवार को ऊपर चड़ाकर पहनने लगी. फिर में उनसे बोला कि आप थोड़ा देर तक मेरे लिए इसको इस तरह ही रहने दीजिए में और कुछ नहीं करूँगा और में आज जी भरकर आपके यह मस्त गदराए हुए कूल्हे और गोरी गोरी मदमस्त जांघे देखना चाहता हूँ. अब उन्होंने मुझसे कहा कि तुम किसी को बताना मत कि तुमने मेरी कमर को आज इस तरह मसाज किया है और इतना सब कुछ देखा भी है? में बोला कि कभी नहीं सिर्फ़ थोड़ी सी देर आप ऐसे ही बैठे रहो. अब वो मुझसे कहने लगी कि मुझे तुम पर पूरा विश्वास है इसलिए तुम देख लो और अब वो शरम से अपने चेहरे को इधर उधर घूमाने लगी थी.
फिर तभी अचानक उनकी नज़र मेरे तनकर खड़े लंड पर चली गई और उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम अपनी जेब में क्या छुपा रखा है? तब में बोला कि मेरी जेब में कुछ भी तो नहीं मेरे कपड़े कॉटन के है उसकी वजह से ऊपर से बहुत उठा हुआ है. अब उन्होंने एक बार फिर से मुझसे कहा कि नहीं कुछ तो है जिसको तुम मुझे बताना नहीं चाहते. अब में अपने घुटनों के बल खड़ा हो गया और मेरा लंड तना हुआ होने की वजह से अब पूरा कपड़े से बाहर नजर आने लगा था.
मैंने उनसे पूछा क्यों सेक्स करना है क्या? तब वो बोली कि नहीं कभी नहीं, वो में तुमसे थोड़ा सा खुल गयी हूँ इसलिए में तुमसे यह बातें कर रही हूँ और तभी अचानक से उसने मुझे पकड़कर एक किस कर दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरे शरीर में करंट का झटका सा लगा और तब उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे को वो देखे हुए बहुत दिन हो गये है, उनके मरने के बाद मैंने कभी वो नहीं देखा, क्या तुम मुझे थोड़ी देर के लिए दिखाओगे? तो में उनको बोला कि हाँ में दिखा सकता हूँ, लेकिन किसी और को नहीं पता चलना चाहिए और में भी आपके उसको एक बार देखना चाहता हूँ, तब उन्होंने कहा कि नहीं में देखूँगी तुम नहीं और अब में उनको बोला कि में भी नहीं दिखाता और तब थोड़ा सा सोचने के बाद वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, लेकिन किसी तीसरे को कुछ भी पता नहीं चलना चाहिए और मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है. दोस्तों उनकी सलवार तो पहले से ही उनके घुटनों तक उतरी हुई थी और अब मैंने उनकी पेंटी को भी नीचे उतारकर उनके घुटनों तक उसको कर दिया, लेकिन शरम की वजह से उन्होंने अपने एक पैर के ऊपर दूसरे पैर को रख लिया, जिसकी वजह से मुझे उनकी चूत नहीं दिख रही थी, लेकिन उनकी गोरी भरी हुई जांघो ने तो मेरे रोंगटे खड़े कर दिए थे.
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी केफ्री को नीचे उतार दिया और अब वो मेरे तनकर खड़े लंड को अपनी चकित नजरों से देखकर अपने मुहं पर एक हाथ को रखकर बोली बाप रे कितना लंबा मोटा है और यह तुम्हारा कितना गरम होने के साथ साथ अच्छा भी है और थोड़ी देर तक देखकर अब वो मेरे लंड को अपने एक नरम मुलायम हाथ से मसलने भी लगी थी, जिसकी वजह से में गरम होता जा रहा था और मेरा लंड अब झटके देने लगा था.
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे बोला कि अब सुबह हो गयी है तुम आज रात को दोबारा मेरी कमर पर मसाज करने आ जाना तब में तुम्हारे इस लंड को पूरी रात अपने हाथों से बहुत अच्छी तरह मसाज करूँगी, जिससे तुम्हे बड़ा मज़ा आएगा. फिर में अब उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम खुश हो गया, क्योंकि अब मुझे वो सब मिलने वाला था जिसके लिए में कब से राह देख रहा था और मैंने मन ही मन उस रात को उनकी जमकर चुदाई करने की बात को ठान लिया था, क्योंकि मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि अब उनको मेरा अपना लंड दिखाकर मैंने उनके जिस्म में लगी उस बरसों की आग को पहले से ज्यादा भड़का दिया था और में अब उनके बूब्स की उस अंगूर के दाने के बराबर निप्पल को कुछ देर अपने हाथ से मसलता रहा उसके बाद मैंने उनके दोनों बूब्स को कुछ देर मस्त मसाज का मज़ा दिया और उसके बाद में अपने कमरे में आकर उनकी चूत को सोचकर अपने लंड को हिलाकर उसको शांत करने के बाद अब आगे की चुदाई के बारे में विचार करने लगा था. दोस्तों इसके बाद मैंने उनको बहुत गरम करके चोदा और हम दोनों ने मिलकर बहुत मजे लिये.

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