दो आंटियों को एक साथ चोदने का मजा antrwasna

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हैल्लो दोस्तों, यह बात उन दिनों की है जब में अपने स्कूल की पढ़ाई को पूरी करके कॉलेज में गया था और अपनी जवानी के 18 साल पूरे होने पर और लंड के 6 इंच लंबा होने और मोटा होने की खुशी में मैंने जमकर मुठ मारकर मज़ा किया था और उसका कारण था कि में उस दिन अपने एक दोस्त के साथ हॉट ब्लूफिल्म देखकर लौटा था. मैंने उसमें देखा कि उस औरत की नरम मुलायम गुलाबी चूत और बड़ी सुंदर गांड ऊपर से दो दो गोरे गोरे बूब्स उस मर्द को पहली बार पीते हुए देखकर मेरे मुहं में भी पानी भर गया था और अब मुझे भी किसी औरत को तुरंत पकड़कर उसकी जमकर चुदाई करने का मन कर रहा था.
दोस्तों उस समय हमारे घर के पास में एक बहुत ही मस्त सेक्सी आंटी रहती थी जिनका एक पार्लर था और उनके पति अक्सर बाहर किसी दूसरे शहर में रहते थे उस आंटी का नाम शीला था, वो भरे बदन वाली गदराई हुई काया वाली अल्हड़ मस्त 26 साल की पूरी जवान माल थी, जिनके बड़े बड़े रसभरे दूध से भरपूर निप्पल को पीने का मेरा कब से मन करता था और उसकी वो मस्त लहराती गांड और चूत का विचार ही मेरे दिल में आग लगा जाता था.
फिर में मन ही मन में सोचता था कि जब कभी भी आंटी की चूत में खुजली होती होगी तो क्या वो अपनी चूत में अपनी उंगली, बेंगन या केला डालकर उसको शांत करती होगी और क्या इनको इस काम को करने के लिए एक लंड की ज़रूरत नहीं होगी? यही सब बातें मन में सोचकर मैंने उनको अपनी तरफ से लाइन देनी शुरू की और फिर मैंने कुछ दिनों बाद ध्यान से देखा कि अब मेरी लाइन का कुछ फायदा हो रहा है, क्योंकि वो अब मुझसे बहुत ज्यादा खुलने लगी थी और वो अब हमेशा अपनी ड्रेस भी मुझे दिखाने के लिए मस्त सेक्सी पहनती थी और उनके गहरे गले के ब्लाउज जिसमे बंद वो दो कबूतर बाहर उड़ने को फड़फड़ा रहे थे. उनको अब आजादी चाहिए थी और उनकी जब वो गोल मटोल गांड हिलती तो बिजली गिरने लगे. मेरा मन हमेशा करता था कि में पीछे से उनको उसी समयी पकड़कर अपने लंड को अंदर बाहर चलाकर में उसकी गांड की धुनाई कर डालूं और में उसको जमकर चुदाई के मज़े दूँ और मेरे मन में मेरी उस आंटी की चुदाई के सपने रहते थे.
एक दिन जब में उनके घर पर पहुंचा तब मैंने देखा कि वो उस समय अपने पार्लर में एकदम अकेली थी और उनका पार्लर उस दिन बंद था. में उनके घर पर जा पहुँचा वो मुझे देखकर हंसते हुए कहने लगी कि अच्छा हुआ तुम भी बिल्कुल ठीक समय पर आ ही गये, क्योंकि मुझे तुम्हे मेरे कुछ नये कपड़े दिखाने थे जिनको में कल बाजार से खरीदकर लाई हूँ तुम देखकर बताओ वो मेरे ऊपर कैसे लगेंगे? दोस्तों तब मुझे पता चला कि वो उनके लिए नई मेक्सी, ब्रा और पेंटी बाजार से खरीदकर ले आई थी और वही सब कपड़े वो मुझे दिखाने लगी थी. फिर में अपनी आखें फाड़ फाड़कर उनको देखने लगा और तब उनकी वो ब्रा, पेंटी को देखकर मेरी हिम्मत बहुत बढ़ गई और मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कहा कि आंटी आप मुझे ऐसे ही दिखाओगी, आप इनको एक बार पहनकर भी तो दिखाओ.
फिर वो मुझसे बोली कि अरे यार तुम ही मुझे पहना दो और यह शब्द कहकर वो उसी समय मेरी बाहों में झूल गई और मैंने उसी समय तुरंत बिना देर किए उनका वो इशारा समझकर उनकी उस साड़ी को उतार दिया. फिर धीरे धीरे में उनके ब्लाउज पर हाथ फेरते हुए उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके बाहर की तरफ निकलते हुए गोलमटोल बूब्स को मैंने अब दबाना उनकी निप्पल को खींचना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो अब गरम होकर सिसकियाँ लेने लगी और उनके मुहं से आह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ की आवाजे आने लगी थी.
दोस्तों उनका ब्लाउज नीले रंग का था जिसके खोलते ही उनकी सफेद रंग की ब्रा अब मेरे सामने थी जिसमे उनके बस वो दोनों हल्के भूरे रंग के निप्पल छुपे हुए थे में अब उनके ऊपर के निप्पल को अपनी जीभ से चाटने लगा. ऐसा करना मुझे बड़ा आनंद दे रहा था और अब में उन दोनों निप्पल को एक एक करके दबा दबाकर उसका दूध निकालने की कोशिश करने लगा था और उनकी ब्रा के हुक को जैसे ही मैंने खोला वो दोनों निप्पल उछलकर बाहर मेरे सामने आ गए जिसके बाद मेरे होश उड़ चुके थे. में उन दोनों गोरे आकर्षक बूब्स को अपने सामने बिना कपड़ो के देखकर बड़ा चकित हुआ और अब उसके बाद मैंने जी भरकर उन दोनों निप्पल को बारी बारी से चूसा उनको जमकर दबाकर उनका सर निचोड़ दिया. दोस्तों पहली बार किसी चुदक्कड़ कामुक औरत के बदन की गरमी और उसकी वो गरम खुशबूदार साँसे अब मेरे जिस्म से टकरा रही थी और मैंने उसके दोनों बूब्स का दबाना और उनको ज़ोर से मसलना मैंने लगातार जारी रखा.
फिर उनको खड़े खड़े ही मैंने उनका पेटिकोट और फिर उसके बाद मैंने उनकी गुलाबी रंग की पेंटी को भी अब उतारना शुरू कर दिया था. तब मैंने देखा कि उनकी वो दोनों जांघे गोरी और गदराई हुई थी और मैंने उनको चाटकर उनको उनके उसी काउंटर पर बैठा दिया और फिर में खुद नीचे जमीन पर बैठकर उनकी चूत में अपनी जीभ को अंदर डालने लगा था और तब मैंने ऊपर नीचे अपनी जीभ को करके बहुत मज़े लेकर उनकी चूत चाटी और फिर मैंने अपना लंड उनको दे दिया.
अब वो मेरे लंड को मेरी पेंट से बाहर निकालकर लंड का ऊपर का गुलाबी रंग का टोपा अपनी गरम जीभ से चाट रही थी वो एकदम अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को लोलीपोप की तरह अपने मुहं में कभी अंदर तो कभी बाहर निकालकर उसको चूस रही रही जिसकी वजह से में बहुत जोश में आ चुका था इसलिए मैंने ज्यादा समय खराब करना बिल्कुल भी उचित नहीं समझा और अब कोई आ ना जाए यह बात मन ही मन में सोचकर जल्दी से मैंने अपने लंड को उनकी कोमल चूत पर थूक लगाकर उसको एकदम चिकना करके अपनी तरफ से धक्का देकर अंदर डाल दिया.
अब मैंने महसूस किया कि मेरी आंटी को मेरा ऐसा करने से मज़ा भी बहुत आया और उनकी चूत की अब खुजली भी खत्म होने लगी थी. अब वो मुझसे बोली कि जब चूत में लगी हो आग तो लंड लेने में ही मज़ा आता है और उस आग को फायरब्रिगेड भी नहीं बुझा सकती है.
अब मेरा लंड आंटी की चिकनी चूत में फिसलता हुआ पूरे जोश से अंदर बाहर आ जा रहा था और तब मैंने देखा कि अब आंटी की नाक के नथुने फूल रहे थे और तेज तेज सांसे लेने की वजह से उनके बूब्स लगातार ऊपर नीचे हो रहे थे जो दिखने में बहुत ही आकर्षक मनमोहक नजारा था इसलिए में उनके एक निप्पल को अपने हाथ में लेकर उसको हल्के हल्के सहलाने लगा था और अब उनको अपने सामने स्वर्ग नज़र आ रहा था वो उस समय बहुत जोश में थी, लेकिन अब जल्दी ही हम दोनों झड़ने वाले थे हम दोनों हमारी चरम सीमा पर पहुंच चुके थे और मुझे उनको लगातार धक्के देने में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी उस आंटी की एक सहेली हमारे बीच में हमारे उस काम को बिगाड़ने के लिए आ धमकी और वही सब हुआ जिसका मुझे पहले से डर था. तभी उन आंटी ने आकर मेरे लंड को उनकी चूत में रगड़ खाते हुए देख लिया वो अब मुझसे कहने लगी कि हाँ जी भरकर कर ले, क्योंकि अब तुमको मेरी भी चूत की चुदाई करनी पड़ेगी.
फिर अपनी सहेली की यह बातें सुनकर शीला आंटी तो एकदम से घबरा ही गई थी, लेकिन जब उन्होंने देखा कि रश्मि भी अब अपनी सलवार कुर्ता उतार रही है और अब हम तुरंत समझ गये कि रश्मि भी बहुत प्यासी है और उसका बूढ़ा पति उसकी प्यासी तरसती हुई चूत को कभी ढंग से नहीं चोद पाता है इसलिए वो भी आज अपनी चुदाई के मज़े मेरे लंड से लेना चाहती है यह बात मन ही मन में सोचकर में बहुत खुश था और मैंने भगवान को बहुत बहुत धन्यवाद कहा क्योंकि आज मुझे एक साथ दो चूत जो मिली थी और उसी बीच रश्मि भी हमारे साथ उस खेल में आ गई.
अब मेरे लंड को आंटी की चूत से बाहर निकालकर और निरोध को मेरे लंड के ऊपर से उतारकर उन्होंने लंड को अपनी जीभ पर लिया और लंड को चूसना उसके बाद अंदर बाहर करके चाटना शुरू कर दिया. अब रश्मि ने मेरी उस सेक्सी आंटी से थोड़ा सा शहद लाने को कहा तो मेरी आंटी ने तुरंत उनको शहद लाकर दे दिया और अब मेरे लंड पर रश्मि ने अपने गोरे मुलायम हाथों से शहद का लेप करके उसको मीठा मीठा चिपचिपा बनाकर उसको अपनी जीभ से चाटकर बड़ा मज़ा लिया और अब मेरा 6 इंच का लंड आग की तरह गरम था में उस समय पूरे जोश में था.
अब मैंने उनकी चूत को अपने एक हाथ से पूरा फैलाकर उसमे अपनी जीभ को डालकर चाटना शुरू कर दिया था और उसके कुछ देर बाद उन्होंने मुझे एकदम सीधा लेटाकर अब वो दोनों ही मेरे लंड को अपने हाथ में थामकर बारी बारी से चाट और उसको चूस रही थी, वो बहुत ही मीठा मीठा दर्द था में उसको किसी भी शब्द में लिखकर आप सभी को नहीं बता सकता. फिर उनका काम खत्म होने के बाद मैंने रश्मि की प्यासी कामुक चूत में अपने लंड को डाल दिया.
में अब उसको अपनी तरफ से मस्त मजेदार धक्के देकर उसकी चुदाई करने लगा था कुछ देर धक्के देकर में अब उसकी चूत में झड़ गया. फिर मैंने अपना पूरा गरम ताज़ा वीर्य उसकी चूत की गहराइयों में अपने तेज धक्को के साथ डाल दिया था और उस दिन मुझे बहुत मज़ा आया. दोस्तों पहली बार मैंने एक साथ चार बूब्स को दबाए और उनके निप्पल को जमकर चूसा, उनका रस पिया और रश्मि के निप्पल हल्के भूरे रंग के थे और वो आकार में बड़े होने के साथ साथ एकदम सही आकार के भी थे, इसलिए मुझे उसको दबाने उनका रस पीने में बड़ा मज़ा आया और उसके बाद अक्सर जब भी समय मिलता में, मेरी शीला आंटी और रश्मि साथ में ही सेक्स किया करते है और हम यह सब करके बहुत मज़ा लेते है.
अब तो मेरी वो शीला आंटी भी अपनी उस चुदाई की प्यासी सहेली रश्मि की चूत में अपनी जीभ को डालकर उसको चाटती है और रश्मि भी ठीक वैसा करके उसको अपनी तरफ से पूरा मज़ा देती है और उसके बाद में उन दोनों को बारी बारी से अपनी चुदाई का वो मज़ा देता हूँ जिसका वो पूरा मज़ा लेती है और हर बार वो मेरा पूरा पूरा साथ देती है और में उन दोनों को बहुत अलग अलग तरह से चोद चुका हूँ जिनका उन्होंने पूरा मज़ा लिया.
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