दोस्तों आज में अपनी सच्ची कहानी आपके सामने पेश कर हूँ, जो कि मेरी पहली स्टोरी है. आप मुझे अपनी राय जरूर बताए जिससे में मेरे लिखने में अगर कोई गलतियाँ हो तो सुधार सकूँ. अब में आपका समय ख़राब नहीं करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
में यह नहीं कहता कि मेरा लंड बहुत बड़ा है, लेकिन मुझे विश्वास है कि में हर औरत को खुशी दे सकता हूँ. दोस्तों में अभी 12वीं क्लास पास होकर जलगाँव में पढ़ने को गया, वहाँ मेरे बड़े चाचा का घर था, तो में वहीं रहने लगा. उनके घर में बड़ी चाची, मेरा कज़िन भाई और एक मेरी बड़ी सेक्सी कज़िन बहन और मेरे चाचा रहते थे. मेरे चाचा हमेशा ड्यूटी की वजह से आउट ऑफ स्टेशन रहते थे. मेरी बहन की उम्र 23 साल और मेरी उम्र 20 साल थी और उनके घर में एक रूम और किचन था इसलिए रात में मेरा भाई पलंग पर और में, मेरी बहन और चाची नीचे सोते थे.
यह कहानी 1 साल पहले की है. हम तीनों नीचे एक ही लाईन में पास-पास में सोते थे. अब पहले तो चाची हमारे बीच में सोती थी, लेकिन कुछ दिनों के बाद रात में खाने के बाद मेरी बहन और में चाची के पहले बिस्तर डालने के बाद सोने लगे, तो तभी से मेरी नजर मेरी बहन पर पड़ी, लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं होती थी. अब में नींद में अक्सर जानबूझकर मेरा हाथ मेरी बहन के बूब्स पर लगाने लगा था, तो तब वो शायद नाटक ही करती थी, ताकि में पहले शुरू करूँ, लेकिन में डरता था.
में कॉलेज से 12 बजे ही घर आ जाता था तो तब घर में में और मेरी बहन ही रहते थे. चाची और भाई सर्विस पर होने से वो शाम को 6 बजे घर आते थे. मेरी बहन को मैंने बहुत बार दूसरो लड़को से बातें करते देखा था, मुझे पता था कि साली ये कहीं चुदावा रही है.
दिन घर पर वो मुझे खाना खिलाकर सोने को कहने लग गयी, तो में समझ गया कि इसका कुछ चक्कर शुरू है. फिर एक दिन जब खाने के बाद उसने मुझे सो जाने को कहा, तो तब मैंने मन बना लिया कि आज इसका चक्कर जरुर देखूंगा. फिर में पलंग पर सोने का नाटक करने लगा. अब मेरी बहन सामने टी.वी देख रही थी. फिर 10-15 मिनट के बाद उसने टी.वी बंद किया और किचन में चली गयी. अब में धीरे-धीरे सब देख रहा था.
फिर अंदर जाकर वो कुर्सी पर बैठी और अपने हाथ से उसका टॉप निकाला, उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी तो उसके दोनों बूब्स बाहर आ गये. फिर वो अपने बूब्स दबाने लग गयी. फिर थोड़ी देर के बाद वो अपनी स्कर्ट निकालकर अपनी चूत से खेलने लगी. अब वो अपनी ऊँगली चूत में डालकर जोर-जोर से हिलाने लगी थी. अब में डर रहा था, लेकिन फिर भी यह सब देखकर मेरा लंड टाईट हो गया था. अब में भी अपना लंड अपने हाथ से पकड़कर जोर-जोर से हिलाने लग गया था.
5-10 मिनट के बाद मेरा अमृत बाहर निकलने ही वाला था, तो तभी मेरा हाथ दरवाजे की कुण्डी से लगा और आवाज हुई. तो तभी शायद वो भी झड़ रही थी, तो आवाज़ होते ही में पलंग पर चला गया और सोने का नाटक करने लगा, लेकिन मेरा अमृत मेरी चड्डी पर ही लग गया था. फिर वो 1 मिनट में अपने कपड़े पहनकर बाहर आई और शायद मुझे देखने लगी, तो उसे मेरा अमृत मेरी चड्डी पर लगा दिखा.
फिर वो मेरे पास आई और मेरी चड्डी पर लगा मेरा अमृत अपनी उंगली पर लगाकर उसे सूंघने लगी, तो तब उसे पता लग गया कि मैंने क्या किया है? फिर वो मेरे पास बैठकर मुझे देखने लगी और में जागने का नाटक करने लगा और फिर मैंने उठकर कहा कि क्या हुआ दीदी? तो वो बोली कि ये तेरी चड्डी गीली कैसे हुई? तो मैंने नाटक करते हुए कहा कि नहीं तो? और फिर में घबराकर बाथरूम में चला गया और बाहर आते ही दोस्त के घर चला गया और शाम को 7 बजे वापस आया, लेकिन अब दीदी मुझे अलग ही नजर से घूर रही थी, अब में उसकी नजर से नजर भी नहीं मिला रहा था.
दूसरे दिन में कॉलेज में जाने के बाद सोचता रहा कि कैसी साली की चूत का मज़ा लिया जाए? फिर घर आने के बाद उसने मुझे खाना दिया और में 1 बजे कल जैसे सोने का नाटक करने लगा. आज तो उसे भी पता था कि समीर का भी लंड काम करता है. फिर आज वो पलंग के नीचे ही ऐसी बैठी कि मुझे वो पूरी दिखे, लेकिन उसका मुँह मुझे ना दिखे ताकि में उसे देखते समय डरू ना.
अब वो अपना टॉप निकालने लगी थी और अपने बूब्स से ही खेलने लगी. अब इधर से में सब देख रहा था, ये दीदी को पता था. अब मेरा लंड इधर-उधर सांप की तरह फनफना रहा था. फिर 10 मिनट के बाद उसने अपना स्कर्ट भी निकाला और अपनी पेंटी में हो गयी. अब मेरी धड़कने तेज हो गयी थी. फिर वो अपनी पेंटी निकालकर अपनी चूत में उंगली करने लगी. अब मेरा तो लंड मेरे काबू में ही नहीं था. अब उसे भी पता था कि में यह सब देख रहा हूँ. फिर वो एकदम से उठकर पलंग पर मेरे पास में बैठ गयी. अब में समझ गया था कि कुछ जरुर होने वाला है. फिर उसके ऊपर बैठने के बाद उसने अपनी ब्रा और पेंटी को पहन लिया और मेरे पास बैठकर मेरे सिर पर अपना हाथ घुमाने लगी, तो मुझमें तो मानो जैसे बिजली दौड़ गयी हो. फिर वो अपना हाथ घुमाते-घुमाते नीचे लाने लगी, अब में डर गया था. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चड्डी के ऊपर पर मेरे लंड पर रख दिया. अब मेरा लंड तो पहले से ही आसमान चूम रहा था.
फिर उसने अपना एक हाथ सीधा मेरे अंडरवेयर के अंदर डाल दिया और मेरे लंड से खेलते-खेलते मुझसे कहा कि समीर उठ, मुझे पता है तू जग रहा है और मुझे नंगा देख रहा था. तो में डर कर उठ गया और उसकी तरफ देखने लग गया, तो वो बोली कि तेरा ये लंड सब बता रहा है और फिर वो मेरे ऊपर लेट गयी. अब में पूरा खामोश था और अब वो मेरे शरीर से खेलने लगी थी और बोली कि कल तूने जो हाथ से किया, वो में आज मेरे मुहं से कर दूँगी.
तभी उसने उल्टी होकर और मेरा बरमूडा खींचकर निकाल दिया. अब तब हम दोनों 69 की पोजिशन में आ गये थे. फिर वो मेरा लंड देखकर खुशी से बोली कि वॉवववववववव तेरा तो बहुत बड़ा है और मेरे लंड को अपने मुँह में भर दिया. तो तभी में समझ गया कि अब डरने से कोई मतलब नहीं है.
फिर मैंने भी उसकी पेंटी निकाली और उसकी चूत के दर्शन कर लिए, उसकी चूत बहुत चिकनी और सुंदर थी. अब मुझे तो जैसे स्वर्ग का दर्शन हुआ था, अब में भी उसकी चूत को चाटने लग गया था. अब दीदी सिसकने लगी जैसे आआआहह, भाईईईई, आआआआ. अब में ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत को चाटने लगा था. फिर 5 मिनट तक हम ऐसे ही चाटने का खेल खेलते रहे. फिर वो सीधी हुई और बोली कि अब देर मत करो मेरे भाई, मेरी इच्छा पूरी कर दो.
मैंने उसे झटके से मेरे नीचे लिया, तो तब वो बोली कि साले नाटक क्यों कर रहा था? में तो कल ही जब तूने हाथ से निकाल दिया तब ही समझ गयी थी. फिर मैंने कहा कि में डर रहा था कि तू मेरी बड़ी बहन जो है. फिर वो बोली कि घर में इतना अच्छा लंड और चूत है, तो फिर हम दोनों प्यासे क्यों रहे? चल अब काम कर. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाली, तो उसके दोनों बूब्स बाहर आकर मुझे सलामी देने लगे. फिर मैंने उसे चोदा और आज तक भी चोद रहा हूँ.