नोकरानी को सब ने चोदा antrwasna

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कुछ दिन पहले भैया और भाभी ८-१० दिनों के लिए सुबह के ६ बजे बाहर चले गए थे, घर पर केवल मैं और नीलू ही रह गए, मौका अच्छा था. मैंने नीलू को चोदने का प्लान बनाया, सुबह के ७ बजे मैं नहाने के लिए बाथरुम में गया, मैंने अपने सारे बदन पर खूब साबुन लगाया और जब मेरा 8 इंच का लंड एकदम खड़ा हो गया तो मैं बचाओ-बचाओ की आवाज करता हूंआ एकदम नंगा ही बाथरूम से बाहर आ गया.
नीलू किचन में चाय बना रही थी, वह जानती थी कि मुझे तिलचट्टे से बहुत डर लगता है, वह दौड़कर मेरे पास आई तो उसने मुझे एकदम नंगा देखा. उसने अपना एक हाथ अपने होंठों पर रख दिया और दूसरे हाथ से मेरी तरफ इशारा करते हुए जोर जोर से हंसने लगी. वह बहुत देर तक हसती रही, मैं जानता था कि वह मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए हंस रही है. क्योंकि मैंने चड्डी भी नहीं पहन रखी थी, मेरे लंड पर ढेर सारा साबुन लगा हुआ था. मैंने अनजान बनते हुए कहा क्या हुआ तू इतना क्यों हंस रही है? वह बोली तुम तो एकदम नंगा हो, तुमने चड्डी भी नहीं पहनी है. मैं तो जानबूझकर बाथरुम से नंगा ही बाहर आया था. लेकिन उसके देखने के लिए मैंने अपने हाथों से अपना लंड ढक लिया, नीलू बोली क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे थे? तिलचट्टा था क्या? मैंने कहा हां.
वह बाथरुम में गई और लौटकर आई तो बोली वहां तो कुछ भी नहीं है, मैं उसका हाथ पकड़ कर बाथरुम में ले जाने लगा, तो वह शर्माती हुई मेरे साथ बाथरुम में गई. मैंने बाथरूम के कोने की तरफ इशारा करते हुए कहा, यहीं पर तिलचट्टा था. वह बोली अब तो नहीं है, मैंने कहा भाग गया होगा, वह बोली तुम नहा लो तब तक मैं चाय बनाती हूं, उसके बाद वह किचन में चली गई.
में जानबूझ कर बाथरुम में टॉवेल और चड्डी नहीं ले गया था, सारे बदन को साबुन लगाने के बाद मैंने उसे फिर से पुकारा, तो वह दौड़कर आई और बोली अब क्या हुआ? मेने कहा मुझे टॉवेल ला दो. मेरा लंड अभी तक खड़ा था और अब उस पर साबुन भी नहीं लगा हुआ था, उसकी निगाहें फिर मेरे लंड पर पड़ी और वह शर्माते हुए टॉवेल लेने चली गई उसने टॉवेल लाकर मुझे दिया और किचन में भाग गई. सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक चल रहा था, मैंने टावल से अपना सारा बदन साफ किया लेकिन जानबूझकर टावल नहीं पहना.
मैंने नीलू को फिर से पुकारा तो वह दौड़कर आई और बोली अब क्या हुआ? तुम बहुत परेशान कर रहे हो. उसकी निगाह मेरे लंड पर थी, जो कि अभी तक खड़ा था. मैंने कहा मैं चड्डी भी भूल गया हूं, चड्डी ला दो. वह चड्डी लेने चली गई उसने मुझे चड्डी लाल कर दी और खड़ी होकर ध्यान से मेरे लंड को देखती रही, उसकी आंखे गुलाबी सी होने लगी, मैं समझ गया कि अब उसे भी कुछ कुछ होने लगा है, मैं चुपचाप खड़ा रहा. थोड़ी देर तक मेरा लंड देखने के बाद वह बोली और कुछ तो नहीं चाहिए? मैंने कहा नहीं और कुछ नहीं चाहिए, वह किचन में चली गई.
मैंने चड्डी को थोड़ा सा फाड़ दिया और टावेल पहन कर ड्राइंग रूम में आकर सोफे पर बैठ गया. मेरा लंड अभी तक खड़ा था और टेबल के ऊपर से साफ महसूस हो रहा था. वह चाय लेकर आई और उसने चाय टेबल पर रख दी और मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ कर चाय बनाने लगी, उसकी निगाह मेरे लंड पर टिकी हुई थी. उसने मुझे चाय दी और मैं चाय पीने लगा. वह भी मेरे लंड की तरफ ही देख रही थी, चाय खत्म होने के बाद उसने पूछा तुमने चड्डी क्यों नहीं पहनी? मैंने उसे चड्डी दिखाते हुए कहा यह तो फटी हुई है, वह बोली लाओ मैं ठीक कर देती हूं. मैंने कहा पहले तुम नहा लो, उसके बाद ठीक हो कर देना, वह बोली ठीक है.
नीलू छिपकली से बहुत डरती थी जब वह नहाने के लिए बाथरूम में चली गई तो मैं अपने रूम से एक प्लास्टिक की छिपकली ले आया और बाथरूम के दरवाजे के बाहर खड़ा हो गया, मैंने कीहोल के अंदर देखा तो वह अपने सारे कपड़े उतार कर नहा रही थी, उसका जवान और गोरा बदन देख कर मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो गया. उसकी चूत भी एकदम साफ़ थी और उस पर एक भी बाल नहीं थे, जब वह अपने बदन पर साबुन लगाने लगी तो मैंने दरवाजे के नीचे से वह छिपकली अंदर फेंक दी. वह साबुन लगाती रही थोड़ी देर बाद जैसे ही उसकी नजर छिपकली पर पड़ी तो वह चिल्लाते हुए एकदम नंगी ही बाथरुम से बाहर आ गई.
बाथरुम से बाहर आते ही उसने मुझे देखा, तो मुझसे एकदम लिपट गई. उसकी सांसे बहुत तेज चल रही थी. उसके दोनों बूब्स मेरे सीने से सटे हुए थे, उसने मुझे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया, मैं उसकी पीठ सहलाने लगा. मेरा टॉवेल खुल कर नीचे गिर चुका था और मेरा लंड उसकी चूत के पास एकदम सटा हुआ था, थोड़ी देर तक वह मुझसे लिपटी रही और मैं उसकी पीठ सहलाता रहा.
थोड़ी देर बाद वह नॉर्मल हुई तो उसे अपने नंगे होने का एहसास हुआ, उसने शरमाते हुए मुझसे कहा छोड़ दो मुझे. मैंने उसे अपनी बाहों में ही पकड़े हुए पूछा की क्या हुआ? वह बोली बाथरूम में छिपकली थी. मैंने उसे अपनी बाहों से आजाद कर दिया और उसका हाथ पकड़ कर बाथरुम में ले गया. मैंने उसे पूछा कहां है छिपकली? उसने एक कोने की तरफ इशारा करते हुए कहा वहां है छिपकली. देखते ही वह फिर से मुझसे लिपट गई, मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा और वह मुझसे एकदम चिपकी रही. मेरा लंड उसकी चूत के पास एकदम सटा हुआ था, उसके सारे बदन पर साबुन लगा हुआ था.
मैं उसकी पीठ सहलाता रहा और थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ धीरे धीरे नीचे करना शुरू कर दिया, पहले मैंने उसकी कमर को सहलाया और फिर उसके बाद में उसके चूतड़ को सहलाने लगा, वह भी थोड़ा जोश में आ गई और अपने हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी. वह कुछ बोल नहीं रही थी, नाही उसने मुझसे अलग होने की कोई कोशिश की. मैं समझ गया कि मेरा काम बन चुका है. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, उसके मुंह से केवल आह्ह्ह आवाज निकली, थोड़ी देर बाद मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डालने की कोशिश की तो उसने अपना मुंह खोल दिया. मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसके होंठों को चूसने लगा. उसने मेरी पीठ को सहलाना जारी रखा, मैंने उसकी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया, तो उसकी चूत मेरे लंड से और ज्यादा सट गई, वह भी जोश में आने लगी और उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा तुम्हारे बदन का साबुन मेरे बदन पर लग गया है, चलो हम दोनों फिर से नहा लेते हैं. मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़े हुए ही सावर के नीचे ले गया और सावर को चालू कर दिया, वह मुझसे और ज्यादा चिपक गई, थोड़ी देर बाद मैंने उसके निप्पल को मसलता शुरू कर दिया, और उसके होंठों को चूमता रहा. वह सिसकारियां भरने लगी, तो मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया. उसने जोश के मारे मेरा लंड पकड़ लिया, मैंने उससे कहा मैं तुम्हारे बदन पर फिर से साबुन लगा देता हूं, तो वह कुछ नहीं बोली. वह शर्माते हुए चुपचाप खड़ी रही और मैं उसके बदन पर साबुन लगाने लगा.
उसके सारे बदन पर साबुन लगाने के बाद मैंने जैसे ही उसकी चूत पर साबुन लगाने लगा तो वह सिसकारियां भरने लगी, उसकी चूत एकदम चिकनी थी, मैंने पूछा अच्छा लग रहा है? तो वह बोली गुदगुदी हो रही है. मैं उसकी चूत पर साबुन लगाता रहा वो सिसकारियां भरती रही, उसके मुंह से आवाज निकल गई और दो तीन मिनट में ही वह जड़ गई, उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी, मैंने उसके हाथ में साबुन देते हुए कहा तुम मेरे बदन पर साबुन नहीं लगाओगी? वह कुछ नहीं बोली और चुपचाप मेरे बदन पर साबुन लगाने लगी, वह मेरे सारे बदन पर साबुन लगा चुकी थी. तो मैंने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा इस पर लगा दो, पहले तो थोड़ा शरमाई लेकिन फिर वह मेरे सामने बैठ गई, और मेरे लंड पर धीरे धीरे साबुन लगाने लगी, उसका मुह मेरे लंड के सामने था.
उसके साबुन लगाने से मैं बहुत ज्यादा जोश में आ गया और मेरे लंड ने २-३ मिनट में ही पिचकारी चला दी, मेरे लंड का सारा चीज उसके चेहरे पर गिरने लगा. लेकिन उसने अपना चेहरा हटाया नहीं. उसने साबुन लगाना बंद कर दिया और अपनी निगाहें नीचे कर ली. मैंने कहा तुम्हारा चेहरा गंदा हो गया है मैं इसे साबुन से साफ कर देता हूं, वह बोली मैं खुद ही साफ कर लूंगी. उसने अपना चेहरा पानी से धो डाला. उसके बाद वह बोली बहुत देर हो चुकी है, अब जल्दी से नहा लो, मैंने कहा जल्दी क्या है मेरी जान? वह बोली अभी घर का सारा काम पड़ा है, मैंने कहा ठीक है नहा लेते हैं. उसके बाद हम दोनों नहाने लगे, नहाते समय मैंने उसके सारे बदन पर हाथ फेरते हुए उसके बदन के साबुन को साफ किया. उसने भी मेरे सारे बदन पर हाथ फिराते हुए मेरे बदन का साबुन साफ कर दिया. इस बार बिना कुछ कहे ही नीलू ने मेरे लंड पर लगा हुआ साबुन भी अपने हाथों से साफ कर दिया.
नहाने के बाद मैंने उसे अपनी बाहों में उठा कर अपने बेडरूम में ले आया और बेड पर लेटा दिया. हम दोनों अभी तक एकदम नंगे ही थे. वह बोली घर का सारा काम पड़ा है, अब जाने दो ना मुझे. मैंने कहा जल्दी क्या है नीलू? घर का काम तो बाद में भी हो जाएगा. मैं उसके बगल में लेट गया और उसके निप्पल को धीरे धीरे मसलने लगा. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया वह भी मेरे पीठ को सहलाने लगी थोड़ी देर बाद मैंने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया तो वह चुपचाप मेरा लंड सहलाने लगी, और मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.. वह जोश में आकर सिसकियां भरने लगी और मुझे चिपक गई. मैं उसकी चूत को सहलाता रहा और वह मेरा लंड सहलाती रही.
थोड़ी देर बाद वह ज्यादा जोश में आ गई तो उसकी चूत एकदम गीली हो गई, मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी, तो वह मेरी जीभ को चूसने लगी. मैं उसकी चूत को सहलाता रहा, थोड़ी ही देर में वह जोर जोर से सिसकियां भरने लगी. मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, तो उसने एक जोर की आह भरी. मेरी उंगली उसकी चूत में एकदम टाइट थी, मैं अपनी उंगली उसकी चूत में डाल कर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, तो वह जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी. और तीन चार मिनट बाद ही जड़ गई.
फिर मैं उसके ऊपर 69 की पोजिशन में हो गया, मैंने नीलू से अपना लंड चूसने को कहा, तो उसने मना कर दिया. मैंने कहा कोई बात नहीं है, मत चुसो. मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ फिराने लगा, वह पहले से ही बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी. और मेरी जीभ फेरने से वह आहें भरने लगी. कुछ ही देर बाद नीलू ने अपने आप ही मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी, मेरा ७ इंच का गोरा लंड टाइट होकर एकदम लोहे जैसा हो चुका था, मैंने अब देर करना ठीक नहीं समझा.
मैं उसके ऊपर से हट गया और उसकी टांगों के बीच में आ गया. मैंने अपने लंड का सुपाड़ा ठीक  उसकी चूत के पीछे रखा, तो उसने जोर की आह भरी, मैंने उसकी टांगों को पकड़कर दूर फैला दिया. मेरा लंड और उसकी चूत पहले से ही मिली थी, जैसे ही मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो उसके मुंह से जोर से  अआझ्ह ओह्ह हहह ओह्ह निकल पड़ी, मेरा लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस चुका था, मैंने कहा क्या हुआ? तो वो बोली बहुत दर्द हो रहा है, मेने कहा पहली पहली बार होता है, बाद में नहीं होगा. और फिर खूब मजा आएगा, वह कुछ नहीं बोली.
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसके होंठों को चूमते हुए थोड़ा सा जोर और लगाया इस बार उसके मुंह से जोर की चीख निकल गई और मेरा लंड उसकी चूत में २ इंच तक घुस गया, उसकी आंखों में आंसू आ गए, तो मे रुक गया. मैंने उसके पैरों को छोड़ दिया और उसके बूब्स को सहलाते हुए उसके होठों को चूमने लगा. थोड़ी ही देर में वह शांत हो गई, तो मैंने थोड़ा जोर और लगाया इस बार वह और जोर से चींखी और मेरा लंड उसकी चूत में ३ इंच फस गया, वो दर्द से तडपने लगी, उसके चेहरे पर पसीना आ गया, मैंने अपना लंड और ज्यादा अंदर घुसाने की कोशिश नही की. फिर मैंने उसके होंठों को चूमते हुए अपना लंड उसकी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरु कर दिया, वह अभी कुंवारी थी और मेरा लंड उसकी चूत में बहुत ज्यादा टाइट था, कुछ देर तक वह चीखती रही. फिर बाद में वह धीरे धीरे शांत हो गई.
थोड़ी देर बाद उसे मजा आने लगा, तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए, ५ मिनट में ही वह बहुत ज्यादा जोश में आ गई, उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और वह जड़ गई, उसके जड़ जाने से उसकी चूत और मेरा लंड एकदम गीला हो गया. मैं भी पहली बार किसी लड़की की चुदाई कर रहा था और बहुत ज्यादा जोश में आ गया था. मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो मेरा लंड नीलू की चूत में ४ इंच तक घुस गया, इस बार वह ज्यादा नहीं चींखीकी उसके मुंह से उफ्फ्फ.. राजू.. धीरे की आवाज ही निकली. मैंने और ज्यादा लंड घुसाने की कोशिश नहीं की और धक्के लगाते हुए निलू को चोदने लगा.
लगभग १०  मिनट की चुदाई के बाद वह जब दूसरी बार झड़ गई, तो मैंने पूछा अब कैसा लग रहा है? उसने शरमाते हुए कहा बहुत मजा आ रहा है, मैंने कहा अभी तो मेरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर केवल चार इंच ही घुसा है, जब मैं अपना पूरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर घुसा दूंगा तो और ज्यादा मजा आएगा, उसने अपना पैर मेरे कमर पर लपेट रखा था और मेरे होठों को चूम रही थी, मैं भी बहुत ज्यादा जोश में आ चुका था, और बहुत तेजी के साथ नीलू को चोद रहा था.
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