मेरी मम्मी दिखने में बड़ी सेक्सी और सुन्दर हे. और उसके साथ काम करनेवाले सभी उसको बहुत लाइन मारते हे. मेरी मम्मी को उसके ऑफिस के आने के बाद भी अक्सर काम के लिए कॉल आते रहते हे. पर एक कॉल आता हे जो मेरे मन में डाउट क्रिएट करता हे. जब वो कॉल आता हे तो माँ की आवाज धिर्मी हो जाती हे और वो खोपचे ढूंढने में लग जाती हे. मुझे अपनी मम्मी के ऊपर शक होने लगा था.
कुछ दिनों के बाद मेरी मम्मी को मैंने एक फोन उसकी बर्थ डे पर गिफ्ट दिया. और उसे पता नहीं था की मैंने उसके अन्दर एक रिकार्डिंग एप्प डाल रखी थी. और वो एप्प का स्टोरेज गूगल ड्राइव में होता था. मैं मम्मी के हरेक फोन का रिकार्डिंग सुनने लगी थी. एक दिन माँ को एक मर्द का कॉल आया था और वो बार बार उसको बहार मिलने के लिए कह रहा था, पर मम्मी ने उसे मन कर दिया.
फिर उस आदमी ने कहा की होटल में डर लगता हे वो मैं मानता हूँ लेकिन मेरे घर तो आ सक्तो हो ना?
मम्मी घर पर चलने के लिए रेडी हो गई. मैंने सोचा की अपनी मम्मी की स्कैंडल पकड़ने का इस से अच्छा मौका मुझे नहीं मिलेगा. जो समय वो दोनों ने तय किया था तब मेरी मम्मी बन थन के छिनाल बन के घर से निकल गई. और उसको पता ना चले वैसे मैं भी उसके पीछे पीछे. बहार रोड के स्टॉप पर से माँ एक आदमी के साथ हो गई और उसके साथ उसके घर में घुसी. वो दोनों घर के अंदर गए. मैंने एक खिड़की देखी तो वो खुली हुई थी. मैं उसके अन्दर से कूद के घर में घुसा, वो दोनों दुसरे कमरे में थे और मैं दुसरे कमरे में.
वो आदमी मम्मी के कंधे में अपने हाथ डाल के बैठा हुआ था. वो मम्मी के गालों के ऊपर किस दे रहा था और उसके बूब्स को भी दबाने लगा था. मम्मी ने उसे कहा, आज मेरा मूड नहीं हे फिर करेंगे.
उसने मम्मी के बाल पकडे और बोला, खड़े लोडे के ऊपर धोखा मत करो प्लीज़.
और फिर उसने मेरी मम्मी को बिस्तर में डाल दिया और वो उसके ऊपर चढ़ गया. मम्मी के बूब्स फिर से उसके हाथ में थे जिसे वो मसलने लगा था. मम्मी खड़ी हुई और चुदने के लिए उसने साडी उतार दी. मम्मी कुछ ही पलों में पूरी न्यूड हो गई और वो आदमी खुद भी पूरा नंगा हो चूका था. माँ अब बिस्तर में लेट गई थी. मम्मी के बाल खुले थे और वो चुदने के लिए रेडी थी.
अब वो आदमी मम्मी के ऊपर चढ़ आया और फिर से उसेक पुरे बदन को मसलने लगा और उसको प्यार करने लगा. फिर उसने अपना बड़ा लंड मम्मी के हाथ में पकड़ा दिया और माँ उसके लंड को धीरे धीरे से मसल रही थी. उसने कहा: आज मेरी रानी का मूड कुछ ठीक नहीं लग रहा हे!
मम्मी ने कहा नहीं ऐसे तो नहीं हे?
वो बोला, फिर अभी तक मेरे लंड के ऊपर तुम्हारा थूंक नहीं लगा!
माँ ने निचे झुक के इस बड़े लंड के ऊपर अपनी जीभ को टच किया और वो उसके सुपाडे को सक करने लगी. फिर मम्मी ने लंड को आधा अपने मुहं में भर लिया और सकिंग करने लगी. मम्मी के बाल पकड़ के इस आदमी ने कहा, माउथ चोदता हूँ मेरी रानी का.
मम्मी ने ये सुनते ही अपना गला खोल दिया जैसे. वो आदमी ने कस कस के अपने लंड को मम्मी के मुहं में ठोका और चोदने लगा. मम्मी को पूरा लंड मुहं में घुसने से दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी वो मजे से सक कर रही थी. माँ के गले तक लंड को घुसेड के वो आदमी उसे वापस निकाल लेता था.
अब उसने अपने लंड को मम्मी की चूत से निकाला. और वो अपने लोडे को तेल पिलाने लगा. मम्मी ने भी अपनी टाँगे खोल दी थी लोडा लेने के लिए. वो मम्मी के ऊपर आ गया और अपने लंड को उसने चूत के ऊपर लगा दिया. एक हलके से धक्के में ही उसका लंड मम्मी की चूत में आरपार सा हो गया. मम्मी के मुहं से हलकी आह निकली और वो उस आदमी के गले से लिपट गई. उसने एक और धक्का दे के अपने पुरे लंड को मम्मी की पुसी में घुसा दिया. तेल लगा हुआ था इसलिए लंड आराम से घुस गया था! पूरा लंड चूत में लेने से मम्मी को दर्द हो रहा था. वो उस आदमी की कमर के ऊपर नाख़ून गड़ा रही थी और वो आदमी अपनी कमर को हिला के मम्मी की चूत मारने लगा था.
मम्मी के मुहं से अह्ह्ह अह्ह्ह ओह ओह उईइ माँ अहह की आवाजें निकल रही थी. और वो आदमी बड़ी स्पीड से अपने लंड को चूत में अन्दर बहार करने लगा था. उसकी स्पीड धीरे धीरे बढती ही जा रही थी. और फिर एक मिनिट की चुदाई के बाद ढेर सारा वीर्य निकाला उसने मम्मी की चूत में और चूत के ऊपर भी. वासना की आग में सुलगती हुई माँ ने अपने बूब्स को दबाये और उसको शांति मिल गई जैसे वीर्य के झड़ने से!
फिर मम्मी वहां से उठ के बाथरूम की तरफ चली गई. कुछ देर में वो आई तो उसने अपने पुरे बदन के ऊपर पानी डाला हुआ था. शायद उसने चूत में से वीर्य को पानी डाल के निकाल लिया था. हालांकि उसने अपने बाल नहीं भिगोये थे. फिर वो आदमी मम्मी से बातें करने लगा.
मम्मी: आप ऑफिस में प्लीज़ दुरी बना के रखें मेरे से. बहुत लोगों को हमारे ऊपर शक हो गया हे.
वो आदमी: मजाल हे कीसी की जो करन शर्मा और उसकी रानी को कुछ कहे!
अच्छा तो ये करन अंकल था जो मेरे पापा का दोस्त और मम्मी का कलिग था.
मम्मी: आप प्लीज़ लड़ना मत किसी से, लेकिन हम ऑफिस में थोडा फासला रखेंगे. आप को जो चाहिए वो तो मैं दे ही देती हूँ ना!
करन अंकल: चलो ठीक हे मेरी जान को जैसे ठीक लगे! लेकिन मुझे मिलती रहना, पिछले एक महीने से तुम्हारे नाटक बढ़ने लगे हे.
हां बाबा आती रहूंगी.
फिर मम्मी ने अपना पर्स उठाया और मैं वो खिड़की से फट से भाग निकली. और उस घर के सामने एक बड़ा पेड था उसके पीछे छिप गई. मम्मी के जाने के बाद 5 मिनट तक मैं छिपी रही. और फिर अपने घर चली गई!