चाची को पटाकर पटना में चोदा antrwasna

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अब मेरी छुट्टियाँ शुरू हो चुकी थी और में अपने चाचा के यहाँ रहने जा रहा था. फिर में वहाँ पहुँचा तो मुझे पता लगा कि चाचा और उनकी बेटी एक हफ्ते के लिए शादी में कहीं बाहर गये थे, तो मैंने मन में सोचा कि मजा आ गया, अब चाची और में अकेले घर में थे. खैर फिर में वहाँ पहुँचा और मैंने डोर बेल बजाई, तो चाची दरवाजा खोलने आई. चाची बहुत सेक्सी लग रही थी और उन्होंने सूट पहना हुआ था और उनके बूब्स बहुत मोटे-मोटे हो गये थे.
फिर मुझे देखकर चाची ने एक स्माइल पास की और अंदर आने को कहा, तो में अंदर आ गया. अब में गेस्ट रूम में बैठा था और चाची अंदर किचन में कोल्डड्रिंक लाने चली गयी थी. फिर थोड़ी देर बाद चाची कोल्डड्रिंक लेकर आई और मेरे पास में सोफे पर बैठ गयी. फिर वो मुझसे पूछने लगी कि घर में सब कैसे है? तो मैंने कहा कि सब ठीक है और फिर हम बहुत देर तक बातें करते रहे.
अब शाम हो चुकी थी, अब चाची खाना बना रही थी और में टी.वी देख रहा था. फिर थोड़ी देर में रात हो गयी, फिर हमने साथ में खाना खाया और खाना खाने के बाद मैंने चाची से पूछा कि में कहा सोऊंगा? तो चाची ने कुछ सोचने के बाद कहा कि तुम मेरे रूम में ही सो जाओ. फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर हम सोने के लिए रूम में चले गये.
अब चाची मेरी साईड पीठ करके सोने लगी थी. अब में उनकी मोटी गांड को देख रहा था और अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, अब मेरा मन मुठ मारने का कर रहा था. फिर में उठकर बाथरूम में जाने लगा, तो चाची उठ गयी और बोली कि कहाँ जा रहा है? तो मैंने कहा कि टॉयलेट करने, तो वो फिर से सो गयी. फिर में बाथरूम में पहुँचा और अपना लंड पजामे से बाहर निकाल लिया.
अचानक से मैंने देखा कि वहाँ बाथरूम में चाची की ब्रा और पेंटी पड़ी है, तो मैंने उन्हें अपने हाथ में उठाया और अपने लंड पर लगाने लगा. फिर मैंने सोचा कि चाची तो सो रही है, क्यों ना रूम में जाकर चाची को देख-देखकर मुठ मार लूँ? तो में वापस रूम में आ गया और अपनी जगह पर लेट गया. फिर मैंने बहुत हिम्मत करने के बाद अपना एक हाथ चाची की कमर पर रखा और अपनी एक टाँग चाची की टाँगो पर रख दी.
फिर मैंने अपना एक हाथ धीरे-धीरे उनके बूब्स की तरफ बढ़ाया, तो अचानक से चाची साईड बदलने लगी, तो मैंने अपना हाथ हटा लिया. अब चाची मेरी साईड अपने बूब्स करके सो रही थी. अब मेरा लंड खड़ा था और अब मेरा एक हाथ मेरे पजामे के अंदर मेरे लंड पर था और में अपने दूसरे हाथ से चाची के बूब्स आराम-आराम से दबा रहा था. फिर अचानक से चाची की आँखें खुल गयी तो मैंने अपना हाथ वापस हटाया और बोलने लगा कि चाची सॉरी गलती हो गयी, आगे से कभी ऐसा नहीं होगा, सॉरी. फिर चाची ने कुछ नहीं कहा और फिर से सोने लगी.
अब में भी अपनी आँखें बंद करके सोच रहा था कि कल सुबह क्या होगा? तो तभी अचानक से चाची की आवाज़ आई तूने मेरे बूब्स दबाने बंद क्यों किए? तो यह सुनकर तो में हैरान रह गया कि चाची यह भी बोल सकती है. फिर मैंने कहा कि चाची आपके बूब्स बहुत मोटे है, तो चाची बोली कि चल अब शुरू हो जा. फिर तभी में अपने दोनों हाथ उनके बूब्स पर रखकर दबाने लगा.
अब चाची आआआअहह, आहहहहह कर रही थी, तो तभी चाची ने अपने हाथ से मेरा पजामा नीचे करके मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे दबाने लगी. फिर मैंने अपने एक हाथ से चाची की सलवार खोली और उनकी पेंटी के अंदर अपना एक हाथ मारने लगा. उनकी चूत पर कुछ बाल थे और उनकी चूत बहुत गर्म थी. फिर चाची बोली कि मेरे कपड़े उतार दे. फिर मैंने चाची की सलवार कमीज उतारकर चाची को नंगा कर दिया.
अब में चाची की ब्रा नीचे करके उनके बूब्स चूसने लगा था. अब वो चिल्ला रही थी आआहह और जोर से, आआआहह, उऊउ. फिर मैंने उनकी पेंटी उतारी तो वो बिल्कुल गीली हो चुकी थी. अब चाची भी मेरे लंड को उसी तरह दबा रही थी. फिर मैंने चाची को लेटाया और उनकी चूत में अपना खड़ा लंड डाल दिया और झटके मारने लगा. फिर थोड़ी ही देर में मेरा पानी उनकी चूत में निकल आया और में वापस लेट गया.
अब चाची और में बिल्कुल नंगे लेटे थे. फिर चाची बोली कि कपड़े पहन ले, तो मैंने अपने कपड़े पहन लिए. फिर थोड़ी देर में चाची बोली कि अभी बिल्कुल भी मज़ा नहीं आया, मज़ा तो तब आएगा जब तू आराम-आराम से मेरे बूब्स को चूसेगा और फिर में तेरा लंड अपने मुँह में लूँगी और फिर तू मुझे चोदेगा, अब में चाची की बातें सुनकर हैरान था. फिर चाची बोली कि अब हम रोज सारा-सारा दिन सेक्स किया करेंगे.
अब मुझे सुबह का इंतज़ार था, खैर फिर सुबह हुई और फिर में उठा तो चाची किचन में थी, तो में उठते ही किचन में चला गया और चाची को पीछे से पकड़ लिया. फिर में अपना लंड उनकी गांड पर रगड़ने लगा. अब उनके दोनों बूब्स मेरे हाथों में थे, तो वो बोली कि नहीं अभी नहीं, पहले नाश्ता कर लो फिर करना, तो में इंतजार करने लगा. अब ब्रेकफास्ट करते वक़्त भी में इसी बारे में सोच रहा था कि चाची को किस तरह चोदूंगा? फिर नाश्ता पूरा हुआ तो मैंने कहा कि चलो चाची आपने कहा था नाश्ता करने के बाद करना.
फिर चाची बोली कि बेडरूम में चल, में बर्तन रखकर आती हूँ. तो में रूम में चला गया और मैंने रूम में जाते ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया. फिर थोड़ी देर में चाची अंदर आई और अंदर आते ही चाची ने दरवाजा बंद कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगी. फिर पहले कमीज उतारी, फिर सलवार और फिर अपनी ब्रा-पेंटी उतारकर बिल्कुल नंगी हो गयी. अब में बेड पर सीधा लेटा हुआ था.
फिर वो भी मेरे पास आ गयी और मेरे ऊपर लेटने लगी, तो मैंने उनके होंठो को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा. अब चाची का एक हाथ मेरे लंड पर था और अब वो उसे आगे पीछे कर रही थी. फिर मैंने चाची के दोनों बूब्स को अपने हाथ में ले लिया और उन्हें चूसने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद चाची ने कहा कि मुझे तेरा लंड चूसना है, तो मैंने अपना मुँह उनके बूब्स से हटाया और उनका मुँह अपने लंड पर लगा दिया.
अब चाची मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी कि मानो उन्होंने लंड पहली बार देखा हो. अब बहुत देर हो चुकी थी, लेकिन चाची मेरे लंड को छोड़ ही नहीं रही थी. फिर मैंने कहा कि चाची अब छोड़ दो, में भी इंसान हूँ, तो चाची ने अपना मुँह हटा लिया. फिर मैंने चाची को सीधा लेटाया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया और जोर-जोर से झटके मारने लगा. फिर थोड़ी ही देर में मेरा पानी उनकी चूत में ही निकल गया.
अब में ठंडा हो गया था, लेकिन चाची की आग अभी तक नहीं बुझी थी. फिर मैंने कहा कि थोड़ी देर में खड़ा हो जाएगा तो चाची बोली कि चल नहाते है, अब हम दोनों नंगे ही बाथरूम में घुस गये थे. फिर मैंने शॉवर ऑन किया और नहाने लगे. फिर मैंने चाची को बाथरूम में भी चोदा और चोदने के बाद चाची मेरे लंड को अपने मुँह में लेने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद में और चाची बेड पर चले गये और चाची नंगी ही उठकर बेडशीट ले आई और फिर हमने हनीमून मनाया और खूब मजा किया.
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