शालिनी अपने बाल सूखा के निचे आई तो उसका नया बिहारी नोकर सत्यवान उसे ही देख रहा था. ये नोकर के मन में कुछ खोट और चोर हे वो पहले दिन से ही शालिनी समझ रही थी. लेकिन वो भी कौन सी सावित्री थी जो उसे शर्म आती. वो तो जानबूझ के इस जवान नोकर के सामने अपने बदन की नुमाइश कर रही थी. वो जानती थी की नोकर को लटके झटके दिखाए तो उसके अन्दर के सेक्स के लावे को उबाला जा सकता था. नाइटी, गाउन, पहन के वो अक्सर दोपहर में निचे आती थी, जब घर में सिर्फ उसकी बूढी सास, शालिनी और ये नया नोकर होता था.
इस हॉट भाभी शालिनी ने कुछ दिन में तो नोकर के अन्दर वासना की आग को भड़का दिया था. एक दिन की बात हे सासु माँ निचे सो रही थी. शालिनी ने एकदम टाईट ब्लाउज पहना था और उसके ऊपर ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन के वो सीड़ियों के पास आ खड़ी हुई. सत्यवान डाइनिंग टेबल के पास खड़ा हुआ फ्लावर पॉट को अपने गंदे गमछे से साफ़ कर रहा था. शालिनी ने उसे देखा और पूछा, माँ जी कहा हे?
सत्यवान ने गले में तम्बाकू के थूंक को निगल के कहा, वो तो कब से सो गई हे मेडम?
शालिनी: आज उन्के पाँव नहीं दबाये?
सत्यवान: दबाये ना!
शालिनी: मेरे पाँव भी कभी कभी दबा दिया करो!
ये कह के जब शालिनी ने सत्यवान को देखा तो उसकी आँखों में वासना थी. शालिनी हंस पड़ी. सत्यवान अभी कुछ कहता उसके पहले तो निचे उतर आई. नजदीक से सत्यवान को इस सेक्सी भाभी के ब्लाउज में आया हुआ उभार और निपल्स की अकड साफ़ दिख रही थी. वो बूब्स को ही ताड़ रहा था. शालिनी ने कहा, क्या हुआ?
सत्यवान ने हिम्मत जुटा के कहा: आप जब कहो तब आप के भी पाँव दबा देंगे हम!
शालिनी ने कहा: चलो फिर उपर.
मालकिन आगे आगे और उसका नोकर पीछे पीछे चल पड़ा. शालिनी की गांड कुछ एक्स्ट्रा ही मटक रही थी आज. एक कुल्हा कभी आगरा हिलाता था तो दूसरा दिल्ली में भूकंप ले आता था. कमरे में घुसते ही शालिनी बिस्तर के ऊपर लेट गई. सत्यवान उसके पैर के पास बैठा. शालिनी ने अपने पैर को सत्यवान की जांघ पर रख के कहा: दबाओ.
सत्यवान के माथे पर पसीना आ गया. शालिनी को सब पता था इसलिए वो कुछ नहीं बोली. धीरे धीरे से वो जांघ को दबा रही थी और फिर एक मिनिट में तो उसने नोकर के लंड पर अपनी पांव की एडी को रख दी. सत्यवान ने बहुत दिनों से किसी चूत को नहीं चोदा था. बिहार से वो काफी दूर था अभी और रंडियों के भाव भी आसमान पर थे इसलिए हाथ से ही हिला लेता था. और आज जब मालकिन ने लंड के ऊपर ऐसे छू लिया तो उसके अन्दर की आग जैसे एकदम से उभर पड़ी. पहले तो उसे लगा की शायद मालकिन का कुछ ऐसा इरादा नहीं हे. और पाँव ऐसे ही लंड को टच कर लिया.
लेकिन फिर जब शालिनी लंड को पाँव की एडी से हिलाने लगी तो सत्यवान समझ गया की अब तो भाभी लंड लेने के लिए ही सब कुछ कर रही हे!
उसने खड़े हो के शालिनी को दोनों कंधे से पकड के ऊपर किया और बोला: लेना हे तो सीधे सीधे कह दो भावनाओं को मत भड़काओ भाभी!
शालिनी ने कहा, निकालो फिर उसे!
सत्यवान ने अपने लंड को जैसे ही बहार निकाला शालिनी ने उसे अपने हाथ में ले लिया और हिलाने लगी.
शालिनी: हथियार तो बड़ा हे तुम्हारा, कितनो को चोदे हो?
सत्यवान की लाळ टपक रही थी वो शालिनी के चुन्चो को अपने हाथ से पकड के बोला: चौदाह साल के थे तभी से चोदते आये हे. चूत मिली तो चूत नहीं तो गांड भी.
शालिनी: किसी मालकिन को चोदे हो?
सत्यवान: जो भाभी ने आप को हमारी सिफारिश की उसने ये नहीं बताया की वो रोज दोपहर को हमारा लेती थी?
शालिनी: अच्छा, गौतमी इतनी हॉट हे साली! उसने तो मुझे कहा की दोपहर में मालिश सालिश भी कर देगा ये भैया!
सत्यवान: भैया गांड भी मारता हे और चूत भी फाड़ता हे!
शालिनी ने अपनी नाइटी हटा दी और अपने ब्लाउज को खोल दिया. सत्यवान ने उसके बड़े बूब्स को देखे तो उसके अन्दर की आग और भी भड़क उठी. उसने शालिनी को अपनी बाहों में ले के उसके बूब्स के ऊपर अपने होंठो को लगा दिया और जोर जोर से चूसने लगा. शालिनी आह्ह्ह्ह अह्ह्ह कर रही थी और सत्यवान ने अपने हाथ को मालकिन के बुर पर रख के हिलाना चालू कर दिया. शालिनी की चूत डायरेक्ट ही हाथ में आ जाती अगर पेंटी ना होती.
सत्यवान ने पेंटी के अन्दर अपने हाथ को डाला और वो बूब्स को चूसते हुए चूत हिलाने लगा. इधर शालिनी ने भी अपने हाथ को सत्यवान के लवडे के ऊपर रख के दबाया और वो उसके बड़े हथियार के साथ खेलने लगी. सत्यवान का एकदम लम्बा हो चूका था. तभी उसने शालिनी को किस करनी चाही लेकिन शालिनी पीछे हट गई और बोली.
शालिनी: होंठो पर नहीं ठीक हे, बाकी सब जगह चाट लो.
सत्यवान ने कहा: आप का भोस ही खिला दो मुझे मालकिन.
शालिनी ने अपनी पेंटी खोली और वो बिस्तर के उपर अपनी दोनों टांगो को खोल के बैठ गई. उसका ये नोकर निचे उसकी चूत के उपर आ गया और अपने होंठो से वो शालिनी की कडक और प्यासी चूत को चूसने लगा. शालिनी को भी बड़ा मजा आ रहा था और वो सिसकियाँ रही थी. सत्यवान ने अब अपनी एक ऊँगली चूत में डाली और हिलाने लगा. शालिनी की सिसकियाँ बढती ही चली गई. कुछ देर चूत को चूसने के बाद नोकर ने कहा: अब डाल दू अन्दर?
शालिनी ने कहा: जल्दी से डालो और कस कस के मेरी चूत चोदो.
सत्यवान ने अपने लौड़े को शालिनी की चूत पर टिका दिया. और फिर उसकी जांघो के ऊपर हाथ फेरते हुए पेनेट्रेट कर दिया. लंड की गर्मी ने शालिनी को एक अजीब सी ठंडक दे दी चूत के अन्दर. वो आह आह अह्ह्ह कर रही थी और सत्यवान ने धीरे धीरे कर के अपने पुरे लंड को चूत में पेल डाला. वो अब शालिनी को कंधे के ऊपर, कान के ऊपर, गले के पिछले हिस्से में और टमी के ऊपर चूसते हुए उसकी प्यासी चूत को चोद रहा था.
पति के मुकाबले ये लंड ऑलमोस्ट दो गुना बड़ा था इसलिए शालिनी को अलग ही मस्ती चढ़ी हुई थी. वो अपनी कमर को हिला के नोकर के लंड के ऊपर चूत को घिस रही थी. और सत्यवान जोर जोर से धक्के लगा रहा था मालकिन के भोसड़े के अन्दर.
शालिनी की कमर के निचे हाथ डाल के सत्यवान ने उसे ऊपर को उठा लिया. और फिर धक्के दे दे के मस्त चोदने लगा उसे. शालिनी की चूत में डीप तक लंड जा रहा था और बच्चेदानी से घिसता था तो अलग ही प्लेजर मिलता था उसे.
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद अब नोकर ने शालिनी को घोड़ी बना दिया. फिर पीछे से उसने अपने लोडे को मालकिन की चूत में डाला. अब तो शालिनी को और भी डीप तक लंड का अहसास हो रहा था. वो अपनी गांड को जोर जोर से हिला रही थी और लंड के मजे लुट रही थी. सत्यवान ने कूल्हों को पकड रखा था और वो कस कस के चूत को ठोक रहा था. उसका लंड पूरा 8 इंच का था और चूत की सब मसल को उसने मचला सा दिया था.
तभी सत्यवान ने निचे झुक के कहा, पीछे डाल दूँ?
शालिनी: बहुत दर्द होगा ना!
सत्यवान: पहले पहले थोडा सा होगा लेकिन एक बार पीछे लोगी तो रोज कहोंगी की सत्यवान मेरी गांड मारो!
शालिनी: अगर बहुत दर्द हुआ तो नहीं करने दूंगी.
सत्यवान कटोरी में किचन से तेल ले आया और उसने अपने लंड के ऊपर लगा दिया. शालिनी की दोनों टांगो को उसने मोड़ के उसके पेट तक ले जा के उसके हाथो में पकड़ा दिया. निचे उसकी गांड एकदम खोल दी थी मस्त घुस सकें उसके लिए. फिर उसने शालिनी की गांड पर भी तेल लगा दिया. शालिनी को धीरे से धक्का लगा लंड के ऊपर और सिर्फ सुपाड़ा अन्दर गया था. लेकिन उसके हाल बेहाल हो चुके थे. आज तक उसने कभी भी गांड नहीं मरवाई थी और लंड के अन्दर जाते ही उसे बड़ा गरम और एकदम दर्दभरा अहसास हो रहा था. शालिनी के बूब्स को पकड़ के सत्यवान रुक गया. उसने सिर्फ सुपाडे को अन्दर रहने दिया और लंड के डंडे को वो तेल पिलाने लगा. एकाद मिनिट के बाद शालिनी को थोडा दर्द कम हुआ तब सत्यवान ने एक और धक्का मारा. अब उसका लंड आधा गांड में घुस गया. शालिनी ने सत्यवान की जांघो को उल्टा धक्का मारा जैसे की उसे लंड गांड से बहार निकाल देना हो. लेकिन इस बिहारी नोकर की पकड कमजोर नहीं थी. वो अड़ा रहा अपने गांड चोदन के स्टेप पर!
शालिनी को दर्द तो हो तह था लेकिन अब उसे मजा भी आ रहा था. सेक्स हे ही ऐसा, एक जैसा करो तो सब कुछ ठीक हे. कुछ नया करो तो रोमांच रहता हे सेक्स के अन्दर. इसलिए डॉक्टर लोग भी कहते हे की एक पोज में रेग्युलर सेक्स भी न करें. थोडा बहुत बदलाव रहना चाहिए.
सत्यवान धक्के देता गया और कुछ देर में उसके लंड से वीर्य झाग के जैसे निकल के शालिनी की गांड में बह निकला. शालिनी को बड़ा मजा आ गया था आज गांड में ले के भी.
सत्यवान ने लंड बहार निकाला और वो निचे बैठ गया. शालिनी भी 20 मिनिट तक उठ नहीं पाई अपनी जगह से.
इस बिहारी नोकर से फिर तो शालिनी रोज दोपहर को मसाज करवाती थी और अपने भोसड़े की प्यास भी बुझवाती थी. बिच बिच में सत्यवान शालिनी की गांड भी पेलता रहता था.