हर साल गर्मियों की छुटियो में में अपने नाना के घर जाया करता था. वहा लगभग हम लोग अपनी सारी छुटिया बिता देते थे. मुझे मरे मामा के घर में बहोत अच्छा लगता था. क्योंकि मुझे गाव का खाना और मौसम सब अच्छे लगते थे. मेरे मामा के गाव में उनके बहोत बड़े बड़े खेत हे और में हमेशा मेरे मामा के साथ खेत पर जाकर बहोत ही ज्यादा मस्ती करता था. एक समर में हम लोग नाना के यहा गये. वहा करीब एक मंथ हो गया रहते हुए. और वहा काफी बोर हो गया था. क्युकी उस वक्त मेरी ऐज सिर्फ १८ साल थी, और मेरी ऐज का ओर दूसरा कोई नही था.
यहा तो सब लोग काफी बड़े थे, या काफी छोटे थे.
एक दिन मेरे मामी जी को उनके घर से लेटर आया के उनको वहा बुलाया गया है. उनके गाँव में कोई शादी थी. मेरे मामा जी एक गवरमेंट जॉब करते थे. वो उनके साथ नही जा सकते थे. क्योंकि उन्हें उनके बोस शादी के लिए छुट्टी नही दे थे थे. तो उन्हों ने बोला की वो मुझे ले जाए अपने साथ. में वैसे भी वहा बोर हो गया था. और मेने हा बोल दिया. उनके दो लड़के थे. और उनके स्कुल चालू थे. तो वो साथ नही जा सकते थे. तो मुझे वहा जाना पड़ा.
अगले दिन हम दोनों उनके घर पहोच गये. में पहले उनके घर कभी नही आया था. तो मुझे पता नही था के उनके फॅमिली में कितने लोग होंगे. जब में वहा पहुचा तो देखा के उनकी फॅमिली काफी बड़ी है. मेरे मामी जी के दो भाई है. एक बडा और एक छोटा भाई. बड़े भाई को एक लड़की थी प्रियंका, और छोटे भाई को एक लड़की थी विद्या और एक लड़का था राहुल. तीनो बच्चे मेरे से सिर्फ एक या दो साल बड़े थे.
पहले दिन तो मुझे काफी शर्म आ रही थी उन से बात करने में. मगर एक दो दिन बाद काफी घुल मिल गया. हम सब रात को छत पर जाकर सोते थे. और एक दुसरे को कहानिया सुनते थे. मुझे अब वहा पर बहोत मजा आने लगा और मुझे अब लग रहा था की में मामा के घर जाने की जगह यहाँ पर आया होता तो बहोत अच्छा होता. क्योंकि यहाँ पर मेरे साथ खेलने के लिए मेरी उमर के बहोत बच्चे थे और में सब के साथ बहोत मस्ती करता था.
हमारे बगल में एक तरफ मामी जी के सबसे बड़े वाले भाई अपनी वाइफ के साथ सोते. ताकी कोई हम मे से रात में उठ कर इधर उधर न चले जाये. में उनकी वाइफ को भी मामी कह कर बुलाता था.
एक रात में जब सो रहा था, तो मेने महसूस किया के किसी ने मेरा हाथ बहुत जोर से पकड़ रखा है. पहले तो में इग्नोर कर के सोने लगा. पर देखा की पकड़ काफी मजबूत हो गयी है. तो मेरी आँख खुल गयी.
मेने देखा की मामी जी ने नींद में हाथ पकड़ रखा है. और उनके ब्लाउस के बटन खुले हुए है. और अपने होठो को दांत में दबा रही थी. उनकी आंखे बंद थी. मगर वो हिल रही थी. मुझे तो थोडा सेक्स के बारे में पता है. थोडा तो मुझे पता चल गया के शायद मामा जी पीछे से चोद रहे है.
मेने अपनी आंखे खुली रखी और ये नजारा देखता रहा. मामी जी ने थोड़ी देर बाद नींद से आँखे खोल दी. शायद यह देखने लिए के कोई जाग तो नही रहा है. मामा जी अभी भी चोद रहे थे. जैसे ही उन्हों ने अपनी आँख खोली, वो कुछ बोलने जा रही थी, तो मेने अपना दूसरा हाथ उनके मुह पर रख दिया.
मामी जी ने नींद में कोई रिएक्शन नही दिया. उसके बाद यह देखकर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया. करीब २ मिनिट तक देखता रहा ये सब, मगर जब मुझ से नही रहा गया तो मेने मामीजी का हाथ अपने लंड के पास लाया और रगड ने लगा. मामीजी समज गयी मेरा इशारा और उन्हों ने पेंट का ज़िप खोल कर हाथ अंदर दाल कर लंड पकड़ लिया. और हिलाने लगी. मेने अपना दूसरा उनके बूब्स पर रहा और दबाने लगा.
मेने देखा की मामीजी ने नींद में हिलना बंद कर दिया है. मुझे लगा मामाजी शायद जड गये होगे. मामीजी ने भी मेरा लंड छोड़ दिया मेरे जडने से पहले. थोड़ी देर बाद मामा और मामी जी सो गये थक कर. मगर मेरी तो नींद ही उड़ गयी थी. मुझे तो अब किसी की भी चूत चाहिए थी उस रात. मुझे याद आया. उनकी बड़ी लड़की प्रियंका मेरे बगल में सोई हुई थी. में उसकी तरफ मुड़ा, और उनकी पेंटी धीरे धीरे नीचे करने लगा. मगर वो पलट गयी.
अब में उसकी पेंटी नही उतार सकता था. में एकदम से गरम फील कर रहा था. मेने सोचा थोड़ी हिमत कर के मामीजी की गांड पर लुंड रगड लेता हु. मेने अपने कम्बल से लंड निकाल कर मामीजी के गांड पर लंड चिपका दिया. उफ्फ्फ क्या मजा आया. में तो पहले बहुत डर रहा था. मगर थोड़ी देर तक रगड ने के बाद मामीजी ने नींद में मुझे पीछे धका दे दिया. में समज गया की वो थक गयी हे, और मुड में नही है.
में वापस अपने कम्बल मे आ गया. मुझे कुछ नही सूज रहा था. और मेने धीरे से अपनी एक टांग प्रियंका के उपर रख दी, जो की मेरे ही कम्बल में सोई हुई थी. मेने धीरे धीरे अपना लंड उसके टांगो के उपर ही रगडना स्टार्ट कर दिया. थोडासा फ्रॉक उपर कर के मेने उसकी चूत पर हाथ रख दिया. और उसे सहलाने लगा. थोड़ी देर रगडने के बाद में भी जड गया, और सो गया.
सुबह प्रियंका अपनी मम्मी के पास गयी. और बोला की मेरे उपर कुछ लगा हुआ है. मामीजी को तुरंत समज आ गया की क्या हुआ है. उन्होंने बोला के ये कुछ नही है. बोला के तू जा कर भैया को अंदर भेज. प्रियंका मुझे बुलाने बहार आई. और फिर खेलने चली गयी.
में घर में अंदर गया तो देखा की मामीजी एकदम गुस्सा है. उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया, और एक जोर का थप्पड़ मारा. में जोर से रोने ही जा रहा था की उन्हें अपनी गलती का अहेसास हुआ. और उन्होंने अपने हाथ से मेरा मुह बंध कर दिया. मगर में दर्द से रोये जा रहा था. तो उन्होंने जल्दी से मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया. में चुप नही हो रहा था तो उन्होंने अपने ब्लाउस के दो बटन खोले और मेरा हाथ पकड़ कर उसमे दाल दिया.
में तो जैसे की चुप अचानक से हो गया. मेने जोर से उनके बूब्स को दबाया, और चूमने लगा. वो धका देकर बोली मुझ से की अभी तू जा. मेने बोला नही. में नही जाऊंगा.तो मेरी मामी बोली क्या लेगा तू जाने का? मेने कहा मेरा लंड हिला दो थोडा. उन्होंने जल्दी से मेरे पेंट में हाथ डाल कर मेरा लंड पकड कर हिलाना स्टार्ट कर दिया. थोड़ी देर में में जड गया. मेने मामी जी के एक गाल पर किस किया और चला गया.
जब में घर से बहार निकल रहा था तो देखा की प्रियंका चुप के से ये सब देख रही थी. जैसे ही में बहार आया, उसने मुझे पूछा, क्या हुआ? क्यों रो रहे थे? मम्मी क्या कर रही थी तेरे पेंट में हाथ डाल कर? मेने बोला कुछ नही. मगर वो जीद करने लगी. तो मेने बोला अच्छा सुनो, में बताऊंगा. मगर प्रॉमिस करो. तुम किसी को नही बताओगी. उसने बोला ठीक है. फिर मेने उसको पूछा. ऐसी कोई जगह हे, जहा कोई भी नही आता जाता हो? उसने बोला, हा हे एक जगह.
वो मुझे खेत में ले गयी जहा एक घर था. कभी कभी उस घर में मामा जी सोया करते थे रात को खेत में निगरानी करने के लिए. हम अंदर चले गये. अंदर जाकर मेने लोक लगा दिया. मेने बोला की में तुम्हे सब कुछ बताऊंगा. मगर तुम्हे भी मेरी बात माननी पड़ेगी, वो बोली क्या?
मेने बोला की तुम्हे कपड़े उतारने पड़ेंगे. पहले तो उसने मना कर दिया. तो में बोला के, फिर में नही बताऊंगा. थोड़ी देर सोचने के बाद वो तैयार हो गई. उसने अपनी फ्रोक उतार दी. और पेंटी में खड़ी हो गयी. मेने भी अपने कपड़े उतार दिया.
फिर मेने उसके हाथ में अपना लंड रख दिया. और बोला, इसको धीरे धीरे हिला. उसने हिलाना स्टार्ट कर दिया. मेने बोला ये कर रही थी तेरी मम्मी. उसने बोला ऐसे क्यों? मेने कहा मुझे मजा आता हे इसमें, तो उसने कहा मुझे भी करो.
मेने बोला, मगर तेरे पास लंड नही है.
तो वो जीद करने लगी. तो मेने उसकी पेंटी उतार कर. उसकी चूत में ऊँगली डाल दी. और अंदर बहार करने लगा. वो बोलने लगी की बहुत मजा आ रहा है. भैया आप करते रहिए. मेने कहा इससे भी ज्यादा मजा तब आएगा जब में अपना लंड तेरी चूत में घुसाऊँगा. उसने बोला ठीक है. मेने अपना छोटा सा लंड उसकी छोटी सी चूत में घुसा दिया. पहला स्ट्रोक देते ही वो चीख पड़ी.
में डर गया और अपना लंड बहार निकालने लगा. मगर मेने देखा की वो मुझे जोर से पकड़ी हुई है और अलग नही होने दे रही है. मेने सोचा शायद उसको मजा आ रहा है. तो मेने चोदना जारी रखा. थोड़ी देर बाद हम दोनो जड गये…